
क्या रद्द होगी NEET UG परीक्षा, 8 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट CBI जांच समेत इन मांगों पर करेगा सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट ने विवादित नीट यूजी परीक्षा में हुई कथित अनियमितताओं की सीबीआई से जांच कराने के अनुरोध वाली याचिका पर केंद्र, एनटीए और अन्य को नोटिस जारी कर दो सप्ताह में जवाब देने को कहा है। नीट पेपर लीक का दावा करने वाली याचिका में मांग की गई है कि इस मामले की जांच सीबीएसई से कराई जानी चाहिए। नीट-यूजी 2024 में गड़बड़ी के आरोपों की सीबीआई से जांच के अनुरोध वाली याचिका पर 8 जुलाई को सुनवाई होगी। इससे अलावा सुप्रीम कोर्ट ने ने शुक्रवार को नीट-यूजी विवाद पर विभिन्न उच्च न्यायालयों में लंबित मामलों को शीर्ष अदालत में ट्रांसफर करने के अनुरोध वाली राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) की याचिका पर निजी पक्षों को नोटिस जारी किया। न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की अवकाशकालीन पीठ ने राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) के वकील की इस दलील का संज्ञान लिया कि विभिन्न उच्च न्यायालयों में अनेक याचिकाएं लंबित हैं जिनमें 'राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा-स्नातक' (नीट-यूजी), 2024 को प्रश्नपत्र लीक होने और अन्य गड़बड़ियों के आरोपों में निरस्त करने की मांग की गई है। पीठ ने नोटिस जारी करने का आदेश देते हुए कहा कि आठ जुलाई को इस पर सुनवाई होगी।NEET : नीट टॉपर 67 से घटकर हुए 61, NTA जारी करेगा नई ओवलऑल मेरिट लिस्ट, अब AIR क्या होगी इस बीच एनटीए ने कहा कि वह मामलों को उच्च न्यायालयों से उच्चतम न्यायालय में ट्रांसफर करने के अनुरोध वाली तीन अन्य याचिकाओं को वापस लेना चाहती है क्योंकि वे पांच मई को परीक्षा के दौरान समय बर्बाद होने के आधार पर 1,563 उम्मीदवारों को कृपांक दिए जाने से संबंधित हैं। एनटीए के वकील ने कहा कि मुद्दे का निपटारा हो गया है और वह 1,563 अभ्यर्थियों को दिए गए ग्रेस मार्क्स को निरस्त करने के 13 जून के शीर्ष अदालत के आदेश के बारे में उच्च न्यायालय को सूचित कर देंगे।परीक्षा रद्द करने की मांग वाली याचिकाओं पर फैसले के अधीन होंगे मेडिकल एडमिशनगुरुवार को एनटीए द्वारा ग्रेस मार्क्स रद्द किए जाने से ग्रेस मार्क्स से जुड़ी आपत्तियों का निपटारा हो गया। लेकिन बहुत से अभ्यर्थियों ने पेपर लीक का आरोप लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट और कई उच्च न्यायालयों में परीक्षा रद्द करने की मांग वाली याचिकाएं दायर कर रखी हैं। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को स्पष्ट किया कि सफल उम्मीदवारों का प्रवेश उन याचिकाओं पर आने वाले अंतिम फैसले के अधीन होगा, जिनमें परीक्षा रद्द करने की मांग की गई है। NEET UG 2024 Explainer : क्यों रद्द हुए नीट के 1563 छात्रों के ग्रेस मार्क्स, क्या है विवाद, 10 प्वॉइंट्स में समझें पूरी कहानीएनटीए ने तीन बार नोटिस के बाद ईओयू को भेजा आधा-अधूरा जवाबजाहिर है कि अभी ग्रेस मार्क्स हटाए जाने से नीट विवाद खत्म नहीं हुआ है। पेपर रद्द होने की आशंका बनी हुई है। एनटीए व शिक्षा मंत्रालय का कहना है कि पेपर लीक नहीं हुआ है। बिहार में नीट के कथित पेपर लीक मामले की जांच राज्य में ईओयू (आर्थिक अपराध इकाई) कर रही है। ईओयू ने नीट आयोजित कराने वाली एजेंसी नेशनल टेस्टिंग काउंसिल (एनटीए) से इस मामले से जुड़े कई तथ्य मांगे थे। जांच एजेंसी के स्तर से तीन बार नोटिस जारी कर जानकारी मांगने के बाद बुधवार की रात एनटीए ने ई-मेल के जरिए अपना जवाब भेजा है। हालांकि यह भी आधा-अधूरा है। इसमें सिर्फ कुछ अभ्यर्थियों के नाम, रौल नंबर समेत इससे जुड़ी कुछ अन्य जानकारियां हैं। अब भी जांच एजेंसी को कई मूलभूत प्रश्नों के उत्तर नहीं प्राप्त हुए हैं, जिनकी मदद से जांच को निर्णायक दिशा प्रदान करते हुए प्रश्न-पत्र लीक होने के मूल स्रोत तक पहुंचा जा सके। पूरे मामले की अब तक हुई जांच में यह बात सामने आई है कि बिहार से बाहर के किसी राज्य से नीट के प्रश्न-पत्र लीक होने के बाद यहां के सेटरों ने इसे अपने चुनिंदा लोगों के बीच इसका वितरण किया था। इसी दौरान यह प्रश्न-पत्र लीक हुआ और व्हाट्सएप पर वायरल हो गया। ईओयू को एनटीए के जवाब का इंतजार है। ईओयू को आशंका है कि प्रश्नपत्र लीक कराने वाले गैंग में यूपी, दिल्ली समेत दूसरे राज्यों के सेटर भी शामिल हैं। इस मामले में अब तक गिरफ्तार हुए 13 आरोपितों में 12 से पूछताछ हो चुकी है।ग्रेस मार्क्स रद्दनीट-यूजी परीक्षा को लेकर बढ़ते विवाद के बीच एनटीए ने गुरुवार को को उच्चतम न्यायालय से कहा कि एमबीबीएस व बीडीएस समेत विभिन्न मेडिकल कोर्सेज में प्रवेश के लिए आयोजित नीट-यूजी, 2024 के 1,563 अभ्यर्थियों को ग्रेस मार्क्स देने के फैसले को निरस्त कर दिया गया है और उन्हें 23 जून को री एग्जाम देने का विकल्प मिलेगा। परीक्षा 5 मई को 4,750 केंद्रों पर आयोजित की गई थी और लगभग 24 लाख उम्मीदवारों ने इसमें भाग लिया था। परिणाम 14 जून को घोषित होने की उम्मीद थी, लेकिन नतीजे 4 जून को घोषित कर दिए गए।अनियमितताओं के आरोपों के चलते कई शहरों में प्रदर्शन किए गए और देश के सात उच्च न्यायालयों एवं शीर्ष न्यायालय में मामले दाखिल किए गए। दिल्ली में 10 जून को बड़ी संख्या में छात्रों ने प्रदर्शन किया और कथित धांधली की जांच की मांग की।
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