
UPSC CSE में पक्के हो सकते हैं 500 मार्क्स, ऑप्शनल सब्जेक्ट्स को चुनते समय अगर इन बातों का रखा ध्यान
UPSC CSE Optional Subject: यूपीएससी सिविल सर्विस मुख्य परीक्षा के लिए दो ऑप्शनल सब्जेक्ट्स का चयन करना जरूरी होता है। बता दें, ये ऑप्शनल सब्जेक्ट्स परीक्षा के कुल 2025 मार्क्स में से 500 मार्क्स के होते हैं। अगर आप यूपीएससी की तैयारी कर रहे हैं, तो आपको सलाह दी जाती है, कि आप यूपीएससी मुख्य परीक्षा के लिए ऑप्शनल सब्जेक्ट्स चुनते समय कुछ बातों का ध्यान जरूर रखें।आपको बता दें, ऑप्शनल सब्जेक्ट्स के चयन के दौरान यूपीएससी उम्मीदवारों को भारी तनाव और भ्रम का सामना करना पड़ता है, इसलिए आज हम आपको IRS अधिकारी बंकेश कुमार समेत कई यूपीएससी क्लियर कर चुके उम्मीदवारों की ओर से दिए गए टिप्स के बारे में बताने जा रहे हैं। जिन्होंने बताया, कैसे यूपीएससी में ऑप्शनल सब्जेक्ट्स को चुनना सही रहेगा।सबसे पहले आपको बता दें, यूपीएससी में 48 ऑप्शनल सब्जेक्ट्स होते हैं। यूपीएससी में प्रत्येक ऑप्शनल सब्जेक्ट्स में 250-250 अंकों के दो पेपर (पेपर I और पेपर II) शामिल होते हैं। बता दें, इसलिए, ऑप्शनल पेपर का वेटेज फ फाइनल स्कोर का 30% है।बंकेश कुमार के अनुसार, “उम्मीदवार को ऐसे ऑप्शनल सब्जेक्ट का चयन करना चाहिए जिसके प्रति उनका जुनून हो। उदाहरण के लिए, यदि आप इंजीनियरिंग के छात्र हैं लेकिन लिटरेचर में आपकी रुचि है, तो उसे चुन सकते हैं।UPSC परीक्षा पास करने वाली मानसी नरेंद्र सोनावणे का कहना है कि, " बेस्ट ऑप्शनल सब्जेक्ट्स जैसी कोई चीज नहीं है। आपको सब्जेक्ट्स के साथ अपनी नॉलेज के बारे में भी जानना होगा, क्योंकि ऑप्शनल सब्जेक्ट्स की तैयारी के लिए गहराई से पढ़ाई करने की जरूरत होती है। ऑप्शनल सब्जेक्ट्स को चुनते समय सबसे ज्यादा जरूरी है कि आप सहज है या नहीं।यूपीएससी 2022 में रैंक 194 हासिल करने वाले आईएएस ओंकार पवार का सुझाव है कि गणित जैसे टेक्निकल सब्जेक्ट्स में अधिक मार्क्स मिलते हैं क्योंकि इसमें सटीक होते हैं। हालांकि, पॉलिटिकल साइंस और सोशियोलॉजी जैसे नॉन टेक्निकल सब्जेक्ट्स में अधिक तैयारी का समय चाहिए होता है। वहीं ये सब्जेक्ट्स जनरल स्टडी सिलेबस के साथ ओवरलैप होता है।श्री बंकेश उम्मीदवारों को सलाह देते हैं कि वे पिछले वर्ष के परीक्षा प्रश्नों को चेक करें और जिन ऑप्शनल सब्जेक्ट्स में रुचि हो, उनके फंडामेंटल टेस्ट या किताबें पढ़ें। वहीं अंत में यही कहा, पूरी तरह से ऑप्शनल सब्जेक्ट का चयन उम्मीदवार की क्षमता पर निर्भर करता है कि वह किन सब्जेक्ट्स को चुनकर पढ़ाई करना चाहते हैं।
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