
Success Story: यूपीएससी ही नहीं, और भी कई बड़े एग्जाम किए पास, जानिए बिहार के प्रिंस कुमार की अनोखी स्टोरी
कहते हैं ना “लहरों से डरकर नौका पार नहीं होती, कोशिश करने वालों की हार नहीं होती” लेकिन इस कविता को आम जिंदगी में बहुत ही कम लोग सच कर दिखाते हैं, और करिश्मा करते हैं। ऐसी ही करिश्माई कोशिश बिहार के रहने वाले प्रिंस कुमार सिंह ने की है। जो अपनी मेहनत और काबिलियत से यूपीएससी ही नहीं, बल्कि बीपीएससी, एसएससी सीजीएल, और सीएपीएफ की लिखित परीक्षा पास की है। वे अब भारतीय वन सेवा पास कर आईएफएस ऑफिसर बनेंगे।आपको बता दें कि प्रिंस कुमार सिंह ने बिहार के भभुआ से स्कूल की पढ़ाई की है। इसके बाद उन्होंने कैमिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई एनआईटी जालंधर से की है। उनके पिता असम राइफल्स में कॉन्स्टेबल और माता गृहिणी हैं। बी.टेक करने के बाद उन्होंने गुजरात की एक कैमिकल इंडस्ट्री में भी कुछ दिनों तक काम किया है। लेकिन कोरोना के दौरान उन्होंने यूपीएससी पास कर ऑफिसर बनने का सपना देखा था। इसलिए 2021 में उन्होंने अपनी नौकरी छोड़ दी थी। नौकरी छोड़ने के बाद वे यूपीएससी की तैयारी करने में लगे। इसके बाद उन्होंने कई सारे बड़े एग्जाम दिए, जिसमें वे एक में भी सफल नहीं हो पाए। लेकिन असफलता मिलने के बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी, और अनेक प्रयास किए। प्रिंस कुमार सिंह एक मध्यम वर्ग परिवार से आते हैं, उनके पास यूपीएससी की कोचिंग लेने के लिए रुपये नहीं थे। इसलिए उन्होंने खुद से सभी परीक्षाओं के लिए पढ़ाई की। उन्होंने तीन बार यूपीएससी की परीक्षा दी थी। शुरुआत के पहले दो प्रयासों में वे प्रिलिम्स परीक्षा भी पास नहीं कर पाए थे। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और तीसरे प्रयास में उन्हें सफलता प्राप्त हुई। उन्होंने इस वर्ष हुई यूपीएससी आईएफएस परीक्षा में 15वीं रैंक प्राप्त की है। इसके अलावा उन्होंने एसएससी सीजीएल 2022 में AIR 177, 67वीं बिहार लोक सेवा आयोग में 222वीं रैंक हासिल की थीं। इसके अलावा उन्होंने 2 बार यूपीएससी सीएपीएफ की लिखित परीक्षा भी पास की है। प्रिंस कुमार सिंह के परिवार वालों और दोस्तों ने उन्हें हमेशा एक और प्रयास करने के लिए प्रेरित किया। जब वे असफलता पाकर टीचिंग में अपना करियर बनाने की सोचने लगे थे, तब उनके आसपास के लोगों ने उन्हें हिम्मत दी और समझाया कि उन्हें और प्रयास करना चाहिए। यह कहानी उन सभी लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन सकती है, जो आर्थिक हालातों को अपनी असफलता का कारण मानकर कोशिश करना छोड़ देते हैं। अगर आप ने कुछ कर गुजरने की ठानी है, तो एक न एक दिन सफलता आपको जरूर मिलती है।
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