PhD : यूजीसी का बड़ा फैसला, UGC NET स्कोर से ले सकेंगे पीएचडी में दाखिला, जानें नए नियम

PhD : यूजीसी का बड़ा फैसला, UGC NET स्कोर से ले सकेंगे पीएचडी में दाखिला, जानें नए नियम

यूजीसी नेट स्कोर का उपयोग छात्र विभिन्न विश्वविद्यालयों व उच्च शिक्षण संस्थानों द्वारा आयोजित प्रवेश परीक्षाओं के स्थान पर पीएचडी डिग्री कोर्स में दाखिले के लिए कर सकते हैं। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने बुधवार को यह जानकारी दी। यूजीसी ने यह भी बताया कि कैटेगरी 2 और 3 में क्वालिफाई करने वाले उम्मीदवारों को पीएचडी में प्रवेश के लिए टेस्ट स्कोर के लिए 70 वेटेज और साक्षात्कार के लिए 30 वेटेज दिया जाएगा। यूजीसी सचिव प्रोफेसर मनीष आर जोशी ने बताया कि पीएचडी के लिए एक राष्ट्रीय प्रवेश परीक्षा से छात्रों को मदद मिलेगी। यूजीसी के इस फैसले के बाद छात्रों को अब विभिन्न संस्थानों द्वारा आयोजित कई पीएचडी प्रवेश परीक्षाओं में बैठने की आवश्यकता नहीं होगी।यूजीसी नेट परीक्षा में प्रदर्शन के आधार पर इन तीन कैटेगरी में विद्यार्थियों को बांटा जाएगा। निम्न 3 कैटेगरी में पात्र होंगे यूजीसी नेट छात्र-कैटेगरी 1 में वे उम्मीदवार होंगे जो पीएचडी में एडमिशन, जेआरएफ और असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में नियुक्ति तीनों के लिए पात्र होंगे।कैटेगरी 2 में वे उम्मीदवार होंगे जो पीएचडी में एडमिशन और असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में नियुक्ति के लिए पात्र होंगे।कैटेगरी 3  में जो उम्मीदवार होंगे वे सिर्फ पीएचडी में दाखिले के लिए पात्र होंगे। बिना UGC NET और PhD किए प्रोफेसर बनने का मौका, दिल्ली की नामी यूनिवर्सिटी में निकली बंपर भर्तीदेश भर के विश्वविद्यालयों और अन्य उच्च शिक्षा संस्थानों में जूनियर प्रोफेसर फेलोशिप और असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए अभी तक यूजीसी की नेट परीक्षा का आयोजन किया जाता रहा है। लेकिन यूजीसी के उपरोक्त फैसले के बाद अब विभिन्न विश्वविद्यालयों में पीएचडी दाखिले भी यूजीसी नेट स्कोर से मिलेंगे। पीएचडी प्रवेश के लिए, कैटेगरी 2 और 3 में उम्मीदवारों द्वारा प्राप्त नेट स्कोर एक वर्ष की अवधि के लिए मान्य होंगे।यूजीसी सचिव प्रोफेसर मनीष आर जोशी ने बताया कि पीएचडी के लिए एक राष्ट्रीय प्रवेश परीक्षा से छात्रों को मदद मिलेगी। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (एनईपी 2020) को लागू करने की प्रक्रिया के रूप में राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (एनईटी) के प्रावधानों की समीक्षा के लिए एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया गया था।समिति की सिफारिश के बाद निर्णय 13 मार्च, 2024 को हुई बैठक में समिति की सिफारिशों के आधार पर, यह निर्णय लिया गया कि शैक्षणिक वर्ष 2024-2025 से, पीएचडी में प्रवेश पाने के लिए छात्र नेट स्कोर का उपयोग कर सकते हैं। पीएचडी में प्रवेश के लिए अंकों के उपयोग हेतु नेट के परिणाम को उम्मीदवार द्वारा प्राप्त अंकों के साथ प्रतिशत में घोषित किया जाएगा। पीएचडी रेगुलेशन 2022 के तहत जेआरएफ उत्तीर्ण छात्रों को साक्षात्कार के आधार पर पीएचडी में प्रवेश दिया जाता है।छात्रों का रुख होगा यूजीसी नेट की ओरदेश-प्रदेश के बहुत से विश्वविद्यालय पीएचडी प्रवेश परीक्षा समय पर नहीं करा पा रहे हैं। अनेक विवि ऐसे हैं जहां दो से तीन साल में परीक्षा नहीं हो पा रही। यूजीसी की इस व्यवस्था के बाद छात्रों को साल में दो बार एक ही टेस्ट से जेआरएफ, नेट एवं पीएचडी में प्रवेश पाने के विकल्प मिलेंगे। ऐसे में देशभर के छात्रों का रुख यूजीसी नेट की ओर हो जाएगा। यह नेशनल एंट्रेंस टेस्ट फॉर पीएचडी की तरह होगा। साथ ही विश्वविद्यालय को पीएचडी प्रवेश परीक्षा कराने के झंझट से मुक्ति मिल जाएगी।अभी यह है यूजीसी नेट की व्यवस्थायूजीसी नेट में अभी दो श्रेणियां हैं। पहली जेआरएफ एवं असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति को अर्ह जबकि दूसरी केवल असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति को अर्ह। जेआरएफ में छात्रों को पीएचडी में प्रवेश के साथ पांच साल तक फैलोशिप भी मिलती है। विवि अभी भी जेआरएफ एवं नेट उत्तीर्ण छात्रों को पीएचडी में प्रवेश को वरीयता देते हैं लेकिन जो इनमें उत्तीर्ण नहीं हैं उन्हें संबंधित विवि की पीएचडी प्रवेश परीक्षा का इंतजार करना पड़ता है।

2024-03-28 10:39:24

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