
JSSC CGL : सीजीएल पेपर लीक की सीबीआई जांच की मांग पर अड़ा विपक्ष, सत्र के पहले दिन जोरदार हंगामा
झारखंड विधानसभा का बजट सत्र शुक्रवार को मुख्य विपक्षी भारतीय जनता पार्टी के हंगामे के बीच राज्य के वित्त मंत्री रामेश्वर ओरांव द्वारा 4,981 करोड़ रुपये का तीसरा अनुपूरक बजट पेश करने के साथ शुरू हुआ। झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) संयुक्त स्नातक स्तरीय (सीजीएल) परीक्षा के पर्चा लीक मामले की सीबीआई जांच की मांग को लेकर परचे प्रदर्शित करते हुए विपक्षी विधायक सुबह 11 बजे सदन की कार्यवाही शुरू होने के साथ ही अध्यक्ष के आसन के सामने आ गए। हंगामे के बीच राज्य के वित्त मंत्री रामेश्वर ओरांव ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए 4,981 करोड़ रुपये का तीसरा अनुपूरक बजट पेश किया।सात दिवसीय विधानसभा सत्र के पहले दिन जैसे ही कार्यवाही शुरू हुई भाजपा विधायकों और आजसू के विधायक लंबोदर महतो अध्यक्ष के आसन के सामने आ गए और 28 जनवरी को झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) संयुक्त स्नातक स्तरीय (सीजीएल) परीक्षा के पर्चा लीक की सीबीआई जांच की मांग करने लगे। राज्य सरकार ने इस मामले की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित किया है। नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी ने कहा, “राज्य सरकार नौकरी, परीक्षाओं में नकल रोकने के लिए कानून लेकर आई। इसके बावजूद इतना बड़ा पेपर लीक हो गया। इसलिए हम पेपर लीक मामले की सीबीआई जांच की मांग करते हैं।” इससे पहले, विधानसभा अध्यक्ष रवीन्द्र नाथ महतो ने हंगामा कर रहे विधायकों से अपनी सीटों पर वापस जाने का आग्रह करते हुए कहा कि सत्र के दौरान इन मुद्दों पर चर्चा की जाएगी, लेकिन विधायक विरोध करते रहे। सीजीएल का प्रश्न पत्र लीक मामले में एजेंसी को हाईकोर्ट से राहत नहींझारखंड राज्य कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) की संयुक्त स्नातक स्तरीय परीक्षा (सीजीएल) का आयोजन करने वाली एजेंसी को शोकॉज किए जाने पर हाईकोर्ट ने जेएसएससी को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। जस्टिस आर मुखोपाध्याय की अदालत ने परीक्षा का आयोजन करने वाली एजेंसी सतवत इंफोसोल प्राइवेट लिमिटेड को किसी प्रकार की राहत नहीं दी और शोकॉज पर रोक लगाने के आग्रह को नामंजूर कर दिया। इस इस मामले की अगली सुनवाई दो अप्रैल को होगी। सुनवाई के दौरान कंपनी की ओर से अदालत को बताया गया कि कर्मचारी चयन आयोग के द्वारा शोकॉज किया गया। कंपनी को काली सूची में डालने के लिए दिया गया नोटिस सही नहीं है। इस पर रोक लगायी जाए। परीक्षा के प्रश्न पत्र ने परीक्षा केंद्र और न ही ट्रेजरी से लीक होने की शिकायत मिली है। ऐसे में कंपनी को शोकॉज किया जाना गलत है। जेएसएससी की ओर से अदालत को बताया गया कि कंपनी ने प्रश्न पत्र प्रिंट किया था। प्रथम दृष्टया प्रश्न पत्र लीक मामले में कंपनी की संलिप्तता प्रतीत होती है। इसी कारण से कंपनी को काली सूची में दर्ज करने के लिए शोकॉज किया गया है। इसलिए याचिका खारिज कर देनी चाहिए।
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