
NEET UG : NRI कोटे से MBBS व BDS एडमिशन का क्राइटेरिया बदलने के फैसले पर रोक, अगली सुनवाई 2 सितंबर को
पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने बाबा फरीद यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज (बीएफयूएमएस)व पंजाब सरकार के उस फैसले पर रोक लगा दी है जिसके तहत एनआरआई कोटे से एमबीबीएस व बीडीएस कोर्स के एडमिशन नियमों में बदलाव किए थे। हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा, 'दलीलों को सुनने के बाद हम इस राय पर पहुंचे हैं कि अंतरिम राहत का मामला बनता है। अगली सुनवाई की तारीख तक एडमिशन प्रक्रिया प्रोस्पेक्टस में तय कार्यक्रम के अनुसार जारी रहेगी। मुख्य न्यायधीश शाल नागू और जस्टिस अनिल क्षेत्रपाल की पीठ ने यह आदेश गीतन वर्मा व दाखिला चाह रहे अन्य कई छात्रों की याचिका पर दिया। मामले की अगली सुनवाई 2 सितंबर को होगी।टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक याचिका में कहा गया था कि बाबा फरीद यूनिवर्सिटी और हेल्थ साइंसेज ने यूटी चंडीगढ़ और पंजाब राज्य की ओर से मेडिकल यूजी कोर्सेज में एडमिशन के लिए प्रोसपोक्टस जारी किया था जिसमें यूजी कोटा की अंतिम तिथि 16 और पंजाब राज्य के लिए 15 अगस्त बताई गई थी। रिपोर्ट के मुताबिक याचिकाकर्ताओं ने कहा कि फॉर्म सब्मिट के बाद 20 अगस्त को राज्य सरकार ने गैरकानूनी तरीके से दाखिला प्रक्रिया के बीच में ही एनआरआई कोटा नियमों को बदल दिया। इसमें एनआरआई कोटे की सीटें खाली रहने पर एनआरआई के निकटतम रिश्तेदार उम्मीदवारों को एनआरआई कोटा से एमबीबीएस में एडमिशन लेने की अनुमति दे दी गई।याचिकाकर्ताओं ने यह भी आरोप लगाया कि 22 अगस्त को एक और नोटिफिकेशन जारी किया गया जिसमें एक संस्थान में अचानक 15 फीसदी एनआरआई कोटा बना दिया गया। डॉ. बीआर अंबेडकर स्टेट इंस्टीट्यूट मेडिकल साइंसेज, मोहाली में जनरल कोटा सीटों को कम कर यह कोटा बना दिया गया।याचिकाकर्ताओं के वीकल सीनियर एडवोकेट अमित झांझी ने कहा कि बीएफयूएचएस द्वारा जो एमबीबीएस बीडीएस एडमिशन को लेकर प्रोस्पेक्टर जारी किया गया था, उसके मुताबिक ही एडमिशन होने चाहिए। बीच में कोई बदलाव नहीं होने चाहिए।ये भी पढ़े:MBBS के लिए NEET टॉपरों की पहली पसंद दिल्ली एम्स और दूसरी जिपमरपंजाब के सभी मेडिकल और डेंटल कॉलेजों में एनआरआई कोटे के तहत एमबीबीएस की लगभग 185 एनआरआई और बीडीएस की 196 सीटों पर दाखिला होता है। सरकारी और निजी मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस सीट के लिए फीस करीब 92 लाख है और बीडीएस सीट के लिए करीब 36 लाख रुपये है। पंजाब में प्राइवेट और सरकारी मेडिकल कॉलेजों में कुल सीटों का 15 फीसदी एनआरआई कोटे के उम्मीदवारों के लिए निर्धारित है।एनआरआई के साथ संबंध का प्रेफरेंस-1) पिता के सगे भाई और बहन यानी चाचा और सगी चाची।2) माता के सगे भाई और बहन यानी मामा और मामी।3)- पिता के पिता और माता यानी दादा और दादी।4) माता के पिता और माता यानी नाना और नानी।(5) पिता या मां की तरफ के फर्स्ट डिग्री कजन।मौजूदा प्रावधानों के तहत एनआरआई या एनआरआई के बच्चे जो मूल रूप से पंजाब और पंजाब के अलावा अन्य भारतीय राज्यों से ताल्लुक रखते हैं, उन्हें एनआरआई कोटे के तहत एमबीबीएस और बीडीएस कोर्स में एडमिशन लेने की अनुमति है। नियमों के अनुसार, छात्र को स्पोंसर करने वाला व्यक्ति छात्र का फर्स्ट-डिग्री संबंधी होना चाहिए और आमतौर पर एनआरआई के रूप में विदेश में रह रहा होना चाहिए।
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