
MBBS : NEET छात्रों के लिए खुशखबरी, सरकारी मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की 200 सीटें बढ़ेंगी
NEET , MBBS Admission : बिहार के मेडिकल कॉलेज में इस सत्र से बढ़ी हुई सीटों पर नामांकन होगा। पहली बार समस्तीपुर और छपरा मेडिकल कॉलेज में सौ-सौ सीटों पर दाखिला होगा। एमबीबीएस की 200 सीटें बढ़ने पर राज्य के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में कुल 1690 सीटें हो जाएंगी। इसके पूर्व में अबतक राज्य के मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस कोर्स में 1490 सीटें थीं। ये बढ़कर 1690 हो जाएंगी। हालांकि बीडीएस की सीटों में कोई बढ़ोतरी नहीं है। पटना डेंटल कॉलेज और रहुई डेंटल कॉलेज, नालंदा में सौ सीटों पर ही नामांकन होगा। वहीं निजी मेडिकल कॉलेजों के एमबीबीएस कोर्स को जोड़ दिया जाए तो संख्या 2500 के पार कर जाएगी।अभी पीएमसी पटना में 200, डीएमसी लहेरियासराय में 120, भागलपुर में 120,एनएमसी पटना में 150, मुजफ्फरपुर में 120, गया में 120, आईजीआईएमएस पटना में 120, जीएमसी बेतिया में 120, विम्स पावापुरी में 120, मधेपुरा में 100, ईएसआइसी मेडिकल कॉलेज बिहटा में 100, जीएमसी पूर्णिया में 100, पटना डेंटल कॉलेज में 40 व रहुई डेंटल कॉलेज नालंदा में 100 सीटें हैं। बिहार के मेडिकल कॉलेजों में 15 सीटों पर ऑल इंडिया कोटा के तहत नामांकन होता है। वहीं, शेष 85 प्रतिशत सीटों पर राज्य कोटे के तहत दाखिले लिए जाते हैं। केन्द्रीय कोटे का नामांकन होने के बाद ही राज्य कोटे से नामांकन की प्रक्रिया बीसीईसीई के माध्यम से होगी।NEET को खत्म कर 12वीं के मार्क्स से लें MBBS समेत मेडिकल कोर्सेज में एडमिशन, समिति ने सरकार से की सिफारिशNEET में पहले आवेदन वालों को एडमिशन में होगा फायदाएनटीए ने नीट रिजल्ट के साथ टाई ब्रेकिंग पॉलिसी में भी बदलाव किया है। परीक्षा में दो या उससे अधिक छात्रों के नंबर एक समान आने पर किसे मेरिट में ऊपर रखा जाएगा, यह टाई ब्रेकिंग पॉलिसी से ही तय होता है। नोटिफिकेशन में एनटीए ने टाई ब्रेकिंग पॉलिसी में 7 नियमों का जिक्र किया था लेकिन रिजल्ट के समय एनटीए ने 8 नियमों का जिक्र किया है। 8वें नियम में एप्लीकेशन नंबर का नया प्रावधान जोड़े जाने से अभ्यर्थी भड़के हुए हैं। जिस छात्र ने पहले एप्लीकेशन फॉर्म भरा, उसको पहले काउंसलिंग रैंक अलॉट की गई है। जिसने पहले फॉर्म भरा होगा उसे एमबीबीएस, बीडीएस एडमिशन की दौड़ में फायदा होगा। अभ्यर्थियों का कहना है कि एनटीए ने अपने नीट इंफोर्मेशन बुलेटिन में 8वां नियम नहीं डाला था। अगर उन्हें ये पहले पता होता तो वे पहले आवेदन करते।
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