NEET  : MBBS और BDS एडमिशन के नियम बदलें, अब इन छात्रों को भी मिलेगा कोटा, 381 सीटों पर होगा असर

NEET : MBBS और BDS एडमिशन के नियम बदलें, अब इन छात्रों को भी मिलेगा कोटा, 381 सीटों पर होगा असर

बाबा फरीद यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज (बीएफयूएमएस) ने पंजाब में एनआरआई कोटे के तहत होने वाले एमबीबीएस और बीडीएस कोर्स में दाखिले के नियमों में बड़ा बदलाव किया है। बीएफयूएमएस को एमबीबीएस और बीडीएस कोर्स में एडमिशन के लिए एनआरआई के निकटतम रिश्तेदारों को भी कोटे के तहत दाखिले पर विचार करने की इजाजत दे दी है। डिपार्टमेंट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (डीएमईआर) की ओर से जारी एक आदेश के बाद यह फैसला लिया गया है। पंजाब के सभी मेडिकल और डेंटल कॉलेजों में एनआरआई कोटे के तहत एमबीबीएस की लगभग 185 एनआरआई और बीडीएस की 196 सीटों पर दाखिला होता है। हालांकि हर साल पात्र अभ्यर्थी न मिलने के कारण इस कोटे की काफी सीटें खाली रह जाती हैं।पोस्ट ग्रेजुएट डेंटल कोर्स में दाखिले के लिए चल रही काउंसलिंग के दौरान एनआरआई कोटे की सभी 12 एमडीएस सीटें काउंसलिंग के दो राउंड के बाद भी खाली रह गई हैं।सरकारी और निजी मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस सीट के लिए फीस करीब 92 लाख है और बीडीएस सीट के लिए करीब36 लाख रुपये है। पंजाब में प्राइवेट और सरकारी मेडिकल कॉलेजों में कुल सीटों का 15 फीसदी एनआरआई कोटे के उम्मीदवारों के लिए निर्धारित है।डीएमईआर के सचिव प्रियांक भारती ने एनआरआई कोटा सीटों के नियम कायदों में आंशिक बदलाव के संबंध में आदेश जारी किया। संशोधित प्रावधानों के अनुसार डीएमईआर ने एनआरआई कोटा सीटों के तहत दाखिले के लिए एक आदेश निर्धारित किया है।आदेश में कहा गया है, "वास्तविक एनआरआई या उनके बच्चे जो मूल रूप से पंजाब राज्य से संबंधित हैं और वास्तविक एनआरआई या उनके बच्चे जो मूल रूप से पंजाब के अलावा किसी अन्य भारतीय राज्य या केंद्र शासित प्रदेश से संबंधित हैं, वे एनआरआई कोटा सीटों के लिए पात्र हैं। यदि उपरोक्त प्रेफरेंस पर विचार करने के बाद एनआरआई की सीटें खाली रह जाती हैं तो एनआरआई के वार्ड या निकटतम रिश्तेदार उम्मीदवारों को एनआरआई कोटा के तहत एडमिशन देने पर विचार किया जाएगा।"एनआरआई के साथ संबंध का प्रेफरेंस इस प्रकार होगा --1) पिता के सगे भाई और बहन यानी चाचा और सगी चाची।2) माता के सगे भाई और बहन यानी मामा और मामी।3)- पिता के पिता और माता यानी दादा और दादी।4) माता के पिता और माता यानी नाना और नानी।(5) पिता या मां की तरफ के फर्सट डिग्री कजन।NEET : MBBS और BDS की सैंकडों सीटों के लिए काउंसलिंग आज से, समझें कॉलेज वाइज AIQ व स्टेट कोटे का गणितआदेश में यह भी कहा गया है- “दूसरे दौर की काउंसलिंग के बाद एनआरआई श्रेणी के तहत खाली रहने वाली कोई भी सीट नीट पास पात्र विदेशी नागरिक को दी जानी चाहिए। हालांकि, अगर सीटें खाली रहती हैं, तो उन्हें जनरल कैटेगरी की सीटों में बदल दिया जाएगा। एनआरआई उम्मीदवार की फीस केवल एनआरआई या एनआरई बैंक खाते से ही स्वीकार की जाएगी।”मौजूदा प्रावधानों के तहत एनआरआई या एनआरआई के बच्चे जो मूल रूप से पंजाब और पंजाब के अलावा अन्य भारतीय राज्यों से ताल्लुक रखते हैं, उन्हें एनआरआई कोटे के तहत एमबीबीएस और बीडीएस कोर्स में एडमिशन लेने की अनुमति है। नियमों के अनुसार, छात्र को स्पोंसर करने वाला व्यक्ति छात्र का फर्स्ट-डिग्री संबंधी होना चाहिए और आमतौर पर एनआरआई के रूप में विदेश में रह रहा होना चाहिए। विश्वविद्यालय ने एनआरआई कोटे के तहत स्नातक पाठ्यक्रमों में प्रवेश पाने के इच्छुक अभ्यर्थियों के लिए एक चेकलिस्ट भी जारी की है।

2024-08-21 16:39:03

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