
NEET : MBBS की नई 1000 सीटों की उम्मीदों को झटका, 10 में से 4 मेडिकल कॉलेज ही हो सकेंगे शुरू
नीट पास कर एमबीबीएस करना चाह रहे स्टूडेंट्स के लिए निराशा भरी खबर। महाराष्ट्र सरकार की इस साल 10 नए मेडिकल कॉलेज शुरू करने और 1000 नई एमबीबीएस सीटों पर एडमिशन लेने की योजना का पूरा होने मुश्किल है। पिछले सप्ताह राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) द्वारा किए गए निरीक्षण के बाद सभी 10 मेडिकल कॉलेजों को खोलने को लेकर सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिली। आपको बता दें कि राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) ही देश में मेडिकल एजुकेशन के मानक तय करती है और वहीं मेडिकल कॉलेजों को खोलने व उनकी सीटों को लेकर हरी झंडी दिखाती है। 10 प्रस्तावित मेडिकल कॉलेजों में से, जीटी अस्पताल फोर्ट समेत तीन या चार को ही हरी झंडी मिल सकती है। अन्य मेडिकल कॉलेजों को कम से कम एक साल इंतजार करना पड़ सकता है।टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक मेडिकल एजुकेशन की निगरानी करने वाली संस्था एनएमसी ने निरीक्षण के दौरान ज्यादातर मेडिकल कॉलेजों में फैकल्टी व इंफ्रीस्ट्रक्चर की कमी, साजोसामान का अभाव पाया। राज्य सरकार के एक अधिकारी ने पुष्टि की कि सभी मेडिकल कॉलेज इस साल एनएमसी के मानकों पर बमुश्किल ही खरा उतर पाएं। मेडिकल कॉलेजों को इस सप्ताह पत्र मिलने की उम्मीद है। मेडिकल कॉलेज योजना के अनुसार शुरू किए जा सकते हैं , उन्हें सुधार करना होगा और फिर से मान्यता के लिए आवेदन करना होगा, ये सभी लेटर मिलने के बाद ही साफ हो सकेगी। MBBS : केंद्र सरकार से सरकारी मेडिकल कॉलेजों में 15 फीसदी NRI कोटे की मांग, 83 लाख तक होती है फीसएक प्रस्तावित मेडिकल कॉलेज के डीन ने कहा कि पिछले शुक्रवार को ही वीडियो कॉलिंग के दौरान अस्वीकृति के शुरुआती संकेत दे दिए गए थे। उन्होंने कहा, "एनएमसी ने पाया कि केवल एक संस्थान में डीन की भर्ती की गई है, शिक्षकों की नियुक्ति अभी बाकी है।" कई कॉलेजों में कॉलेज की इमारतें, फैकल्टी, हॉस्टल, किताबों के साथ लाइब्रेरी, फर्नीचर और डिवाइसेज की कमी थी। उदाहरण के लिए एनएमसी टीम ने अंबरनाथ कॉलेज के बारे में संदेह जताया है जिसने न्यूनतम बिस्तर क्षमता की आवश्यकता को पूरा करने के लिए चार अस्पतालों को जोड़ा गया है। हालांकि कॉलेज की इमारत पूरी होने तक यह एक अस्थायी व्यवस्था है, लेकिन एनएमसी ने इसे अव्यवहारिक पाया। नाम न बताने की शर्त पर एक अन्य डीन ने कहा, "एनएमसी को लगा कि अधिकांश कॉलेजों में बुनियादी सुविधाएं गायब हैं।" उन्होंने कहा कि एनएमसी बेसिक अटेंडेंस ट्रैकिंग सिस्टम की कमी से भी खुश नहीं था। डीन ने कहा, "कई कॉलेजों में बायोमेट्रिक्स इंस्टाल नहीं थे।"नए खुलने वाले 10 मेडिकल कॉलेजों की सूची में एमएमआर में दो कॉलेज होंगे: एक मुंबई में (जीटी और कामा अस्पताल परिसरों से संचालित) और दूसरा अंबरनाथ में। साथ ही, विदर्भ क्षेत्र में भंडारा, बुलढाणा, वाशिम, अमरावती और मराठवाड़ा क्षेत्र में जालना और हिंगोली एवं नासिक व गढ़चिरौली में नए मेडिकल कॉलेजों की योजना बनाई गई है। प्रत्येक कॉलेज में 100-100 एमबीबीएस सीटें होंगी। राज्य के सभी 36 जिलों में कम से कम एक मेडिकल कॉलेज होने की योजना पर राज्य सरकार काम कर रही है। एक अधिकारी ने कहा, "यदि इस वर्ष मंजूरी में देरी भी होती है, तो भी 1-2 वर्षों में मंजूरी मिल जाएगी, क्योंकि सरकार ने बजट आवंटन कर दिया है।"राज्य में 25 सरकारी मेडिकल कॉलेज हैं, जिनमें कुल 3,950 एमबीबीएस सीटें हैं। जबकि राज्य ने 1,000 सीटें जोड़ने का लक्ष्य रखा है, लेकिन अगर सिर्फ तीन या चार नए कॉलेजों को मंजूरी दी जाती है, तो 1000 की बजाय सिर्फ 300 या 400 तक सीटें ही बढ़ेंगी।
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