UPSC:  मेंस एग्जाम के लिए भारतीय इतिहास की उपलब्धियों पर विशेष ध्यान दें अभ्यर्थी, जानें एक्सपर्ट के टिप्स

UPSC: मेंस एग्जाम के लिए भारतीय इतिहास की उपलब्धियों पर विशेष ध्यान दें अभ्यर्थी, जानें एक्सपर्ट के टिप्स

संघ लोक सेवा आयोग की 20 सितंबर से शुरू हो रही सिविल सेवा मुख्य परीक्षा में इतिहास (वैकल्पिक) की तैयारी में खास सावधानी बरतने की आवश्यकता है। दृष्टि आईएएस के इतिहास के विशेषज्ञ अख्तर मलिक के अनुसार भारतीय इतिहास की उपलब्धियों पर विशेष ध्यान देना चाहिए। मानचित्र पर विशेष ध्यान देने के ही निम्न बिन्दुओं को ध्यान में रखना चाहिए-प्रथम प्रश्न पत्र प्राचीन भारत पाषाणकालीन एवं सैंधव कालीन पुरास्थल एवं पुरातात्विक स्रोत, सिंधु घाटी सभ्यता, वैदिक काल का विश्लेषणात्मक अध्ययन, धर्म दर्शन, विशेषत शैव, जैन, बौद्ध एवं वैष्णव (नयनार, अलवार), इनसे संबधित आचार्य, साहित्यिक ग्रंथ, संप्रदाय एवं उप संप्रदाय पर विशेष ध्यान।महाजनपद एवं मौर्य काल के महत्वपूर्ण शासक एवं उनकी उपलब्धियां तथा पतन के कारण आदि, अशोक के अभिलेख, अशोक द्वारा किए गए धम्म प्रचार तथा अशोक कालीन सांस्कृतिक उपलब्धियां तुलनात्मक समीक्षा, मौर्योत्तर काल की सांस्कृतिक उपलब्धि एवं साहित्यिक योगदान, सामाजिक एवं आर्थिक स्थिति की अवधारणात्मक जानकारी।संगम काल विशेष रूप से चोल, चेर, पांड्य, सातवाहन आदि से संबंधित प्रशासन, आर्थिक एवं सांस्कृतिक उपलब्धि, विशेषकर स्थापत्य शैली के सन्दर्भ में, गुप्त कालीन राजनीति, समाज एवम् सामरिक स्थिति, सांस्कृतिक उपलब्धि आदि, गुप्तोत्तर काल के राजवंश तथा उनकी सांस्कृतिक उपलब्धियां, कालीदास, वराहमिहीर, शुद्रक, चरक आदि विद्वानों के साहित्यिक ग्रंथ तथा इनमें वर्णित विषय।कला के अन्तर्गत मंदिर, स्थापत्य कला, मुद्रा, मूर्ति कला, गुफा, गुहा आदि कलाओं पर तथ्यात्मक जानकारी एवं मानचित्र पर महत्त्वपूर्ण क्षेत्र को लोकेट करना। पूर्व मध्यकाल में शहरीकरण, ग्रामीण अर्थव्यवस्था, व्यापार, वाणिज्य एवं महिलाओं की स्थिति से सम्बंधित जानकारी, धर्म-दर्शन शंकराचार्य, वेदांत आदि में, धर्म , साहित्य, कला एवं स्थापत्य।मध्यकाल दिल्ली सल्तनत में प्रशासन, सामाजिक सांस्कृतिक एवं विभिन्न शासकों द्वारा किए गए सुधार, हिंद इस्लामी संस्कृति; विशेषत साहित्य एवं कला के तत्व तथा मध्यकालीन महत्वपूर्ण शासकों के विषय में राजनीतिक एवं वैचारिक दृष्टिकोण खिलजी, तुगलक तथा अकबर के विशेष सन्दर्भ, मुगल काल का सांस्कृतिक प्रभाव।द्वितीय प्रश्न पत्र आधुनिक भारत- 1600 यूरोपीय आगमन लेकर 1885 तक की महत्वपूर्ण घटनाओं की तुलनात्मक समीक्षा की दृष्टी से अध्ययन, ब्रिटिश विस्तार तथा अर्थव्यवस्था, समाज, संस्कृति आदि पर पाश्चात्य प्रभाव, समाज सुधार आंदोलन, जनजातीय, कृषक आदि के सन्दर्भ।1885 से 1947 तक राष्ट्रवाद के उदय, उदारवादी चरण, उग्रवादी चरण ,गांधीवादी चरण आदि तथा गांधीवादी आंदोलन के विषय में अवधारणात्मक जानकारी, महत्वपूर्ण व्यक्तित्व तथा उनकी विचारधारा। यूरोपियों द्वारा लाए गए विभिन्न नियम कानून अधिनियम आदि, स्वतंत्रता आंदोलन के समय प्रकाशित होने वाले विभिन्न पत्र एवं पत्रिकाओं के विषय में अवधारणात्मक समझ, भारत में समाजवादी, पूंजीवादी, साम्यवाद जैसे समकालीन विचारधारा का प्रभाव।विश्व इतिहास अमेरिकी, फ्रेंच क्रांतियां, राष्ट्रवाद एवं लोकतंत्र के दृष्टिकोण से राष्ट्रों के एकीकरण एवं सीमाओं का पुनर्निर्धारण, औद्योगिकरण, उपनिवेशवाद, उदारीकरण एवं मार्क्सवादी विचारधारा आदि, दो विश्व युद्ध तथा शीत युद्ध, तृतीय विश्व आदि की तुलनात्मक समीक्षा। उपरोक्त विषयों को वैश्विक प्रभाव के विशेष सन्दर्भ में देखें।

2024-09-17 06:54:25

Disclaimer: This story is auto-aggregated by a computer program and has not been created or edited by Learningcity. Publisher: livehindustan