
UGC Guidelines : जानें क्या है एक साथ दो डिग्री कोर्स करने का सही तरीका, क्या है नियम
एक साथ दो डिग्री कोर्स कैसे करें, वे कोर्स किस तरह के होने चाहिए, उन्हें लेकर क्या नियम हैं? इसे लेकर बहुत से स्टूडेंट्स कंफ्यूज हैं। करियर काउंसलर आशीष आदर्श ने बारे में बताया कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग यानी यूजीसी द्वारा इस प्रस्ताव को स्वीकृत कर दिया गया है कि छात्र एक साथ दो पाठ्यक्रमों में दाखिला ले सकेंगे और समान सत्र में किये जाने वाले उन दोनों पाठ्यक्रमों की मान्यता रहेगी, परन्तु इनमें से एक पाठ्यक्रम रेगुलर कोर्स होगा, जिसमें आप नियमित रूप से कक्षा में उपस्थित रहेंगे, वहीं दूसरा पाठ्यक्रम ऑनलाइन या डिस्टेंस मोड में होगा। ये दोनों पाठ्यक्रम डिप्लोमा, बैचलर या मास्टर डिग्री स्तर के हो सकते हैं। छात्र दो अलग-अलग पाठ्यक्रम अलग- अलग विश्वविद्यालय से भी कर सकते हैं। छात्र दाखिला लेते समय इस बात का ध्यान रखेंगे कि दोनों की कक्षा के समय में भिन्नता हो। इसे पहले की भांति ‘डुअल डिग्री’ नहीं, बल्कि नए टर्म में ‘टू डिग्री’ कोर्स का नाम दिया गया है। अत अब समान सत्र में की जाने वाले दो डिग्रियों का लाभ आपको करियर में मिल सकेगा।प्रश्न मैं एस्ट्रोलॉजी के क्षेत्र में अपना करियर बनाना चाहता हूं। कृपया विस्तृत जानकारी देने का कष्ट करें। - रवि त्रिपाठीएक्सपर्ट का उत्तर - पहले ज्योतिष शास्त्रत्त् संस्कृत के पाठ्यक्रम का हिस्सा हुआ करता था, परंतु अब इसे एक स्वतंत्र विषय के रूप में विकसित किया जा रहा है। आज ज्योतिष से संबंधित कई पाठ्यक्रम देश में उपलब्ध हैं। देश में लगभग 20 संस्कृत कॉलेज और यूनिवर्सिटीज हैं, जिनके अंतर्गत कई कॉलेजों में एस्ट्रोलॉजी पाठ्यक्रम कई उपाधियों के नाम से संचालित किये जाते हैं। मसलन, मैट्रिक के बाद उपशास्त्र का कोर्स कर सकते हैं, जो 10+2 के समकक्ष है। उसी प्रकार, ग्रेजुएशन के समकक्ष शास्त्री और ग्रेजुएशन के बाद पोस्ट ग्रेजुएशन के समकक्ष आचार्य की उपाधि प्रदान की जाती है। एक दूसरा विकल्प है, ज्यादातर स्थापित ज्योतिषी अपना निजी प्रशिक्षण संस्थान चलाते हैं और ज्योतिष शास्त्रत्त् के 3 माह से 1 वर्ष तक के अल्पकालीन पाठ्यक्रम संचालित करते हैं। इनमें कई पाठ्यक्रम ऑनलाइन भी उपलब्ध हैं। संस्थान के लिए इंटरनेट देखें। एक बात और, एक स्थापित प्रोफेशनल एस्ट्रोलॉजर बनने के लिए कोर्स पूरा करने के बाद न्यूनतम 2 वर्ष विभिन्न कुंडलियों पर शोध करें। इससे आपका आत्मविश्वास बढ़ेगा और आपकी सही गणना से लोगों के बीच आपकी विश्वसनीयता भी बढ़ेगी।
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