NEET : लड़की ने नीट में 585 मार्क्स बताकर MBBS में लिया एडमिशन, 2nd ईयर में बुरी फंसी, दर्ज होगा केस

NEET : लड़की ने नीट में 585 मार्क्स बताकर MBBS में लिया एडमिशन, 2nd ईयर में बुरी फंसी, दर्ज होगा केस

यूपी के एक मेडिकल कॉलेज में नीट का फर्जी स्कोर कार्ड दिखाकर एमबीबीएस में एडमिशन लेने वाली लड़की के खिलाफ कोर्ट ने केस दर्ज करने का आदेश दिया है। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने हापुड़ स्थित सरस्वती इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस की एमबीबीएस छात्रा के खिलाफ संस्थान में प्रवेश पाने के लिए अपने आवेदन में जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल करने को लेकर एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने यह आदेश एमबीबीएस छात्रा माधवी तिवारी की याचिका पर सुनवाई के दौरान ही दिया। माधवी ने कोर्ट में याचिका दायर कर कोर्ट से मांग की थी वह मेडिकल कॉलेज को उसे एमबीबीएस के सेकेंड ईयर में एडमिशन देने का निर्देश दे ताकि वह अपनी पढ़ाई फिर से फिर से शुरू कर सके। याचिका में माधवी ने कहा कि उसने मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस फर्स्ट  ईयर का एग्जाम पास कर लिया है लेकिन मेडिकल कॉलेज उसे सेकेंड ईयर में एडमिशन नहीं दे रहा। छात्रा की याचिका के जवाब में मेडिकल कॉलेज ने कोर्ट में जवाबी हलफनामा दाखिल करते हुए कहा कि माधवी का नीट स्कोर कार्ड ( NEET Score Card ) और एडमिट कार्ड फर्जी पाया गया है। इंडियन एक्सप्रेस की एक खबर के मुताबिक अपनी याचिका में माधवी तिवारी ने दावा किया कि उसने नीट में 720 में से 585 अंक प्राप्त किए। उसका परसेंटाइल कुल 97.9650121 और नीट ऑल इंडिया रैंक 27,493 थी। याचिकाकर्ता ने कॉलेज के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए कहा कि उसके अच्छे स्कोर कार्ड के कारण उसे कॉलेज में प्रवेश दिया गया था। उसने अदालत से नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) को यह निर्देश देने का भी अनुरोध किया कि वह उसे एमबीबीएस सेकेंड ईयर के नियमित छात्र के रूप में मानते हुए किसी अन्य मेडिकल कॉलेज में अपनी पढ़ाई जारी रखने की अनुमति दे।न्यायमूर्ति सलिल कुमार राय की पीठ ने पिछले महीने पारित एक आदेश में कहा, “एनटीए डायरेक्ट और प्रधान सचिव, उच्च शिक्षा मंत्रालय को निर्देश दिया जाता है कि वे एक माह के भीतर याचिकाकर्ता और इस मामले में शामिल अन्य लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाएं।” MBBS Seats : मरीज कम आए तो घटेगी एमबीबीएस की सीटें, NMC ने मेडिकल कॉलेजों से मांगी ये जानकारियां7 दिसंबर, 2023 को, हाईकोर्ट ने एनटीए को एक उच्च स्तरीय जांच समिति बनाने और सुनवाई की अगली तारीख से पहले अपनी रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया। समिति ने पेश रिपोर्ट में कहा कि याचिकाकर्ता ने नोटिस लेने से इनकार कर दिया और उसके वकील ने भी नोटिस स्वीकार करने से इनकार कर दिया। आदेश में कहा गया, "जांच समिति ने सभी प्रासंगिक रिकॉर्ड और मूल ओएमआर आंसरशीट पर विचार करने के बाद याचिकाकर्ता के दावे को खारिज कर दिया। जांच में पाया गया कि याचिका के साथ अटैच दस्तावेज जाली हैं। याचिकाकर्ता को 720 में से 585 अंक कभी नहीं मिले। याचिकाकर्ता का रोल नंबर 4401204502 और आवेदन संख्या 200410010315 था, न कि 4401205405 और 2005100010416, जैसा कि उसके द्वारा बताया गया था।' जांच समिति ने कहा कि याचिकाकर्ता द्वारा जो रोल नंबर अपना बताया जा रहा है वह किसी अन्य उम्मीदवार को आवंटित किया गया था।समिति ने आगे कहा, "याचिकाकर्ता ने कुल 720 में से सिर्फ 72 अंक प्राप्त किए और उसका कुल परसेंटाइल स्कोर 23.7791920 था। उसकी नीट ऑल इंडिया रैंक 1041435 थी । रैंक 322016 थी।" समिति ने आगे कहा कि ऑल इंडिया कोटा रैंक  27,493 एक अन्य उम्मीदवार अपर्णा तिवारी को आवंटित की गई थी, न कि याचिकाकर्ता को।हाईकोर्ट के आदेश के बाद, याचिकाकर्ता ने एसएलपी दायर कर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। याचिकाकर्ता के वकील द्वारा एसएलपी वापस लेने के बाद शीर्ष अदालत ने इसका निपटारा कर दिया।

2024-03-26 18:50:09

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