क्या UPSC चयनित IAS पूजा खेडकर को ट्रेनिंग में ही नौकरी से बर्खास्त किया जा सकता है? जानें क्या हैं 5 नियम

क्या UPSC चयनित IAS पूजा खेडकर को ट्रेनिंग में ही नौकरी से बर्खास्त किया जा सकता है? जानें क्या हैं 5 नियम

Trainee IAS officer Puja Khedkar : प्रोबेशन पीरियड में अपनी गैरजरूरी मांगों और नखरों से चर्चा में आने के बाद ट्रेनी आईएएस अफसर पूजा खेडकर अब यूपीएससी सिविल सर्विसेज में अपनी नियुक्ति को लेकर सवालों के घेरे में हैं। आरोप है कि पूजा खेडकर ने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में चयन के लिए अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और विकलांगता संबंधी कोटा पाने के लिए गलत तथ्य प्रस्तुत किए। अगर जांच में उनके दावे झूठे पाए जाते हैं तो उन्हें नौकरी से निकाल दिया जाएगा। जांच में उनके द्वारा प्रस्तुत सभी दस्तावेजों की फिर से जांच की जाएगी। यदि यह पाया जाता है कि उन्होंने तथ्यों को गलत तरीके से पेश किया है या यह पाया जाता है कि उनका चयन जिन दस्तावेजों के आधार पर किया गया है, उनमें किसी तरह का फर्जीवाड़ा है तो उन्हें आपराधिक आरोपों का भी सामना करना पड़ सकता है।क्या हैं IAS अफसर को ट्रेनिंग में ही नौकरी से हटाने के नियमयूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा पास करने वाले सभी अभ्यर्थियों को शुरुआती ट्रेनिंग के लिए  सबसे पहले लाल बहादुर शास्त्री प्रशासनिक अकादमी ( LBSNAA ), मसूरी में बुलाया जाता है। चाहे किसी को आईएएस सर्विस मिली हो या फिर आईपीएस, आईएफएस या आईआरएस, सभी को यहां फाउंडेशन कोर्स (शुरुआती ट्रेनिंग) के लिए आना होता है। फाउंडेशन कोर्स के बाद आईएएस अभ्यर्थियों को छोड़कर शेष अभ्यर्थियों को उनकी सर्विस के मुताबिक ट्रेनिंग एकेडमी में भेज दिया जाता है। आईपीएस सर्विस वाले अभ्यर्थियों को हैदराबाद स्थित सरदार वल्लभभाई पटेल नेशनल पुलिस एकेडमी,  आईएफएस सर्विस वालों को दिल्ली स्थित फॉरेन सर्विस इंस्टीट्यूट (एफएसआई) और आईआरएस को नागपुर स्थित नेशनल एकेडमी ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज में भेजा जाता है। 2 साल का होता है IAS ट्रेनी का प्रोबेशन पीरियडआईएएस ट्रेनी अफसर का प्रोबेशन पीरियड दो साल का होता है। सरकार चाहे तो इसे एक और साल बढ़ा सकती है। प्रोबेशन के तहत अफसरों को LBSNAA के अंतर्गत रहते हुए सभी तरह के दिशानिर्देश मानने होते हैं। यही वजह है कि पूजा खेडकर मामले की रिपोर्ट LBSNAA ने भी मांगी है। पूजा खेड़कर ने पहले भी किया है खेल? नखरेबाज ट्रेनी IAS के नाम और दिव्यांग सर्टिफिकेट को लेकर चौंकाने वाला दावाआईएएस प्रोबेशन रूल्स 1954 में बताया गया है कि एक प्रोबेशनर आईएएस ऑफिसर को कब नौकरी से हटाया जा सकता है 1. अगर वह नियम 9 के तहत री-एग्जाम पास करने में नाकाम रहता है या2. यदि केंद्र सरकार को लगता है कि प्रोबेशन पर तैनात अफसर इस पद के लिए अयोग्य है या उस सर्विसेज का सदस्य बनने के लिए अनुपयुक्त है या3. अगर केंद्र सरकार की राय में ट्रेनी अफसर ने जानबूझकर अपने प्रोबेशनरी स्टडीज और ड्यूटी की उपेक्षा की है या4.  अगर सरकार को लगता है कि ट्रेनी अफसर का कैरेक्टर या उसकी मानिसक योग्यता सर्विसेज के लिए उपयुक्त नहीं है।5.  वह इन नियमों के किसी भी प्रावधान का पालन करने में विफल रहता है।सेक्शन (1) के तहत आने वाले मामले को छोड़कर अन्य केसों में केंद्रीय सरकार कोई भी आदेश देने से पहले जांच करेगी।

2024-07-13 14:25:58

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