
MBBS:विदेश से MBBS करने वालों को एनएमसी ने इंटर्नशिप में दी राहत
नेशनल मेडिकल कमिशन ने अपने सर्कुलर में एक बदलाव किया है, जिसमें विदेशी मेडिकल ग्रेजुएट्स को 12 महीने की इंटर्नशिप के लिए कहा गया है। कमिशन ने अब इंटर्नशिप के टाइम को घटाकर एक साल कर दिया है। लेकिन इसके लिए कुछ परिस्थितियां है। नोटिस में एनएमसी ने कहा कि जिन विदेशी स्टूडेंट्स ने फिजिकल मोड में क्षतिपूर्ति कक्षाएं ली हैं और भारत में एमबीबीएस के समान परीक्षा पास की है, वे सभी एक साल की इंटर्नशिप के लिए पात्र हैं। ऑनलाइन क्लास लेने वालों के लिए एक साल की इंटर्नशिप नहीं है। आपको बता दें कि नेशनल मेडिकल कमिशन ने यह भी साफ कर दिया है इसको छोड़कर बाकी सभी कंडीशन वैसी ही रहेंगी जैसी 7 दिसंबर 2023 को जारी पब्लिक नोटिस में कही गईं है। पहले के सर्कुलर में जो 7 जून को जारी किया गया था। एनएमसी ने नोटिस में साफ किया है कि 07 जून, 2024 को सार्वजनिक सूचना के क्रम में, यह साफ किया किया जाता है कि सभी छात्र जिन्होंने ऑनलाइन क्लासों के बदले फिजिकल रूप से क्षतिपूर्ति क्लास ली हैं और बाद में भारत में एमबीबीएस के समकक्ष परीक्षा पास की है।वे सीआरएमआई विनियम 2021 में निर्देशित की गई 1 साल की इंटर्नशिप के लिए पात्र होंगे। आयोग ने आगे कहा कि अन्य सभी शर्तें समान रहेंगी। यह नियम उन छात्रों पर भी लागू होगा जिन्होंने किसी अन्य देश से भारत में एमबीबीएस के समकक्ष एफएमजी परीक्षा पास की है। आपको बता दें कि एमबीबीएस इंटर्नशिप 12 महीने का एक प्रशिक्षण चरण है जिसे बैचलर ऑफ मेडिसिन एंड बैचलर ऑफ सर्जरी (एमबीबीएस ) के 5.5 साल के अनिवार्य भाग के रूप में शामिल किया गया है।
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