
JEE Main 2024: जेईई मेन के परसेंटाइल नॉर्मलाइजेशन तरीके को कोर्ट में चुनौती, अदालत ने सुनाया फैसला
दिल्ली हाईकोर्ट ने इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा जेईई मेन के रिजल्ट निर्धारण में इस्तेमाल की जाने वाली नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया है। न्यायमूर्ति सी हरि शंकर की पीठ ने कहा, 'जेईई मेन परीक्षा, जहां से आईआईटी, एनआईटी और अन्य केंद्रीय वित्त पोषित तकनीकी संस्थानों में प्रवेश का रास्ता निकलता है, कोर्ट की कार्यवाही का विषय हो सकता है, यह अपने आप में एक गंभीर मुद्दा है ।' अदालत ने पाया कि सेतु विनीत गोनेका की ओर से दायर याचिका आवश्यकता को पूरा नहीं करती है। कोर्ट ने कहा “तथ्य यह है कि याचिकाकर्ता को परीक्षा के दौरान पूरी चयन प्रक्रिया और मार्किंग पॉलिसी की जानकारी थी। इसके बावजूद याचिकाकर्ता ने रिजल्ट प्रक्रिया को चुनौती देने की मांग की है, मेरा विचार में इस पर सुनवाई करना ठीक नहीं है।'अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता 27 जनवरी को जेईई मेन परीक्षा के लिए उपस्थित हुआ और नार्मलाइजेशन प्रक्रिया के अनुसार परीक्षा का परिणाम 12 फरवरी को परसेंटाइल में घोषित किया गया था। इसमें कहा गया कि याचिकाकर्ता की चुनौती कुछ हद तक अस्पष्ट प्रतीत होती है।"जेईई मेन प्रशासनिक कानून में एक अच्छी तरह से बनी बनाई व्यवस्था है। एक उम्मीदवार, जिसे पहले ही परीक्षा आयोजित करने व रिजल्ट निकालने के तौर तरीकों की जानकारी थी, रिजल्ट के बाद उसके आयोजित होने के तरीके को चुनौती नहीं दे सकता है। कोर्ट ने यह भी कहा कि नॉर्मलाइजेशन एक स्टैटिस्किकल प्रक्रिया है। राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) की ओर से पेश वकील ने बताया कि प्रक्रिया और फॉर्मूला, जिसे दुनिया भर में अपनाया जाता है, और नवंबर 2018 में एक उच्चाधिकार प्राप्त समिति की सिफारिश के आधार पर एनटीए द्वारा अपनाया गया था। इसकी बाद में अक्टूबर 2020 में समीक्षा भी की गई थी।कोर्ट ने कहा कि आईआईटी में एडमिशन पाना चाह रहे हर विद्यार्थी का रिजल्ट इसी नॉर्मलाइजेशन के फॉर्मूले से निकाला जाता है।
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