
NEET : 100 से ज्यादा छात्रों के MBBS दाखिले पर लटकी तलवार, एडमिशन में चालाकी का आरोप, BFUHS ने मांगी सफाई
NEET MBBS Admission 2024: बाबा फरीद यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज (बीएफयूएचएस) में 100 से ज्यादा छात्रों का एमबीबीएस एडमिशन जांच के दायरे में आ गया है। बीएफयूएचएस को ऐसी कई शिकायतें मिली हैं जिसमें दावा किया गया है कि बहुत से स्टूडेंट्स ने पंजाब स्टेट कोटा की एमबीबीएस सीटों पर एडमिशन पाने के लिए फर्जी डोमिसाइल सर्टिफिकेट लगाए। राज्य में कुल 1,550 एमबीबीएस सीटों में से 10 मेडिकल कॉलेज करीब 1,200 स्टेट कोटा सीटें ऑफर करते हैं। किसी राज्य में स्टेट कोटा एमबीबीएस सीट पर एडमिशन लेने के लिए डोमिसाइल सर्टिफिकेट बेहद महत्वपूर्ण आधिकारिक दस्तावेज होता है। इससे किसी व्यक्ति के विशिष्ट राज्य में निवास की पुष्टि होती है। यह प्रमाण पत्र किसी व्यक्ति के स्थायी निवास का सबूत है।पंजाब में स्टेट कोटे की सीटें राज्य के मूल निवासियों के लिए आरक्षित हैं। पिछले कुछेक सालों से अन्य राज्यों के स्टूडेंट्स द्वारा फर्जी डोमिसाइल सर्टिफिकेट के जरिए यहां स्टेट कोटा एमबीबीएस सीट पर एडमिशन पाने के मामले सामने आ रहे हैं। इससे पंजाब के मूल निवासी और स्टेट कोटा सीटों के असल हकदार छात्र एडमिशन से वंचित रह जाते हैं। काउंसलिंग के पहले राउंड में इन 1,200 राज्य कोटे की एमबीबीएस सीटों के लिए 5,721 आवेदक हैं।पंजाब के विभिन्न हिस्सों के रहने वाले छात्रों और उनके अभिभावकों ने बीएफयूएचएस अधिकारियों को शिकायत दी है जिसमें आरोप लगाया है कि स्टेट कोटे की सीटों के लिए कई उम्मीदवारों के नाम हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और गुजरात की मेरिट लिस्ट में भी एक साथ आ रहे हैं, जिससे वे इन राज्यों के वास्तविक निवासी होने का दावा कर रहे हैं।बिहार में MBBS की प्रोविजनल सीटें अलॉट, 685 अंकों के आसपास वालों को एडमिशन संभवनियम के मुताबिक, एक उम्मीदवार एक से अधिक राज्यों में राज्य कोटा के लिए आवेदन नहीं कर सकता है। शिकायत में दावा किया गया है कि यूनिवर्सिटी के एमबीबीएस कोर्स में एडमिशन लेने वाले 100 से ज्यादा स्टूडेंट्स ने एक से ज्यादा डोमिसाइल सर्टिफिकेट बनवा रखे हैं।नियमों के अनुसार पंजाब में स्टेट कोटे की एमबीबीएस कोर्स सीटों पर दाखिले के लिए सभी उम्मीदवारों और उनके अभिभावकों को हलफनामा जमा करना होता है कि वे एमबीबीएस कोर्स में प्रवेश के लिए किसी अन्य राज्य या केंद्र शासित प्रदेश में निवास का लाभ नहीं ले रहे हैं। मेडिकल यूनिवर्सिटी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा कि कई शिकायतें मिलने के बाद बीएफयूएचएस ने संदिग्ध उम्मीदवारों द्वारा पेश किए गए सर्टिफिकेट्स की जांच शुरू कर दी है और उनसे अन्य राज्यों की मेरिट लिस्ट में उनके नाम के बारे में स्पष्टीकरण मांगा है।बीएफयूएचएस के कुलपति डॉ. राजीव सूद ने कहा कि एमबीबीएस सीटों के अलॉटमेंट में पूरी निष्पक्षता और पारदर्शिता बरती जाएगी तथा किसी भी कीमत पर धोखाधड़ी की इजाजत नहीं दी जाएगी।बीएफयूएचएस में पिछले साल भी ऐसे मामले आए थे । बहुत से छात्र एक से अधिक राज्यों का डोमिसाइल सर्टिफिकेट बनवाकर स्टेट कोटे की एमबीबीएस और बीडीएस सीटों पर एडमिशन पाना चाह रहे थे।इन्होंने एक से अधिक राज्यों से डोमिसाइल सर्टिफिकेट बनवा रखे थे। इन उम्मीदवारों ने अपना गलत पता बताकर एक से अधिक राज्यों में एमबीबीएस और बीडीएस कोर्सेज में दाखिले के लिए स्टेट कोटा का लाभ उठाने की कोशिश की थी।
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