प्रोफेसर के पदों पर भर्ती की प्रक्रिया शुरू, UGC NET व PhD डिग्री की नहीं होगी जरूरत

प्रोफेसर के पदों पर भर्ती की प्रक्रिया शुरू, UGC NET व PhD डिग्री की नहीं होगी जरूरत

लखनऊ विश्वविद्यालय में एनईपी 2020 के तहत प्रोफेसर ऑफ प्रैक्टिस पद के लिए नियुक्ति प्रक्रिया की शुरुआत हो गई है। इसके लिए कुलसचिव ने सभी संकायाध्यक्षों और विभागाध्यक्षों को पत्र भेजा है। जिसमें उन्होंने विभागों में प्रोफेसर ऑफ प्रैक्टिस पद की जरूरत के मुताबिक स्पष्ट संस्तुति भेजने को कहा है। बता दें कि इससे पहले विद्या परिषद की बैठक में प्रोफेसर ऑफ प्रैक्टिस के प्रस्ताव को मंजूरी मिल चुकी है।प्रवक्ता प्रो. दुर्गेश श्रीवास्तव ने बताया कि असाधारण उपलब्धियों और अनुभी पेशेवरों को विश्वविद्यालय में प्रोफेसर के रूप में बुलाया जाएगा। इनकी नियुक्तियों की संख्या कुल स्वीकृत पदों के 10 फीसदी से अधिक नहीं होगी। एक से तीन वर्षों के लिए तैनाती मिलेगी। असाधारण परिस्थिति में यह चार वर्षों से ज्यादा नहीं होगी। प्रोफेसर ऑफ प्रैक्टिस पद की नियुक्ति को बनी समिति के अध्यक्ष एलयू के कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय हैं।प्रोफेसर ऑफ प्रैक्टिस वह लोग हो सकते हैं जो अपने मूल व्यवसाय से शिक्षक नहीं हैं और न ही उनके पास विश्वविद्यालय में शिक्षण कार्य के लिए पीएचडी या यूजीसी नेट जैसी निर्धारित योग्यता है। यूजीसी पीओपी के जरिए उच्च शिक्षा में प्रैक्टिशनर, पॉलिसी मेकर्स, स्किल प्रोफेशनल्स की एंट्री कराकर इसका स्तर सुधारना चाहता है। 

2024-09-28 07:35:50

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