
UPPSC: उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने जारी किया PCS-J का नया रिजल्ट, 2 बाहर और 2 नए का चयन
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) ने उत्तर प्रदेश न्यायिक सेवा सिविल जज (जूनियर डिवीजन) परीक्षा-2022 (पीसीएस जे) का संशोधित अंतिम परिणाम शुक्रवार को जारी कर दिया। संशोधन के बाद 30 अगस्त 2023 को जारी अंतिम परिणाम में चयनित किए गए दो अभ्यर्थी बाहर कर दिए गए हैं जबकि दो नए अभ्यर्थियों को चयनित किया गया है। हालांकि आयोग ने इन चारों अभ्यर्थियों के बारे में आधिकारिक तौर पर कोई जानकारी नहीं दी है। आयोग ने पीसीएस जे 2022 का अंतिम परिणाम पिछले साल 30 अगस्त को जारी किया था। परिणाम से असंतुष्ट मुख्य परीक्षा में शामिल हुए अभ्यर्थी श्रवण पांडेय ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि उसकी कॉपी बदल दी गई है, इसकी जानकारी उसे आरटीआई के द्वारा कॉपी देखने के बाद हुई।हाईकोर्ट के निर्देश पर मामले की जांच कराई गई तो पता चला कि 25-25 के बंडल में रखी गई मुख्य परीक्षा की कॉपियों का बंडल बदल गया था। यानी कुल 50 अभ्यर्थी इससे प्रभावित हुए थे। आयोग ने मुख्य परीक्षा में शामिल सभी अभ्यर्थियों को बुलाकर जुलाई के अंत तक उनकी कॉपियां दिखाईं और फिर 17 अगस्त को मुख्य परीक्षा का संशोधित परिणाम जारी करते हुए पांच उन अभ्यर्थियों को इंटरव्यू के लिए सफल किया था, जो योग्य होते हुए भी इंटरव्यू में शामिल नहीं हो सके थे। इनका इंटरव्यू करवाने के बाद शुक्रवार को अंतिम परिणाम घोषित कर दिया गया।याची श्रवण पांडेय का भी नहीं हुआ चयनआयोग ने 17 अगस्त को जिन पांच अभ्यर्थियों को सफल घोषित करते हुए उनके रोल नंबर जारी किए थे, उनमें परिणाम को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करने वाले श्रवण कुमार पांडेय का रोल नंबर भी शामिल था। शुक्रवार को जारी हुए परिणाम में यह पांचों रोल नंबर नहीं दिख रहे हैं। स्पष्ट है कि इन पांच में से किसी का चयन नहीं हुआ। आयोग सूत्रों का कहना है कि कॉपी बदलने से प्रभावित अभ्यर्थियों में वे अभ्यर्थी भी शामिल थे, जो इंटरव्यू दिए थे पर चयन नहीं हो सका था। अनुमान लगाया जा रहा है कि जिन दो नए अभ्यर्थियों का चयन हुआ है वो इसी तरह के कोई दो अभ्यर्थी हो सकते हैं। पिछले साल 302 लोगों को सफल किया गया था जबकि अब 303 को सफल किया गया है। कहा जा रहा है कि एक अभ्यर्थी ने इस परीक्षा को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल थी, इसलिए आयोग ने पिछले साल एक पद का परिणाम रोक दिया था, अब उसका परिणाम भी घोषित कर दिया गया है। इस वजह से संख्या 302 से 303 हो गई है।उठे सवाल, आखिर क्यों नाम छिपा रहा है आयोगसंशोधित अंतिम परिणाम जारी होने के बाद आयोग की भूमिका पर एक बार फिर सवाल उठे हैं, सवाल इस बात को लेकर उठाया जा रहा है कि आयोग बाहर हुए और सफल हुए अभ्यर्थियों के नाम आखिर क्यों छिपा रहा है। संशोधित परिणाम में आयोग ने इसका उल्लेख करने के बजाए 303 चयनित अभ्यर्थियों की सूची ठीक उसी तरह से जारी कर दी है, जैसे पिछले साल 302 अभ्यर्थियों की जारी की गई थी। दोनों सूची देखने से एक बात और स्पष्ट हो रही है कि परिणाम संशोधित होने के बाद कई अभ्यर्थियों के रैंक में भी बदलाव हुआ है।
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