
NEET में था फेल होने का डर तो रूस से MBBS करने की ठानी, पिता से 30 लाख ऐंठने के लिए रची खौफनाक साजिश
मध्य प्रदेश के शिवपुरी की रहने वाली काव्या धाकड़ को तैयारी न करने के चलते मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट ( NEET ) में फेल होने का डर था इसलिए उसने शॉर्टकट का सहारा लिया। उसने रूस से एमबीबीएस ( MBBS ) करने की ठानी। रूस जाने के वास्ते 30 लाख रुपये इकट्ठा करने के लिए उसने कोटा में अपने अपहरण की झूठी कहानी गढ़ी। 20 वर्षीय काव्या ने पुलिस पूछताछ के दौरान अपने झूठे अपहरण के पीछे की इस मंशा का खुलासा किया है। उसे तथा उसके दोस्त हर्षित को मामले में पूछताछ के लिए बुधवार को एमपी के इंदौर से राजस्थान के कोटा लाया गया।पुलिस ने बताया कि मध्य प्रदेश पुलिस ने मंगलवार को पता लगाया कि 15 से अधिक दिनों से लापता दोनों लोगों इंदौर में हैं तथा उसने उन्हें राजस्थान पुलिस को सौंप दिया। पुलिस के अनुसार काव्या ने पुलिस को बताया कि उसने यूट्यूब पर एक वीडियो देखकर अपने झूठे अपहरण की साजिश रची। पुलिस ने बताया कि काव्या के पिता रघुवीर धाकड़ ने अपनी बेटी के अपहरण का आरोप लगाते हुए 18 मार्च को कोटा के विज्ञान नगर पुलिस थाने में एक शिकायत दर्ज करायी जिसके बाद उसकी तलाश शुरू की गयी। कोटा (सिटी) की पुलिस अधीक्षक अमृता दुहन ने बताया कि पूछताछ के दौरान यह पता चला कि काव्या अपनी मां के साथ दो अगस्त 2023 को कोटा आयी थी जो कोचिंग कक्षा में उसका दाखिला कराने और एक हॉस्टल में उसके रहने की व्यवस्था करने के बाद लौट गयीं। पुलिस ने बताया कि काव्या यहां महज तीन दिन रही और इंदौर चली गयी जहां वह अपने दो दोस्तों के साथ रह रही थी। दुहन ने बताया कि वह अपने माता-पिता को यह भरोसा दिलाने के लिए उन्हें फोटो और मैसेज भेजती रही कि वह कोटा में है। उन्होंने बताया कि मध्य प्रदेश के शिवपुरी में रहने वाले उसके माता-पिता हाल में तब हैरान रह गए जब उन्हें 30 लाख रुपये की फिरौती का फोन आया और उनकी बेटी की तस्वीरें मिलीं जिसमें उसके हाथ और पैर बंधे हुए थे। इसके बाद रघुवीर ने पुलिस में शिकायत दर्ज करायी।एसपी के अनुसार पूछताछ के दौरान काव्या ने पुलिस को बताया कि उसे लगा कि वह मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट पास नहीं कर पाएगी जिससे उसके माता-पिता परेशान होंगे। काव्या ने बताया कि नीट परीक्षा की तैयारी न होने के चलते वह काफी टेंशन में थी। परिवार वालों की ख्वाहिश थी वह डॉक्टर बने। इसलिए उसने अपने दोस्त हर्षित की मदद से इंदौर में अपने अपहरण की झूठी कहानी गढ़ी ताकि उसे रूस जाकर मेडिकल की पढ़ाई एमबीबीएस करने का पैसा मिल जाए। उसकी उच्च शिक्षा पूरी करने के बाद ही भारत लौटने की योजना थी।NEET : लड़की ने नीट में 585 मार्क्स बताकर MBBS में लिया एडमिशन, 2nd ईयर में बुरी फंसी, दर्ज होगा केसविज्ञान नगर पुलिस थाने के क्षेत्राधिकारी सतीश चौधरी ने बताया कि पुलिस अपहरण की झूठी कहानी गढ़ने के लिए दोनों के खिलाफ कार्रवाई करने को लेकर कानूनी सलाह ले रही है और इस बीच उन्हें पुलिस हिरासत में रखा गया है।करीब 15 दिन की तलाश मंगलवार रात हुई थी खत्मइंदौर और कोटा पुलिस के करीब दो सप्ताह तक चले सर्च ऑपरेशन के बाद काव्या को उसके दोस्त हर्षित के साथ इंदौर से ही मंगलवार रात पकड़ा गया था। बुधवार सुबह 5 बजे उन्हें कोटा पुलिस के हवाले कर दिया गया। पिता द्वारा अपहरण की रिपोर्ट दर्ज कराए जाने के बाद से ही पुलिस एक्शन में आ गई थी। जांच के दौरान उसने पाया कि काव्या के मोबाइल के सिम की लास्ट लोकेशन इंदौर ही थी। जब कोटा और इंदौर पुलिस उस रूम में पहुंचे जहां काव्या अपने दोस्त के साथ रह रही थी तब तक वे दोनों वहां से भाग गए थे। लेकिन पुलिस को वहां की सीसीटीवी फुटेज मिल गई जिसमें काव्या अपने दोस्त के साथ घर से बाहर निकल रही थी। इसके बाद उन्हें ट्रैक करने में 15 दिन लगे। रिपोर्ट के मुताबिक इन अवधि के दौरान काव्या ने 6 दिन अमृतसर में भी गुजारे। स्वर्ण मंदिर गुरुद्वारे में वे 6 दिन रुके जहां लंगर में खाना खाते थे। इसके बाद वापस इंदौर आ गए और किराए का कमरा लेकर रहने लगे।
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