MBBS : एमबीबीएस छात्रों को पढ़ाने के लिए नहीं मिलता मेडिकल जर्नल, जानें क्या इस पर NMC की गाइडलाइन

MBBS : एमबीबीएस छात्रों को पढ़ाने के लिए नहीं मिलता मेडिकल जर्नल, जानें क्या इस पर NMC की गाइडलाइन

धनबाद मेडिकल कॉलेज के एमबीबीएस छात्रों और यहां के डॉक्टरों को पढ़ने के लिए मेडिकल जर्नल नहीं मिलता। इस मेडिकल कॉलेज के लाइब्रेरी में कभी इसकी खरीदारी नहीं होती। जबकि राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) के गाइडलाइन के अनुसार सभी मेडिकल कॉलेजों को मेडिकल जर्नल अनिवार्य से रूप से खरीदना है। बता दें कि मेडिकल कॉलेज के लाइब्रेरी में मेडिकल से जुड़ी पुस्तकों के साथ साथ मेडिकल जर्नल की भी होनी चाहिए। धनबाद मेडिकल कॉलेज में मेडिकल से जुड़ी पुस्तकें काफी संख्या में खरीदी जाती है। लेकिन अधकारी जर्नल की खरीदारी में दिलचस्पी नहीं दिखाते। एनएमसी के दौरे के दौरान दिखाने के लिए डॉक्टर द्वारा खरीदे गए पुराने जर्नल मंगवाकर लाइब्रेरी में रख दिया जाता है। इसी जुगाड़ से यह मेडिकल कॉलेज एमबीबीएस की 100 सीट और पीजी लेने में सफल हुआ है। जर्नल क्यों नहीं खरीदा जाता, इसपर जिम्मेवार अधिकारियों का कहना है कि इसके लिए पर्याप्त फंड नहीं मिलता। डॉक्टरों की मानें चिकित्सा क्षेत्र में हो रहे नए-नए बदलावों से अवगत होने का सबसे बेहतर संसाधन मेडिकल जर्नल है। यह अलग अलग विषयों का अलग होता है। इलाज की नई तकनीक व तरीकों की जानकारी देते हैं।दूसरे कॉलेजों को भेजी जाती हैं पुस्तकेंपुस्तकों की भरमार का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि राज्य के नए खुले मेडिकल कॉलेजों को यहां से पुस्तक भेजी गई है। वहां के एमबीबीएस छात्र यहां की पुस्तक पढ़ रहे हैं। लेकिन जर्नल की खरीद में मेडिकल कॉलेज की यह समृद्धि गायब हो जाती है।ऑनलाइन करते हैं पढ़ाईमेडिकल कॉलेज की लाइब्रेरी में जर्नल नहीं होने के कारण छात्र और डॉक्टर जरूरत के अनुसार इसकी पढ़ाई ऑनलाइन करते हैं। डॉक्टरों के अनुसार ऑनलाइन एक विकल्प मात्र है। फिजिकल जर्नल पढ़ाना, समझना और समझाना ज्यादा सुविधाजनक और आसान होता है।होना चाहिए 18 प्रकार का जर्नलडॉक्टरों के अनुसार एनएमसी के गाइडलाइन के अनुसार 100 सीट वाले किसी भी मेडिकल कॉलेज की लाइब्रेरी में कम से कम 18 प्रकार का मेडिकल जर्नर होने चाहिए। हर साल इसकी खरीदरी की जानी चाहिए। लेकिन यहां यह नहीं खरीदा जाता।लाइब्रेरी में पुस्तकों की भरमारमेडिकल जर्नल विहिन इस मेडिकल कॉलेज का लाइब्रेरी में मेडिकल के पुस्तकों के लिहाज से काफी समृद्ध है। आम तौर पर 100 एमबीबीएस सीट वाले मेडिकल कॉलेज की लाइब्रेरी में 2000 के आसपास पुस्तकें होनी चाहिए। इसकी संख्या 1600 से अधिक है।मेडिकल जर्नल काफी महंगा होता है। इसके लिए मुश्किल से पांच लाख रुपए मिलते हैं। एक-एक जर्नल एक से डेढ़ लाख रुपए का होता है। इतने कम पैसे में जर्नल खरीद पाना संभव नहीं है। - डॉ ज्योति रंजन प्रसाद, प्राचार्य, धनबाद मेडिकल कॉलेज

2024-06-27 14:15:02

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