JSSC Constable : कांस्टेबल भर्ती में मिनिमम मार्क्स की शर्त गलत,  नियम के खिलाफ याचिका पर कोर्ट ने सुनाया फैसला

JSSC Constable : कांस्टेबल भर्ती में मिनिमम मार्क्स की शर्त गलत, नियम के खिलाफ याचिका पर कोर्ट ने सुनाया फैसला

झारखंड सरकार की सिपाही नियुक्ति नियमावली-2014 को चुनौती देने वाली याचिकाएं हाईकोर्ट ने शुक्रवार को खारिज कर दी। एक्टिंग चीफ जस्टिस एस चंद्रशेखर और जस्टिस अरुण कुमार राय की अदालत ने याचिकाएं खारिज करते हुए कहा कि सरकार को नियुक्ति नियमावली बनाने और उसमें संशोधन करने का अधिकार है। नियमावली के तहत हुई नियुक्तियां वैध हैं। इस निर्देश के साथ अदालत ने नियमावली को चुनौती देने वाली सभी याचिकाएं खारिज कर दीं। नियमावली के खिलाफ 65 याचिकाएं दायर की गई थीं। याचिका पर 15 मार्च को सुनवाई पूरी करने के बाद अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। प्रार्थियों ने याचिका दायर कर कहा था कि सरकार ने वर्ष 2014 में आरक्षी नियुक्ति नियमावली संशोधित की थी। यह नियमावली पुलिस मैनुअल के प्रावधानों के खिलाफ है। नई नियमावली में लिखित परीक्षा के लिए निर्धारित न्यूनतम क्वालिफाइंग मार्क्स की शर्त भी गलत है। इसलिए नई नियमावली को निरस्त कर देना चाहिए। झारखंड कर्मचारी चयन आयोग का कहना था कि नई नियमावली के अनुसार ही वर्ष 2015 में सभी जिलों में सिपाही और जैप के जवानों की नियुक्ति के लिए विज्ञापन निकाला गया था। नियुक्ति की प्रक्रिया वर्ष 2018 में पूरी कर ली गई है। सरकार की ओर से कहा गया कि नियुक्ति नियमावली बनाना और इसमें संशोधन करना सरकार के अधिकार क्षेत्र में है।सरकार नई नियुक्ति नियमावली बनाकर उसके अनुसार ही नियुक्ति करती है। इस मामले में भी ऐसा ही हुआ है। इसलिए इन याचिकाओं पर सुनवाई नहीं की जानी चाहिए। पूर्व में मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने अंतरिम निर्देश देते हुए कहा था कि नियमावली से हुई 6800 सिपाहियों की नियुक्ति इस मामले के अंतिम आदेश से प्रभावित होगी। इसके साथ ही कोर्ट ने इस मामले में सभी सफल उम्मीदवारों को प्रतिवादी बनाने को कहा था। कोर्ट के इस निर्देश के बाद सफल 4250 अभ्यर्थियों ने अपना पक्ष रखते हुए कहा था कि नियुक्ति नियमावली नियम संगत है और नियुक्ति प्रक्रिया नियम के अनुकूल है। इसलिए याचिकाएं खारिज कर देनी चाहिए।

2024-04-27 13:36:32

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