
MBBS Seats : NEET अभ्यर्थियों के लिए गुड न्यूज, यूपी में जल्द बढ़ेंगी एमबीबीएस की 1300 सीटें
MBBS Seats : उत्तर प्रदेश में बनकर तैयार हुए सभी 13 नए मेडिकल कॉलेजों को नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) ने मान्यता देने से इनकार कर दिया है। कॉलेजों में चिकित्सा शिक्षकों एवं अन्य संसाधनों की कमी के चलते ऐसा हुआ। लेकिन राज्य सरकार इन कॉलेजों को मान्यता दिलाने के लिए प्रयासरत है। अभी प्रदेश में सरकारी क्षेत्र की एमबीबीएस की 3828 और निजी क्षेत्र की 5450 सीटें हैं। अगर इन कालेजों को मान्यता मिलती तो 1300 सीटें और बढ़ जाएंगी। उत्तर प्रदेश के 13 जिलों में नए मेडिकल कॉलेजों की शुरुआत को एनएमसी द्वारा अनुमति मिलने में आए अवरोध के पीछे मानकों में अचानक हुए बदलाव मुख्य कारक हैं। राज्य सरकार ने प्रदेश में 13 नए स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालयों की परिकल्पना एनएमसी के 2020 में निर्धारित मानकों के आधार पर की थी। उधर, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वयं आगे बढ़कर केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा से वार्ता करते हुए इन कॉलेजों में 2024-25 के शैक्षिक सत्र को चलाने के लिए वर्ष 2020 में निर्धारित मानकों के आधार पर कार्रवाई की जरूरत पर बल दिया है।राज्य सरकार ने की एनएमसी एक्ट-2019 के तहत अपील राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि इन्हीं मानकों के आधार पर स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालयों द्वारा वर्ष 2023 में एनएमसी से एलओपी मांगी गयी थी, जिससे कि वर्ष 2024-25 में शैक्षिक सत्र प्रारम्भ हो सके जबकि एनएमसी वर्ष एमबीबीएस कोर्स के लिए 2023 में जारी नए मानकों के आधार पर निर्णय ले रही है।शैक्षिक सत्र 2024-25 से प्रदेश के 13 जनपदों में नए मेडिकल कॉलेज में पठन- पाठन प्रारंभ हो जाएं, इसके लिए सरकार सभी संभव विकल्पों को अपना रही है। सूत्रों के अनुसार, सभी राज्य स्वशासी चिकित्सा महाविद्यालयों द्वारा एनएममसी एक्ट-2019 के अनुच्छेद 28 (5) के अधीन अपील भी की गई है।सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, राज्य सरकार ने 13 नए मेडिकल कॉलेजों की परिकल्पना एनएमसी के 2020 में निर्धारित मानकों के आधार पर की थी। इन्हीं के आधार पर वर्ष 2023 में एनएमसी से एलओपी मांगी गई थी, जिससे कि वर्ष 2024-25 में शैक्षिक सत्र प्रारम्भ हो सके। इस बीच एनएमसी द्वारा वर्ष 2023 में एमबीबीएस कोर्स के लिए नए मानक निर्धारित कर दिए गए। इस पर योगी सरकार ने उसी समय एनएमसी को पत्र लिखकर इन 13 नए मेडिकल कालेजों में पुराने मानकों के आधार पर निरीक्षण कराने का आग्रह किया था।नए मानकों में 86 शिक्षकअनिवार्यवर्ष 2020 के एनएमसी के पुराने मानकों में 50 चिकित्सा शिक्षकों की आवश्यकता है, जबकि वर्ष 2023 के एनएमसी के मानकों में 86 चिकित्सा शिक्षकों की अपरिहार्यता है। इसी प्रकार से जहां वर्ष 2020 के एनएमसी के पुराने मानकों में 24 सीनियर रेजीडेण्ट की जरूरत है, वहीं वर्ष 2023 के मानकों में 40 सीनियर रेजीडेंट की अपरिहार्यता है। इसी तरह, जहां पुराने मानकों में प्रोफेसर के 6 पदों की आवश्यकता थी। वहीं वर्ष 2023 के नए मानकों में 17 प्रोफेसरों की अपरिहार्यता है।भर्ती की प्रक्रिया चल रही है अभीविभिन्न स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालयों द्वारा चिकित्सा शिक्षकों के पदों को भरने के लिए पूरी कोशिश की गई। आचार संहिता समाप्त होने के तुरन्त बाद फिर विज्ञापन जारी कर आवेदन मांगे गए और वर्तमान में चयन की कार्रवाई चल रही है।
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