
NEET का रिवाइज्ड रिजल्ट 2 दिन में, टॉपर घटकर हो जाएंगे 17; AIIMS से MBBS की रेस से बाहर होंगे कई अव्वल छात्र
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा है कि मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट का रिवाइज्ड रिजल्ट दो दिनों में घोषित कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि परीक्षा की मेरिट लिस्ट में शीर्ष अदालत के निर्देशों के अनुसार तब्दीलियां की जाएंगी। आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट-यूजी) 2024 में पूछे गए परमाणु से संबंधित एक सवाल के सही उत्तर को लेकर आईआईटी दिल्ली के विशेषज्ञों की रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया है। इसके साथ ही, शीर्ष अदालत ने राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) को संबंधित सवाल का विकल्प 4 को सही उत्तर मानते हुए नीट-यूजी 2024 के परिणाम को संशोधित करने और नये सिरे से जारी करने का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से 4 लाख 22 हजार से अधिक छात्रों के परिणाम को प्रभावित करेगा बल्कि नीट-यूजी 2024 की रैंकिंग पूरी तरह से बदल जाएगी। यहां तक की कुल 720 में से 720 अंक पाने वाले 61 में से 44 छात्रों का अंक 715 रह जाएगा। यहां तक की नीट यूजी में 100 फीसदी अंक पाने वाले छात्रों की संख्या भी घट कर सिर्फ 17 रह जाएगा। सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद कई छात्र देश के शीर्ष मेडिकल कॉलेज एम्स में दाखिले की दौड़ से कई टॉपर बाहर हो सकते हैं।आईआईटी की रिपोर्ट में भी आंसर-की वाला उत्तर विकल्प 4 सहीसुप्रीम कोर्ट ने सभी तथ्यों पर ध्यान रखते हुए आईआईटी दिल्ली के विशेषज्ञों की रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया, जिसमें कहा गया है कि संबंधित सवाल का एक ही सही जवाब है और वह है चौथा विकल्प। पीठ ने एनटीए के उस दलीलों को सिरे से ठुकरा दिया, जिसमें कहा गया था कि संबंधित सवाल का दो सही जवाब था यानी सवाल का विकल्प दूसरा और विकल्प चौथा सही जवाब है। एनटीए की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ से कहा कि यदि आईआईटी दिल्ली के रिपोर्ट को स्वीकार किया जाता है तो उन छात्रों को परेशानी होगी जिन्होंने अपने बड़े भाई-बहनों की रखी एनसीईआरटी की पुरानी किताबों के आधार पर परीक्षा की तैयारी की थी। उन्होंने पीठ से कहा कि जिन लोगों ने एनसीईआरटी के अधिकृत किताब पर भरोसा किया और सवाल का उत्तर दिया, उन्हें भी इसका नुकसान नहीं उठाना चाहिए। इस पर जस्टिस मिश्रा ने कहा कि ‘यहां सवाल रटने का नहीं है, आपको बुनियादी बातें स्पष्ट होनी चाहिए। जहां तक स्थिर परमाणु का सवाल है, यह एक रेडियोधर्मी तत्व होना चाहिए, विज्ञान का छात्र होने के नाते मैं इसके बारे में थोड़ा बहुत जानता हूं। मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने भी सॉलिसिटर जनरल से कहा कि सोमवार को हमने आपकी सहमति से आईआईटी दिल्ली के निदेशक को इस सवाल का सही जवाब तलाशने के लिए विशेषज्ञों की समिति बनाने का निर्देश दिया था। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि हमें संस्करणों आदि के आधार पर नहीं जाना चाहिए, हम सही उत्तर के आधार पर जाएंगे। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि मान लीजिए कि नवीनतम एनसीईआरटी की संस्करण में गलत उत्तर है, लेकिन छात्र ने सुधार किया और अच्छी तरह से तैयारी की और सही उत्तर दिया, आईआईटी ने हमें बताता है कि सही उत्तर क्या है। शीर्ष अदालत ने यह भी सवाल किया कि पुरानी पाठ्यपुस्तक में गलत उत्तर कब तक जारी रहा? इस पर सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि यह ट्रिकी प्रश्न है, कोई अस्पष्ट प्रश्न नहीं है, मैं इस बारे में विस्तार से जवाब दूंगा। हालांकि उनकी दलीलों को सुप्रीम कोर्ट ने ठुकरा दिया और आईआईटी दिल्ली की रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया और उसके मुताबिक एनटीए को परिणाम को संशोधित करने और दोबारा से जारी करने का आदेश दिया है।NEET UG : नीट के टॉपरों समेत चार लाख से ज्यादा छात्रों के घटेंगे मार्क्स, बदलेगी रैंक; NTA जारी करेगा रिवाइज्ड रिजल्टनिगेटिव मार्किंग से बचने को नहीं दिया जवाबसुप्रीम कोर्ट में इस मुद्दे को लेकर याचिका दाखिल करने वाली वंशिका यादव की ओर से पेश अधिवक्ता ने पीठ को बताया था कि एनटीए द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार छात्रों को एनसीईआरटी की पाठ्यपुस्तक के नवीनतम संस्करण का पालन करना था। नवीनतम संस्करण के मुताबिक संबंधित प्रश्न (टेस्ट बुकलेट कोड एस-3 में प्रश्न संख्या-19) के लिए विकल्प 4 सही उत्तर है, जबकि पुराने एनसीईआरटी पाठ्यक्रम के अनुसार, विकल्प 2 सही जवाब है। नीट यूजी में 711 अंक पाने वाली छात्रा की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता ने पीठ से कहा कि इस अस्पष्टता के कारण उसने संबंधित प्रश्न का उत्तर नहीं दिया ताकि नकारात्मक अंकन से बचा जा सके। उन्होंने बताया कि विकल्प 2 का चयन करने वाले छात्रों को अंक देने का एनटीए का निर्णय, उसके अपने ही निर्देश के खिलाफ है। याचिकाकर्ताने या तो प्रश्न को हटाने या दूसरा विकल्प चुनने वाले छात्रों को दिए गए अनुग्रह अंक वापस लेने की प्रार्थना की।सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि परीक्षा में 4,20,774 उम्मीदवारों ने विकल्प 2 (पुराने एनसीईआरटी के संस्करण के हिसाब से सवाल का जवाब दिया और 9,28,379 उम्मीदवारों ने विकल्प 4 का प्रयास किया। मेहता ने पीठ से कहा था कि एनटीए को बड़े पैमाने पर छात्रों से प्रतिवेदन मिला जिसमें कहा गया था कि उन्होंने परीक्षा की तैयारी के लिए अपने भाई-बहनों की पुरानी पाठ्य पुस्तकों का उपयोग किया था, इसलिए संबंधित सवाल का जवाब देने में विकल्प 2 को चुना। सॉलिसिटर जनरल ने पीठ से कहा कि छात्रों के प्रतिवेदन मिलने के बाद एनटीए ने प्रश्न का उत्तर देने के लिए विकल्प 2 को चुनने वाले छात्रों को भी अंक देने का फैसला किया।
Disclaimer: This story is auto-aggregated by a computer program and has not been created or edited by Learningcity. Publisher: livehindustan