
UPSC CSE : पूर्व नौकरशाहों ने यूपीएससी अभ्यर्थियों को लेकर अर्थशास्त्री सान्याल के बयान को बताया बेतुका
प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (ईएसी-पीएम) के सदस्य संजीव सान्याल ने कहा है कि लाखों छात्र सिविल सेवा परीक्षा के लिए पांच से आठ साल साल की तैयारी करते हैं, यह वास्तव में युवा ऊर्जा की बर्बादी है। सान्याल ने कहा कि अगर कोई प्रशासक बनना चाहता है तो उसे ही यूपीएससी (संघ लोक सेवा आयोग) या ऐसी अन्य परीक्षाओं के लिए प्रयास करने चाहिए। यूपीएससी या ऐसी अन्य परीक्षाओं का प्रयास करना बिल्कुल ठीक है, लेकिन केवल तभी जब व्यक्ति प्रशासक बनना चाहता हो। सान्याल ने एक्स पर लिखा है, समस्या यह है कि लाखों युवा इस परीक्षा को पास करने के लिए पांच से आठ साल लगा रहे हैं। इसे उन्होंने जीवन का ढर्रा बना लिया। यह वास्तव में युवा ऊर्जा की बर्बादी है। यह आश्चर्य की बात हो सकती है, लेकिन उनकी इस राय से ज्यादातर नौकरशाह सहमत हैं। उनकी भी सोच यही है। ये वे लोग हैं जिन्होंने किसी समय परीक्षा पास की थी।अर्थशास्त्री ने कहा कि एक पूरा उद्योग वास्तव में कोटा जैसे पूरा शहर एक परीक्षा की तैयारी से जुड़ा है। जबकि इसमें से एक प्रतिशत से भी कम आवेदक सफल होंगे। और यह हर साल हो रहा है। कल्पना कीजिए कि इस बड़े प्रयास को दूसरे क्षेत्रों में लगाया जाए तो क्या परिणाम होंगे।पूर्व नौकरशाहों ने सान्याल की टिप्पणियों को बेतुका बताया :पूर्व नौकरशाहों ने संजीव सान्याल की टिप्पणियों को बेतुका और टालने योग्य बताया है। सान्याल की टिप्पणियों पर पूर्व आईएएस अधिकारी जी सुंदरम ने कहा, यह बेतुका है। भारत एक विशाल देश है। हम अखंड भारत में रुचि रखते हैं और यही कारण है कि सरदार वल्लभभाई पटेल, (स्वतंत्र भारत के पहले गृह मंत्री) ने भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) और भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) जैसी अन्य सेवाओं का निर्माण किया। यह सब ठीक से काम कर रहा है। कुछ कमियां हो सकती हैं जिन्हें निश्चित तौर पर सुधारा जा सकता है। गुजरात कैडर के 1962 बैच के आईएएस अधिकारी सुंदरम पर्यटन सचिव के रूप में सेवानिवृत्त हुए है। सुंदरम ने कहा, उनकी (सान्याल की) टिप्पणियां पूरी तरह से टालने योग्य थीं।UPSC CSE : घूंघट में छापा मारने वाली IAS अफसर कृति की यूपीएससी में क्या थी रैंक, कितने आए थे मार्क्सवहीं, कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के पूर्व सचिव एस के सरकार ने कहा कि सान्याल का बयान टाला जा सकता था। यह युवा ऊर्जा या संसाधनों की बर्बादी नहीं है। पश्चिम बंगाल कैडर के 1979 बैच के आईएएस अधिकारी ने कहा, मैं उनके दावे से सहमत नहीं हूं। बहुत से लोग सरकारी सेवाओं का हिस्सा बनने की इच्छा रखते हैं। राष्ट्र निर्माण और विकास में योगदान देने के लिए ये भारत की सर्वोत्तम सेवाएं हैं। उनकी टिप्पणियों से बचा जा सकता था।उधर, पूर्व आईएएस अधिकारी संजीव चोपड़ा ने कहा कि सान्याल को अपने विचार रखने का अधिकार है, लेकिन सिविल सेवक बनने की इच्छा रखने वाले युवाओं की आलोचना करना अच्छी बात नहीं है। हर कोई अंबानी बनने की ख्वाहिश नहीं रखता। लोग कवि, चित्रकार और अभिनेता भी बनना चाहते हैं। कई लोग सरकार के लिए काम करना चाहते हैं।
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