PhD : पीएचडी के वाइवा में छात्रों को अब दिखानी होगी पीपीटी

PhD : पीएचडी के वाइवा में छात्रों को अब दिखानी होगी पीपीटी

बीआरएबीयू, मुजफ्फरपुर में पीएचडी वाइवा में बदलाव की तैयारी चल रही है। विवि प्रशासन विचार कर रहा है कि वाइवा का स्वरूप व्यापक हो। वाइवा में अब शोध छात्रों को पीपीटी बनाकर अपनी थीसिस के बारे में जानकारी देनी होगी। बीआरएबीयू के कुलपति प्रो. दिनेश चंद्र राय ने बताया कि हमलोग पीएचडी वाइवा करने के तरीके में बदलाव करने का विचार कर रहे हैं। वाइवा में विभागाध्यक्ष, विशेषज्ञ और गाइड के साथ कुलपति भी शामिल होंगे। कुलपति के निर्देशन में ही पीएचडी वाइवा लेने की तैयारी चल रही है। विवि से जुड़े लोगों ने बताया कि अब तक शोध के बाद वाइवा पीजी विभागों में होती थी, लेकिन अब विवि प्रशासन विचार कर रहा है कि सभी विषयों की वाइवा एक ही जगह हो।इसके लिए एकेडमिक स्टाफ कॉलेज में एक कमरे को तैयार करने पर काम चल रहा है। उम्मीद है कि नये सत्र से जो भी पीएचडी वाइवा होगी वह इसी जगह होगी। शोध में गुणवत्ता लाने के लिए यह कदम उठाया जा रहा है। बीआरएबीयू में पहली बार ऐसा होगा कि वाइवा में कुलपति खुद मौजूद रहेंगे। इसमें तकनीक का भी सहारा लिया जायेगा। कुलपति भी छात्र से उसके थीसिस के बारे में सवाल पूछ सकते हैं। अब तक सिर्फ विशेषज्ञ ही वाइवा में छात्रों से सवाल पूछते थे। विवि सूत्रों ने बताया कि अब तक वाइवा बहुत ही औपरचारिक तरीके से होती रही है, लेकिन अब इसमें बदलाव का प्रयास किया जा रहा है।बिहार विवि खुद बनाएगा डीजी लॉकरबीआरएबीयू खुद छात्रों के लिए डिजी लॉकर तैयार करेगा और उसमें सर्टिफिकेट अपलोड करेगा। विवि ने इसके लिए एजेंसी को काम नहीं दिया है। कुलपति प्रो. दिनेश चंद्र राय ने गुरुवार को बताया कि एजेंसी ने एक सर्टिफिकेट के लिए 9 रुपये 85 पैसे की मांग की थी। इससे 10 लाख रुपये का खर्च डीजी लॉकर पर आता। इसलिए हमलोगों ने विचार किया है कि विवि खुद ही डीजी लॉकर का काम करेगी। इससे विवि की राशि बचत होगी। बीएचयू मॉडल के तहत बीआरएबीयू डीजी लॉकर तैयार करेगी। विवि ने पिछले दिनों परीक्षा बोर्ड की बैठक में सभी सर्टिफिकेट डीजी लॉकर में रखने का प्रस्ताव पास किया था। बीआरएबीयू में पहली बार छात्रों की डिग्री और सर्टिफिकेट ऑनलाइन होंगे। इससे छात्रों को फायदा होगा कि उनका सर्टिफिकेट कहीं गुम नहीं होगा और उसे लेकर जाने की जरूरत नहीं होगी। किसी दूसरे संस्थान में भी छात्र डीजी लॉकर के माध्यम से अपनी डिग्री और सर्टिफिकेट दिखा सकेंगे। कुलपति ने बताया कि विवि का पैसा बचत करना ही उनका काम है।

2024-04-26 09:15:30

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