
यूपी के इस विश्वविद्यालय में पीएचडी एडमिशन के लिए लागू होगा यूजीसी का नया नियम
दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में एक बार फिर शोध अध्यादेश में बदलाव किया जाएगा। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के दिशा-निर्देशों को देखते हुए इसकी कवायद चल रही है। हालांकि यह सत्र 2024-25 से लागू होगा। डीडीयू का नया शोध अध्यादेश स्वीकृति के लिए राजभवन में लंबित है। सत्र 2023-24 के शोधार्थियों पर यूजीसी के नए दिशानिर्देश का असर नहीं पड़ेगा।विश्वविद्यालय में अभी 2023-24 सत्र का पीएचडी प्रवेश नहीं हो सका है, इसलिए विश्वविद्यालय पीएचडी प्रवेश के यूजीसी के नए नियम को इस वर्ष लागू नहीं करेगा। यूजीसी ने नए नियम को लागू करने का सत्र 2024-25 निर्धारित किया है। ऐसे में पिछले वर्ष पीएचडी प्रवेश न ले पाने का फायदा विश्वविद्यालय को मिल गया है। इसी को आधार बनाकर विश्वविद्यालय जल्द अंतिम पीएचडी प्रवेश परीक्षा कराने की तैयारी में हैं।विश्वविद्यालय प्रशासन ने काफी मशक्कत के बाद नया शोध अध्यादेश तैयार किया था। विद्या परिषद व कार्य परिषद की स्वीकृति के बाद अंतिम स्वीकृति के लिए राजभवन भेजा था। अभी कुलाधिपति की स्वीकृति का विश्वविद्यालय प्रशासन को इंतजार ही था कि शोध प्रवेश को लेकर यूजीसी का नया परिपत्र जारी हो गया, जिसमें नेट (नेशनल एलिजबिलिटी टेस्ट) के नंबर के आधार पर पीएचडी में प्रवेश लेने का निर्देश है। इसके जरिये यूजीसी ने देश के सभी उच्च शिक्षण संस्थानों में पीएचडी प्रवेश की प्रक्रिया का मानकीकरण कर दिया है।तीन कैटेगरी में घोषित होगा नेट का परिणामयूजीसी के नए अध्यादेश के मुताबिक पीएचडी प्रवेश को लेकर अब नेट का परिणाम तीन कैटेगरी में घोषित किया जाएगा। अबतक यह दो कैटेगरी में ही घोषित होता था। जिन अभ्यर्थियों का नेट परसेंटाइल अधिक होगा, वह कैटेगरी-1 में आएंगे। ऐसे अभ्यर्थी जेआरएफ, असिस्टेंट प्रोफेसर और फेलोशिप के साथ पीएचडी में प्रवेश के योग्य होंगे। कैटेगरी-2 में मध्यम परसेंटाइल वाले अभ्यर्थी होंगे। यह केवल असिस्टेंट प्रोफेसर और पीएचडी में प्रवेश के योग्य माने जाएंगे। अंतिम व कैटेगरी-3 के अभ्यर्थी सिर्फ पीएचडी में प्रवेश के योग्य होंगे।यूजीसी के नए गाइडलाइंस के अनुसार शोध अध्यादेश में प्रवेश प्रक्रिया को लेकर संशोधन किया जाएगा। फिलहाल विश्वविद्यालय द्वारा तैयार शोध अध्यादेश स्वीकृति के लिए राजभवन भेजा गया है। वहां से स्वीकृति प्राप्त होने के बाद उसमें एक बार फिर संशोधन की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इसमें समय लगेगा। फिलहाल विश्वविद्यालय अभी बीते सत्र के लिए पीएचडी प्रवेश नहीं ले सका है। यूजीसी का नया दिशानिर्देश सत्र 2024-25 से लागू होगा। - प्रो. पूनम टंडन, कुलपति, डीडीयू
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