
IIT : आईआईटी दिल्ली में पास होना हुआ आसान, खत्म हुआ यह कड़ा नियम; प्लेसमेंट में आई गिरावट
आईआईटी दिल्ली ने डिग्री के लिए पांच सीजीपीए की निर्धारित योग्यता को घटाकर चार सीजीपीए कर दिया है। आईआईटी दिल्ली में अब डिग्री के लिए छात्रों को बस उत्तीर्ण होना होगा। इस बाबत आईआईटी की सीनेट ने निर्णय लिया है। आईआईटी दिल्ली के डीन एकेडमिक प्रो. नारायणन कुरुर ने बताया कि कैंपस में छात्रों की मानसिक स्थिति को लेकर तमाम तरह की दिक्कतों की बात सामने आ रही थी। इसके बाद बनी समिति ने यह निर्णय लिया है, इससे छात्रों को काफी राहत मिलेगी। आईआईटी दिल्ली में आयोजित प्रेसवार्ता में संस्थान के निदेशक प्रो. रंगन बनर्जी ने कहा कि जुलाई 2025 से नया पाठ्यक्रम छात्रों के लिए शुरू किया जाएगा। प्रो. रंगन बनर्जी ने कहा कि संस्थान में छात्रों के सहयोग के लिए और हर तरह की मदद के लिए कई कदम उठाए गए हैं। पांच सीजीपीए की अनिवार्यता समाप्त करना उनमें से एक है।प्रेसवार्ता में एक अधिकारी ने बताया कि इस बार प्लेसमेंट में विगत वर्षों की अपेक्षा पांच फीसदी की गिरावट आई है। हालांकि इसके कई कारण हैं। आईआईटी दिल्ली में विगत कुछ वर्षों में छात्रों द्वारा आत्महत्या या मानसिक परेशानियों को ध्यान में रखते हुए संस्थान ने अन्य कई कदम उठाए हैं।दीक्षांत समारोह का 10 अगस्त को आयोजन होगाआईआईटी दिल्ली का 55वां दीक्षांत समारोह 10 अगस्त को परिसर में ही आयोजित किया जाएगा। इस दौरान 2600 से अधिक छात्रों को डिग्री प्रदान की जाएगी। मुख्य अतिथि आईआईटी दिल्ली के ही पूर्व छात्र व उद्यमी हरि एस भरतिया होंगे। आईआईटी दिल्ली के निदेशक प्रो. रंजन बनर्जी ने बताया कि डिग्री पाने वालों में 25 फीसदी महिलाएं हैं। समारोह में 475 से अधिक पीएचडी स्नातकों को डिग्री प्रदान की जाएगी, जो पिछले वर्ष की तुलना में 35 फीसदी से अधिक है। पीएचडी स्नातकों में 42 फीसदी महिलाएं हैं। इस बार सबसे कम उम्र में 20 वर्षीय एक छात्र को बीटेक की डिग्री दी जाएगी जबकि पीएचडी में सबसे अधिक 63 वर्ष के शोधार्थी को डिग्री प्रदान की जाएगी। इस दीक्षांत समारोह में कुल 28 अंतरराष्ट्रीय छात्रों को भी डिग्री प्रदान की जाएगी।आईआईटी में खराब कैंपस प्लेसमेंट, इंटरनेशनल जॉब ऑफरों में भारी कमी, लेकिन BTech CSE वाले फिर चमकेक्या होता है सीजीपीएकमुलेटिव ग्रेड प्वाइंट एवरेज (सीजीपीए) एक गणना प्रणाली है, जिसका उपयोग शैक्षणिक प्रदर्शन को मापने के लिए किया जाता है। यह मुख्यत कॉलेज और विश्वविद्यालयों में उपयोग की जाती है। यह एक औसत है, जो कि सभी विषयों में प्राप्त अंकों को ध्यान में रखते हुए छात्र की समग्र शैक्षणिक प्रदर्शन को दर्शाता है। यह ग्रेड प्वाइंट सिस्टम पर आधारित होता है, जिसमें हर विषय को एक ग्रेड प्वाइंट मिलता है।ये महत्वपूर्ण कदम उठाए गए- जागते रहो अभियान के तहत पूरे कैंपस में इससे जुड़े पोस्टर लगाए गए हैं- व्यक्तिगत चुनौतियों से निपटने के लिए कैंपस में काउंसलिंग सेवाएं सातों दिन, चौबीस घंटे उपलब्ध हैं- एक समूह जरूरमंद छात्रों के लिए आवासीय सहायता प्रदान करता है- कक्षा में और बाहर दोनों ही जगहों पर छात्र और शिक्षक मदद के लिए उपलब्ध रहेंगे।- परास्नातक छात्रों की बढ़ती संख्या को देखते हुए आईआईटी दिल्ली ने मदद के लिए प्रतिनिधियों की संख्या बढ़ा दी है।- छात्रों और पूर्व छात्रों के बीच आपसी बातचीत के लिए कई आयोजन होंगे
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