
Phd : जेएनयू का बड़ा फैसला, एनटीए पीएचडी एंट्रेंस टेस्ट की बजाय UGC NET से पीएचडी में दाखिला देगा
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) ने घोषणा की है कि वह वर्तमान शैक्षणिक वर्ष से अपने पीएचडी कोर्सेज में एडमिशन के लिए एनटीए द्वारा आयोजित पीएचडी प्रवेश परीक्षा के बजाय यूजीसी नेट स्कोर को स्वीकार करेगा। प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के मद्देनजर यह फैसला किया है। स्टूडेंट्स की मदद के लिए यूजीसी चाहता है कि विद्यार्थी एक ही राष्ट्रीय प्रवेश परीक्षा दें। जेएनयू द्वारा शनिवार को जारी नोटिस में कहा गया है कि यूजीसी ने 27 मार्च, 2024 की अपनी सार्वजनिक सूचना के माध्यम से निर्णय लिया है कि यूजीसी और सीएसआईआर की ओर से आयोजित राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (एनईटी) के स्कोर का उपयोग विश्वविद्यालयों/उच्च शिक्षा संस्थानों के पीएचडी कोर्सेज में दाखिले के लिए प्रवेश परीक्षा के स्थान पर किया जा सकता है। इन दिशानिर्देशों के बाद, जेएनयू ने पीएचडी एडमिशन के लिए यूजीसी नेट स्कोर का इस्तेमाल करने का विकल्प चुना है। राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) जो पहले पीएचडी एंट्रेंस टेस्ट अलग से करा रही थी, उसकी जगह अब यहां यूजीसी नेट स्कोर से पीएचडी में दाखिला होगा। हाल ही में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ (जेएनयूएसयू) ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) मुख्यालय से सामने विरोध प्रदर्शन किया था। यूजीसी के संयुक्त सचिव ने जेएनयूएसयू के पदाधिकारियों से मुलाकात भी की थी। जेएनयूएसयू ने बताया कि पीएचडी प्रवेश परीक्षा की जगह नेट स्कोर के आधार पर प्रवेश लेने का मनमाना फैसला बहुत से छात्रों, खासकर वंचित वर्गों के छात्रों को शोध से दूर कर देगा और कई छात्रों के लिए विश्वविद्यालयों के दरवाजे बंद हो जाएंगे। यूजीसी के संयुक्त सचिव ने जवाब दिया था कि वे इन बिंदुओं पर एक आंतरिक बैठक करेंगे। यह भी बताया गया कि विश्वविद्यालयों को अपनी प्रवेश परीक्षा आयोजित करने की स्वायत्तता है।जेएनयूएसयू 29 अप्रैल को एडमिशन डायरेक्टर से मुलाकात कर मांग करेगा कि इस साल और उसके बाद पीएचडी प्रवेश परीक्षा जेएनयूईई के माध्यम से कराई जाए।बिना UGC NET और PhD किए 2 साल में 278 इंडस्ट्री एक्सपर्ट बने कॉलेज प्रोफेसर, ये हैं टॉप फील्डचार वर्षीय स्नातक डिग्री वाले छात्र अब सीधे पीएचडी कर सकेंगे चार वर्षीय स्नातक डिग्री वाले छात्र अब सीधे राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (नेट) में शामिल होने के साथ ही पीएचडी भी कर सकते हैं। जूनियर रिसर्च फेलोशिप (जेआरएफ) के साथ या उसके बिना पीएचडी करने के लिए अभ्यर्थियों को अपने चार साल के स्नातक पाठ्यक्रम में न्यूनतम 75 प्रतिशत अंक या समकक्ष ग्रेड की आवश्यकता होगी। अब तक, नेट के लिए अभ्यर्थी को न्यूनतम 55 प्रतिशत अंकों के साथ स्नातकोत्तर डिग्री की आवश्यकता होती थी। कुमार ने बताया कि चार साल की स्नातक डिग्री वाले अभ्यर्थी अब सीधे पीएचडी कर सकते हैं और नेट परीक्षा में शामिल हो सकते हैं। ऐसे उम्मीदवारों को जिस भी विषय में वे पीएचडी करना चाहते हैं, उसमें करने की अनुमति होगी, भले ही उन्होंने किसी भी विषय में चार वर्षीय स्नातक डिग्री प्राप्त की हो। यूजीसी अध्यक्ष ने कहा कि चार साल या आठ सेमेस्टर के स्नातक डिग्री कार्यक्रम में उत्तीर्ण होने वाले उम्मीदवारों के पास कुल मिलाकर न्यूनतम 75 प्रतिशत अंक या इसके समकक्ष ग्रेड प्राप्त होना चाहिए। उन्होंने कहा कि यूजीसी द्वारा समय-समय पर लिए गए निर्णय के अनुसार, अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी), ओबीसी (नॉन-क्रीमी लेयर), दिव्यांग, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग और कुछ अन्य श्रेणियों के उम्मीदवारों के लिए पांच प्रतिशत अंक या इसके समकक्ष ग्रेड की छूट दी जा सकती है।
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