
लखनऊ विश्वविद्यालय का परीक्षा कार्यक्रम जारी, पीजी पाठ्यक्रमों की परीक्षाएं 22 मई से
LU Exams 2024 : लखनऊ विश्वविद्यालय में सम सेमेस्टर परीक्षा-2024 के तहत परास्नातक स्तर के पाठ्यक्रमों का परीक्षा कार्यक्रम जारी कर दिया गया है। विद्यार्थी विश्वविद्यालय की आधिकारिक वेबसाइट पर कार्यक्रम देख सकते हैं। इन परीक्षाओं में पांच जिलों के करीब एक लाख विद्यार्थी शामिल होंगे। एलयू में यूजी और पीजी स्तर के कई कार्यक्रमों का परीक्षा शेड्यूल जारी हुआ है। इसके तहत एमए या एमएससी मैथ्स सीबीसीएस दूसरे सेमेस्टर की परीक्षाएं 31 मई से 18 जून और चौथे की तीन से 11 जून तक होंगी। एमए या एमएससी स्टैटिस्टिक्स, बायो-स्टैटिस्टिक्स की परीक्षा तीन से 14 जून और एमएससी रसायन विज्ञान, फार्मास्यूटिकल साइंस की परीक्षाएं 10 से 24 जून तक होगी।इसी तरह एमएससी भौतिक विज्ञान की परीक्षाएं 31 मई से 13 जून और एमएससी बायो-केमेस्ट्री, कंप्यूटर साइंस 31 मई से 12 जून तक कराई जाएगी। एमए ज्योतिर्विज्ञान, अंग्रेजी 31 मई से 14 जून, एमए मनोविज्ञान 31 मई से 12 जून, शास्त्रत्त्ी 22 मई से आठ जून, एमए पर्सियन 31 से 18 जून और एमए आचार्य की परीक्षाएं 22 मई से सात जून तक आयोजित होंगी। जानकारी के अनुसार बता दें कि इस संबंध में परीक्षा नियंत्रक विद्यानंद त्रिपाठी ने आदेश जारी कर दिया है।ललित कला संकाय की परीक्षाएं 22 से बीवीए, बीएफए के दूसरे, चौथे, छठे व आठवें सेमेस्टर की परीक्षाएं 22 मई से शुरू होकर तीन जून तक चलेंगी। इसी तरह एमवीए दूसरे व चौथे सेमेस्टर की परीक्षा 30 मई से पांच जून तक होगी। अधिक जानकारी के लिए छात्र-छात्राएं एलयू की वेबसाइट देख सकते हैं।बीएससी,एमएससी कृषि की परीक्षा 27 मई से होंगीबीएससी कृषि ऑनर्स एनईपी की दूसरे, चौथे व छठे सेमेस्टर की परीक्षाएं 27 मई से 10 जून तक कराई जाएगी। जबकि एमएससी कृषि हॉर्टिकल्चर, एग्रीकल्चर एक्सटेंशन, एग्रोनॉमी, सॉइल साइंस एंड एग्रीकल्चर केमेस्ट्री में दूसरे व चौथे सेमेस्टर की परीक्षाएं 27 से 31 मई तक आयोजित होंगी।विद्यार्थियों को बीमारियों से बचाव पर जागरूक कियाआज के समय में पैसिव स्मोकिंग भी अस्थमा का एक बड़ा कारण है। इससे बचने के लिए जागरूकता की जरूरत है। न केवल टीबी, अस्थमा बल्कि अन्य सभी रोगों से बचने के लिए योग, ध्यान, फिजिकल वर्कआउट और साफ सफाई को दैनिक जीवन में अपनाना चाहिए। यह बातें विशेषज्ञ डॉ. गौरी ने कहीं। वह एलयू के समाज कार्य विभाग और पंडित दीनदयाल शोध पीठ की ओर से अस्थमा व टीबी बचाव व देखभाल पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि रहीं। डॉक्टर गौरी ने कहा कि मोबाईल के कम इस्तेमाल से रेडिशन से बचा जा सकता है। यदि परिवार का कोई सदस्य टीबी, अस्थमा जैसे रोगों से पीड़ित है तो उसे मानसिक समर्थन दिया जाना चाहिए। समाज कार्य के विभागाध्यक्ष प्रो. राकेश द्विवेदी ने कहा कि वायु व प्रदूषण जनित बीमारियों से सावधान रहने की जरूरत है।
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