
दिल्ली का ये इलाका होगा UPSC कोचिंग का नया गढ़, क्या खाली हो जाएंगे ORN व मुखर्जी नगर, विकास दिव्यकीर्ति के बयान से मिले संकेत
क्या अब दिल्ली में ओल्ड राजेन्द्र नगर (ओआरएन) और मुखर्जी नगर यूपीएससी व पीसीएस की कोचिंग के गढ़ नहीं रहेंगे। क्या ओआरएन के कोचिंग संस्थान में हुए हादसे के बाद दिल्ली में यूपीएससी व पीसीएस की कोचिंग का नया गढ़ बनने जा रहा है। दृष्टि आईएएस कोचिंग के संस्थापक, एमडी और शिक्षक विकास दिव्यकीर्ति के ताजा बयान से संकेत मिले हैं कि निकट भविष्य में कोचिंग संस्थानों को नई जगह पर शिफ्ट ( UPSC coaching hub ) किया जा सकता है। ओआरएन ( ORN - Old Rajendra Nagar ) में हुए हादसे के बाद कोचिंग संस्थानों के खराब इंफ्रास्ट्रक्चर, छात्रों के पीजी व हॉस्टल संबंधी कई समस्याओं का मुद्दा गरमा गया है। बेहद कम जगह पर बेशुमार कोचिंग संस्थान, अवैध अतिक्रमण, भारी किराया देने के बावजूद छोटे छोटे कमरों में रहने को मजबूर छात्र जैसी कई दिक्कतें प्रकाश में आई हैं। राव स्टडी सर्किल के बेसमेंट में पानी भरने के चलते तीन छात्रों की मौत के मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए विकास दिव्यकीर्ति ने कहा कि इंस्टीट्यूट की दिक्कतें भी समझी जानी चाहिए। अगर किसी कोचिंग हब में कोई इंस्टीट्यूट है और उस हब में से अगर किसी एक इंस्टीट्यूट को बाहर निकाल देंगे तो वो खत्म हो जाएगा। होना यह चाहिए कि सभी संस्थानों को एक साथ कहीं और शिफ्ट (रीलोकेट) कर दिया जाए। डॉ. दिव्यकीर्ति ( Dr Vikas Divyakirti ) ने कहा, 'डीडीए के वाइस चेयरमैन सुभाषिश पांडा जी से मेरी बात हुई थी। उन्होंने मुझे यह प्रस्ताव दिया कि क्या अगर सभी इंस्टीट्यूट उचित समझें और साथ आएं तो क्या नरेला में हम एक बड़ा कोचिंग हब बना सकते हैं। मैंने कहा कि प्रस्ताव अच्छा है। लेकिन सब इंस्टीट्यूट के मन में दुविधा यह होगी कि वो चला गया, बाकी नहीं गए तो क्या होगा। तो अच्छा यह होगा कि सबकी मीटिंग बुलाकर बात की जाए। अगर ऐसा कुछ होता है तो मैं इस दिशा में आगे बढ़ना चाहूंगा।' मेरी सलाह पर इंस्टीट्यूट मुझे कोचिंग बिरादरी से बाहर कर देंगे, विकास दिव्यकीर्ति ने ऐसा क्या दिया सुझावनरेला हो सकता है अगला कोचिंग हबएएनआई से बातचीत में उन्होंने कहा, 'मंगलवार को हुई मीटिंग में भी डीडीए की ओर से फिर से यह प्रस्ताव रखा गया है। इस पर लगभग यह सहमति बनी है कि डीडीए दिल्ली के नरेला क्षेत्र में कोचिंग संस्थानों के लिए जगह देगा। वहां हजारों फ्लैट्स है जो बच्चों के हॉस्टल बन सकते हैं। हो सकता है कि निकट भविष्य में डीडीए नरेला में या रोहिणी में इस तरह की व्यवस्था करे और इस दिशा में दिल्ली सरकार कोई बड़ा कदम उठाए। अगर ऐसा होता है तो संस्थानों को इस दिशा में सहयोग करना चाहिए।विकास दिव्यकीर्ति ने UPSC के 3 छात्रों की मौत का असली जिम्मेदार किसे बतायासमाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए उन्होंने कहा कि मैं इस हादसे की गलती किसी एक की नहीं मानता। उन्होंने कहा, 'मैं इससे बचता हूं कि सारी गलती किसी एक पर थोप दें, जैसा कि सोशल मीडिया मुझ पर थोप रहा है। मेरे ख्याल से अलग अलग कानून, अलग अलग एजेंसियों में कॉर्डिनेशन की कमी है। नीयत हालांकि सभी की ठीक है। इस मुद्दे पर हुई बैठक में एक सुझाव यह आया कि एक ऐसी कमिटी बननी चाहिए, जिसे एलजी साहब ने भी माना। कमिटी में हम अपना पक्ष रख देंगे, फिर जो आप आदेश देंगे उसका पालन होगा। बनाए गए नियमों को अगर कोई न माने, तो उसे आप बंद कर दीजिए। भ्रष्टाचार तो निश्चित रूप से है ही।' विकास दिव्यकीर्ति की UPSC में क्या थी रैंक, जानें तीनों भाइयों के सरनेम क्यों है अलगउन्होंने कहा, 'एलजी साहब ने कहा है कि वहां जो सीवर लाइंस थीं, वो अवैध निर्माण से ढक गई थीं। यह भी तो एक समस्या है। यह अवैध निर्माण भी ऐसे नहीं होते हैं, इसमें भी कहीं ना कहीं कोई शामिल होगा। मेरा मानना है कि बेसमेंट का लेवल थोड़ा ऊंचा होता तो बेहतर होता। लेकिन मुझे पता लगा कि जो नए नियम हैं उसके मुताबिक स्टिल्ट पार्किंग बनाना जरूरी है, उसमें शायद 8 सेमी का नियम है, अब नियम है या जनरली ऐसा होता है, ये मुझे नहीं पता, शायद इस वजह से दिल्ली में बेसमेंट ज्यादा ऊंची नहीं बनती दिल्ली में, एक वजह यह भी है।'
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