
NEET : NRI कोटे की 60 फीसदी MBBS सीटें खाली, प्राइवेट कॉलेजों में कोई BDS लेने वाला नहीं, जानें फीस
बाबा फरीद यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज (बीएफयूएचएस) में अंडर ग्रेजुएट मेडिकल कोर्स में दाखिले के लिए काउंसलिंग के दो राउंड के बाद भी 14 प्राइवेट डेंटल कॉलेजों में एनआरआई कोटे की सभी बीडीएस खाली रहीं। वहीं पंजाब के 10 मेडिकल कॉलेजों में एनआरआई कोटे की 60 फीसदी एमबीबीएस सीटें खाली रहीं। भारी भरकम फीस के कारण काउंसलिंग के दूसरे दौर के बाद भी कोटे की 366 एमबीबीएस और बीडीएस सीटों में से 291 (80 फीसदी) खाली हैं।दरअसल एनआरआई कोटे की सीटें मेडिकल और डेंटल कॉलेजों के लिए इनकम का मुख्य जरिया हैं। राज्य के सभी प्राइवेट और सरकारी मेडिकल कॉलेजों में एनआरआई कोटे की एमबीबीएस सीट के लिए एक पूरे कोर्स की फीस 1.1 लाख अमेरिकी डॉलर (92 लाख रुपये) है। जबकि एनआरआई कोटे की बीडीएस सीट की फीस 44,000 अमेरिकी डॉलर (37 लाख रुपये) है।पंजाब के 11 मेडिकल कॉलेजों में एनआरआई कोटे की 185 एमबीबीएस सीटें हैं, जिनमें से 112 खाली हैं। राज्य के दो सरकारी संस्थानों सहित 16 डेंटल कॉलेजों में एनआरआई कोटे की 181 बीडीएस सीटें हैं। हालांकि सरकारी डेंटल कॉलेज, पटियाला में एनआरआई कोटे के तहत केवल दो बीडीएस सीटें अलॉट की गई हैं, जबकि प्राइवेट डेंटल कॉलेजों में सभी सीटें खाली हैं।बीएफयूएचएस के पूर्व कुलपति डॉ राज बहादुर ने कहा, 'मोटी ट्यूशन फीस के कारण एनआरआई कोटे की सीटों को काफी कम विद्यार्थी ही चुनेंगे। छात्रों को पांच साल के कोर्स के दौरान अन्य खर्चों का भी हिसाब रखना पड़ता है, जिससे यह काफी मांगा पड़ जाता है। अधिकांश एनआरआई जो अपने छात्रों को मेडिकल एजुकेशन के लिए भारत भेजना चाहते हैं, वे इतने अमीर नहीं हैं, इसलिए यही मुख्य कारण है कि वे अन्य देशों का विकल्प चुन रहे हैं।'चिकित्सा शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने कहा, "एक एनआरआई छात्र एमबीबीएस करने के लिए लगभग 1 करोड़ खर्च करता है, जबकि यूक्रेन सहित कुछ अन्य देश इस मेडिकल कोर्स को केवल 30 लाख में करवाते हैं।ये भी पढ़े:गोलगप्पे वाले के बेटे का कमाल,कोटे से MBBS एडमिशन रद्द हुआ तो GEN से लिया दाखिलापंजाब सरकार ने बढ़ाया था एनआरआई की परिभाषा का दायरा, कोर्ट ने किया रद्दअगस्त में पंजाब सरकार ने भारत में रहने वाले भाई-बहनों या चचेरे भाई-बहनों सहित एनआरआई के दूर के रिश्तेदारों को शामिल करके एनआरआई कोटे का दायरा बढ़ा दिया था। हालांकि पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने एमबीबीएस कोर्स में एनआरआई के करीबी रिश्तेदारों को दाखिले की अनुमति देने के लिए शर्तों में संशोधन करने वाली पंजाब सरकार की अधिसूचना को रद्द कर दिया।तीसरे चरण की काउंसलिंग के बाद खाली एनआरआई कोटे की सीटें को जनरल कोटे में ट्रांसफर कर दिया जाता है। बीएफयूएचएस ने बुधवार को काउंसलिंग का तीसरा चरण शुरू किया। प्रोविजनल मेरिट सूची 11 अक्टूबर को और प्रोविजनल रिजल्ट 18 अक्टूबर को घोषित किया जाएगा।
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