
ITI : बिहार की सभी सरकारी आईटीआई में शुरू होगी नए विषयों की पढ़ाई, देखें लिस्ट
बिहार के सभी सरकारी आईटीआई को इस साल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बना लिया जाएगा। पहले चरण में 60 आईटीआई (औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान) को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाने की कार्रवाई पूरी हो चुकी है। श्रम संसाधन विभाग ने दूसरे चरण का काम शुरू कर दिया है। इसमें 89 आईटीआई को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाने की कार्रवाई की जाएगी। सेंटर ऑफ एक्सीलेंस होने के बाद आईटीआई में इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी), प्रोडक्ट डिजाइनर एवं डेवलपर, कैम प्रोग्रामर सीएनसी मिलिंग, प्रोडक्टर डिजाइनर जेनेरिक सहित अन्य आधुनिक विषयों की पढ़ाई शुरू हो जाएगी। इसका सीधा लाभ आईटीआई में पढ़ने वाले लगभग 32 हजार छात्रों को होगा। विभागीय अधिकारियों के अनुसार वर्ष 2022 से ही आईटीआई को अपग्रेड करने का काम चल रहा था। इसके तहत लैब और वर्क्सशॉप बनाए जा रहे थे। भवन निर्माण विभाग के माध्यम से अत्याधुनिक लैब बनाए जा रहे थे। सबसे पहले 20 आईटीआई में लैब बनी और बाकी 40 में भवन निर्माण विभाग ने बाद में बनाया। अब पहले चरण के सभी 60 आईटीआई में लैब बनकर तैयार है और यहां आधुनिक विषयों की पढ़ाई शुरू हो गई। दूसरे चरण में बाकी 89 आईटीआई को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में विकसित करने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। चरणवार इन आईटीआई में लैब बनाने की कार्रवाई पूरी की जाएगी। विभाग की कोशिश है कि अगले साल नए सत्र से सभी आईटीआई में आधुनिक विषयों की पढ़ाई शुरू हो जाए।इन विषयों की पढ़ाई शुरू होगीउन्नत केंद्र उद्योग 4.0, उत्पाद डिजाइन और विकास, उत्पाद सत्यापन और आभासी विश्लेषण, कारीगरों और हस्तशिल्प के लिए डिजाइन, एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग (थ्री डी प्रिंटिंग), आधुनिक ऑटोमोटिव रखरखाव मरम्मत, बैटरी इलेक्ट्रिक वाहन प्रशिक्षण, आईओटी से संबंधित जो अत्याधुनिक क्षेत्रों में अपस्किलिंग की सुविधा प्रदान करेंगे और डिजिटल इंस्ट्रुमेंटेशन, एचएमआइ के साथ प्रक्रिया नियंत्रण और स्वचालन, पीएलसी स्काडा, उन्नत विनिर्माण और प्रोटोटाइप, वेल्डिंग के साथ औद्योगिक रोबोटिक्स, एआई-आधारित वर्चुअल वेल्डिंग और पेंटिंग, उन्नत नलसाजी, डिजिटल मीटर, कृषि और बागवानी, सभी केंद्र संचार, ई-लर्निंग प्लेटफॉर्म।आईटीआई उन्नत वाली परियोजना पर 4,606 करोड़ खर्च होंगेआईटीआई को उन्नत करने वाली इस परियोजना पर 4,606 करोड़ खर्च हो रहा है। आधुनिक विषयों में छात्रों को देश-दुनिया की मौजूदा तकनीक के आधार पर प्रशिक्षण मिलेगा। भविष्य के लिए तैयार पाठ्यक्रमों के आधार पर आईटीआई में प्रशिक्षण की सुविधा मिलेगी। सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनने के बाद आईटीआई से निकलने वाले छात्रों को रोजगार पाने में सुविधा होगी। विभाग को भरोसा है कि इन विषयों में प्रशिक्षण हासिल करने के बाद राज्य का प्रौद्योगिकी परिदृश्य बदल जाएगा।
Disclaimer: This story is auto-aggregated by a computer program and has not been created or edited by Learningcity. Publisher: livehindustan