
PhD : सेल्फ फाइनेंस कोर्स में भी इसी सत्र से पीएचडी, नॉन प्रैक्टिकल में 25 और प्रैक्टिकल विषयों में 40 हजार फीस
डीडीयू में सत्र 2024 से सेल्फ फाइनेंस कोर्स में भी पीएचडी शुरू होगी। इसके लिए बुधवार को वित्त समिति की बैठक में प्रैक्टिकल और नॉन प्रैक्टिकल विषयों में शुल्क निर्धारित हो गया। अब इसे कार्य परिषद में भी मंजूरी के लिए रखा जाएगा। वहीं कार्य परिषद की बैठक 10 अक्तूबर को अपराह्न 4 बजे से होगी। डीडीयू में बुधवार को वित्त समिति की बैठक हुई। इसमें वित्त से सम्बंधित कई निर्णय लिए गए। इसमें सत्र 2024 से ही प्रस्तावित सेल्फ फाइनेंस कोर्स में पीएचडी के शुल्क पर चर्चा की गई। विमर्श के बाद शुल्क निर्धारित कर दिया गया। बताते हैं कि सेल्फ फाइनेंस कोर्स में पीएचडी के लिए नॉन प्रैक्टिकल विषयों का शुल्क प्रथम सेमेस्टर में 31 हजार रुपये और उसके बाद अन्य सेमेस्टर में 25 हजार रुपये होगा। सेल्फ फाइनेंस कोर्स में प्रैक्टिकल विषयों का शुल्क प्रथम सेमेस्टर में 46 हजार और अगले सेमेस्टर से 40 हजार रुपये होगा। वित्त समिति से निर्धारित शुल्क को अनुमोदन को 10 अक्तूबर को आयोजित कार्य परिषद की बैठक में रखा जाएगा। वहां से मंजूरी के बाद आगे की प्रक्रिया शुरू होगी।एकेडमिक काउंसिल में तैयार होगा प्रस्ताव : सेल्फ फाइनेंस कोर्स का पाठ्यक्रम सम्बंधित विभागों के बोर्ड ऑफ स्टडीज से तैयार होगा। इसके बाद उसे एकेडमिक काउंसिल में रखा जाएगा। इन समितियों से कोर्स की स्वीकृति के बाद सेल्फ फाइनेंस कोर्स में भी पीएचडी संभव होगा।अध्यादेश पर विचार कर रहा डीडीयूडीडीयू में पीएचडी में प्रवेश एक सत्र की देरी से चल रहा है। वर्तमान में रेट-2023 के अभ्यर्थियों की प्रवेश प्रक्रिया चल रही है। इसकी प्रक्रिया पूरी होने के बाद अगले दो-तीन महीने में सत्र 2024 में पीएचडी की प्रवेश प्रक्रिया शुरू होगी। यूजीसी के दिशा-निर्देशों के अनुसार शोध अध्यादेश में बड़े बदलाव किए जाने हैं। इसके तहत शोध पात्रता परीक्षा समाप्त हो जाएगी। पीएचडी में प्रवेश को नेट-जेआरएफ अनिवार्य होगा। डीडीयू की सभी समितियों से नए अध्यादेश को अनुमोदन के बाद स्वीकृति के लिए राजभवन भेजा जाएगा। राजभवन से मंजूरी के बाद नए शोध अध्यादेश के आधार पर पीएचडी में प्रवेश लिया जाएगा।वित्त समिति की बैठक में सेल्फ फाइनेंस कोर्स के शुल्क का निर्धारण किया गया। अन्य निर्णय भी लिए गए हैं। गुरुवार को आयोजित कार्य परिषद की बैठक में परीक्षा समिति और वित्त समिति से अनुमोदित हो चुके विषयों को भी रखा जाएगा।- प्रो. पूनम टंडन, कुलपति, डीडीयू
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