NEET यूजी  : तैयारी के फाइनल स्टेज में इस तरह की तैयारी दिलाएगी सफलता

NEET यूजी : तैयारी के फाइनल स्टेज में इस तरह की तैयारी दिलाएगी सफलता

नीट यूजी (अंडर ग्रेजुएट) परीक्षा-2024 5 मई को होनी है। अब तक अधिकतर छात्रों की विषय संबंधी तैयारी तो पूरी हो ही गई होगी, पर ऐसे में प्रदर्शन में गलती ना रह जाने का दबाव बढ़ता है। इसके लिए अपनी सोच में भी कुछ बदलाव लाने की जरूरत होती है और दिनचर्या में कुछ अभ्यास शामिल करने चाहिए। नीट परीक्षा की तैयारी के इस चरण में क्या हो रणनीति, बता रहे हैं हमारे विशेषज्ञ राकेश जैनतनाव पर तुरंत काबू पाना जरूरीएमबीबीएस कोर्स में प्रवेश के लिए आयोजित होने वाली परीक्षा- नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेस टेस्ट (नीट) को विश्व की कठिनतम परीक्षाओं में माना जाता है। इसमें हर साल 22 लाख से ज्यादा छात्र भाग लेते हैं। ये छात्र विषय संबंधी तैयारी में कोई कसर नहीं छोड़ते, लेकिन अधिकतर मानसिक मजबूती बनाने की ओर ध्यान नहीं देते। खासकर अंतिम चरण में घबराहट बढ़ जाती है। इसीलिए इस दौर में विषयों की तैयारी के साथ ही मानसिक मजबूती पर ध्यान देना भी उतना ही जरूरी है। क्योंकि अकसर इसी के अभाव में छात्र अच्छी तैयारी और जानकारी के बावजूद परीक्षा हॉल में अपेक्षा के अनुरूप प्रदर्शन नहीं कर पाते।अपने प्रदर्शन पर दें ध्यानइससे पहले कि हम तैयारी के बारे में बात करना शुरू करें, आपको यह समझने की जरूरत है कि नीट यूजी (अंडर ग्रेजुएट) केवल आपकी ‘तैयारी’ की परीक्षा नहीं है, बल्कि यह 200 मिनट के दौरान आपके ‘प्रदर्शन’ की परीक्षा है। विभिन्न शोधों से पता चलता है कि अधिकांश गलतियां परीक्षा शुरू होने के 75-90 मिनट के बाद शुरू होती हैं। इसका मतलब है कि छात्र सही उत्तर जानने के बावजूद प्रश्नों को हल करने में भ्रमित होना शुरू हो जाते हैं। लेकिन इस समस्या का हल आपकी मजबूत सोच में छिपा है। यहां हम बताएंगे कैसे आप अपने प्रदर्शन को परीक्षा के तनाव से मुक्त रहकर परीक्षा दे सकते हैं। दरअसल नीट यूजी आपकी परीक्षा की रणनीति और मानसिक जुड़ावों के बीच संतुलन की बात है। इसीलिए इस परीक्षा की तैयारी में पढ़ाई का एक निर्धारित शिडॺूल होना जरूरी है।मॉक टेस्ट का समय क्या हो?परीक्षा में रोज प्रैक्टिस करना जरूरी है और परीक्षा कक्ष के दौरान की स्थितियों का अभ्यास करना भी इसमें शामिल करें। क्योंकि यह आपको वास्तविक स्थितियों में आत्मविश्वास से प्रदर्शन करने में मदद करेगा। अपने मस्तिष्क को ट्रेंड करने के लिए, दोपहर 2 बजे से शाम 5.20 बजे के बीच की निर्धारित समय सीमा में प्रतिदिन मॉक टेस्ट का अभ्यास करें। यह आपके मस्तिष्क को सक्रिय करेगा और आपको परीक्षा के समय और वातावरण की आदत हो जाएगी। परिणामस्वरूप आप परीक्षा कक्ष में ज्यादा सहज और आत्मविश्वास अनुभव करेंगे।खास टिप्स निरंतरता आपके लक्ष्यों को प्राप्त करने की कुंजी है। अपने अलार्म घड़ी रखकर अपने मॉक टेस्ट का अभ्यास करें। इसका अभ्यास परीक्षा से ठीक पहले वाले दिन तक करते रहें।मोबाइल फोन डिटॉक्स का अभ्यास जरूरीनीट यूजी की तैयारी कर रहे छात्र के लिए रोजाना मोबाइल फोन से दूरी का अभ्यास करना भी बहुत जरूरी है। इसका मतलब है कि रोजाना दोपहर 1 बजे से शाम 6 बजे तक अपना फोन दूर रखें, ताकि आप पूरी तरह से अपने मॉक टेस्ट पर ध्यान केंद्रित कर सकें। दरअसल मोबाइल फोन आज के दौर में 24x7 हमारे साथ रहता है। यह हमें दूसरों से जोड़ता तो है, लेकिन इसीलिए एकाग्रता में बाधा भी बन जाता है। यह बड़ी व्याकुलता और मानसिक थकान पैदा करता है, जो परीक्षा में आपके प्रदर्शन को प्रभावित कर सकते हैं। परीक्षा के दौरान इसे खोने का डर भी अतिरिक्त चिंता बन जाता है। इसलिए अभी से इसे लंबे समय तक अपने से दूर रखने का अभ्यास शुरू करें। आपको परीक्षा हॉल में अपना फोन ले जाने की अनुमति नहीं होगी।खास सलाह परीक्षा कक्ष में पहुंचने पर दबाव का स्रोत बन रही ऐसी ही किसी भी चीज से दूरी बनाएं।सुबह जागने का समय भी है अहमइस परीक्षा की तैयारी में सुबह जल्दी उठकर पढ़ने और फिर जल्दी सोने वाला रूटीन काम नहीं करता। ना ही पूरी रात पढ़ाई करके फिर सोने वाला रूटीन ठीक होगा। क्योंकि इस परीक्षा का समय हमेशा ही दोपहर 2 बजे से शाम 5.20 बजे होता है। यानी एग्जाम सेंटर पर दोपहर 1.30 बजे से पहले रिपोर्ट करना होता है। जिसका मतलब हुआ कि 7 बजे ही उठ जाने पर दोपहर आने तक आप थकने लगेंगे, वहीं आठ बजे या बाद में उठने पर आपका दिमाग नए सिरे से टाइम मैनेजमेंट कर रहा होगा और संभवत हर काम तनावपूर्ण होगा। परीक्षा के पहले वाले दिन आधी रात से पहले सो जाएं और सुबह 7 से 8 के बीच में उठें। ताकि सुबह का नाश्ता एग्जाम के लिए निकलने से पहले तक अच्छी तरह पच चुका हो और आप सुस्त नहीं, बल्कि ऊर्जापूर्ण महसूस कर रहे हों।खास सलाह इस दिन कई छात्र बिना खाना खाए परीक्षा देने पहुंचते हैं। लेकिन ऐसे में शरीर में ग्लूकोज की मात्रा कम होने लगती है। इस कारण मस्तिष्क तेजी से एनर्जी की खपत करता है और परीक्षा का तनाव और दबाव कहीं ज्यादा असर करने लगते हैं। इसलिए उपयुक्त समय पर पोषण से भरपूर नाश्ता करके अपने दिन की शुरुआत करें।अच्छी नींद की अनदेखी ना करेंयह एक आम मिथक है कि देर रात तक पढ़ाई करने से उसे याद रखने में मदद मिलती है। सच ये है कि अपनी नींद के समय से समझौता करने और अच्छी नींद की कमी मस्तिष्क के कार्य में बाधा डाल सकती है। आप भ्रमित महसूस कर सकते हैं और दिन के समय ध्यान केंद्रित करने में भी कमी महसूस कर सकते हैं। इसलिए रात में 7 से 8 घंटे की भरपूर नींद अवश्य लें।खास सलाह झपकी लेकर काम चलाना नीट जैसी परीक्षा के लिए सही रणनीति है। एक बार में 7-8 घंटे की नींद लेना जरूरी है।डीप ब्रीदिंग व्यायाम का अभ्यास करेंपरीक्षा केंद्र में पहुंचकर अतिशय घबराहट में सांस का धीमा और कम आना सामान्य बात है। इस तरह की स्थितियों से बचने के लिए नियमित रूप से अपने सांस लेने के पैटर्न पर ध्यान दें। यह सबसे अच्छा होगा यदि आप कुछ दिन पहले से गहरी सांस से तनाव मुक्त होने का अभ्यास शुरू कर दें, ताकि आप समय रहते इसके माध्यम से तनाव पर काबू पाने में पकड़ बना सकें। परीक्षा के दौरान हर 20 मिनट के बाद गहरी सांसें लें और छोड़ें, यह व्यायाम आपके शरीर में आवश्यक ऑक्सीजन के स्तर को बनाए रखेगा, ताकि आप परीक्षा में सजग रहें।प्रो टिप इसे नियमित रूप से खाली पेट करें और जब भी तनाव में महसूस करें तो अभ्यास करना शुरू करें। 

2024-04-11 18:57:38

Disclaimer: This story is auto-aggregated by a computer program and has not been created or edited by Learningcity. Publisher: livehindustan