
प्राइवेट स्कूलों की अनफिट बसों में सफर कर रहे हैं छात्र, 55 बस मालिकों को भेजा नोटिस
प्राइवेट स्कूलों का ध्यान अभिभावकों से हर माह मोटी फीस वसूलने पर तो है, लेकिन सुरक्षित बसों में सुविधा मुहैया कराने पर स्कूल संचालक अपने हाथ पीछे खींच लेते हैं। इसका ही असर है कि अनफिट बसों में स्कूली बच्चे सफर कर रहे हैं।अब ऐसी बसों पर संभागीय परिवहन विभाग ने नकेल करने की तैयारी कर दी है। इसको लेकर स्कूल संचालकों को नोटिस जारी किए हैं। जिसमें स्कूली बसों को फिटनेस के बाद ही चलाने के निर्देश दिए हैं।संभागीय परिवहन विभाग के अनुसार जनपद में 300 स्कूली बसों का पंजीयन है। हालांकि यह संख्या अधिक हो सकती है, क्योंकि कुछ वाहन परिवहन विभाग में तो पंजीकृत हैं, मगर उनका उल्लेख स्कूलों में ट्रांसपोर्ट का नहीं है। इसके बावजूद वे बच्चों को लाने व ले जाने में लगी हैं। इसको लेकर ही संभागीय परिवहन विभाग ने बच्चों की सुरक्षा को लेकर स्कूलों में लगी बसों के कागजात सहित फिटनेस प्रमाणपत्र, बीमा प्रमाणपत्र, परमिट, प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र को जांच के लिए देखा था। इस दौरान जनपद में पंजीकृत 55 स्कूली बसों की फिटनेस या समय सीमा पूरी पाई गई।वहीं,अधिकाश बसों में स्पीड गवर्नर नहीं है। बसों में सीसीटीवी केवल नाम के लिए लगाए हुए हैं। उनकी ऑनलाइन मॉनिटरिंग नहीं की जा सकती। बसों के इंडीकेटर, हेड व बैक लाइट, वाइपर तक काम नहीं कर रहे हैं। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि बसों में बच्चें कितने सुरक्षित हैं।स्कूल बसों में इन नियमों का पालन जरूरी- सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के अनुसार स्कूल बस पीले रंग से पेंट होनी चाहिए।- बस के आगे पीछे स्कूल ड्यूटी लिखा होना चाहिए।- सभी खिड़कियों के बाहर लोहे की ग्रिल होनी चाहिए।- अग्निशमन यंत्र लगा होना चाहिए।- स्कूल का नाम और फोन नंबर होना चाहिए।- दरवाजे में ताला लगा हो और सीटों के बीच पर्याप्त जगह होनी चाहिए।- चालक को कम से कम पांच साल का वाहन चलाने का अनुभव होना चाइए।- ट्रांसपोर्ट परमिट होना चाहिए।अभिभावक भी रखे यह सावधानी- बस खड़ी होने पर ही बच्चों को चढ़ाएं।- चालक की हरकतों पर नजर रखें।- ध्यान रखे कही चालक नशे में तो नहीं है।- बस में हेल्पर के साथ स्कूल के शक्षिक हैं या नहीं, ये भी चेक करें।- बच्चों के आने और जाने के समय पर ध्यान रखें।- बस के अंदर बच्चों को बैठने की जगह मिलती है या नहीं, इस बात का ध्यान रखें।- बस में सुरक्षा मानकों का पालन हो रहा है या नहीं।
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