
IAS Success Story: बचपन में हुए अपमान ने दी IAS बनने की प्रेरणा, रिक्शेवाले का बेटा बना IAS
जब हौंसले बुलंद हो, तो इंसान को कामयाबी हासिल करने से कोई रोक नहीं सकता है। ऐसी ही कहानी है, आईएएस गोविंद जायसवाल की, जिन्होंने बचपन में ही ठान लिया था कि बड़े होकर उन्हें एक आईएएस अधिकारी बनना है। उन्होंने अपनी कड़ी मेहनत से गरीबी होने के बावजूद अपने पहले ही प्रयास में सफलता प्राप्त कर ली थी। गोविंद जायसवाल का जन्म बनारस में हुआ था। उन्होंने अपनी पढ़ाई सरकारी स्कूल से की थी। उसके बाद उन्होंने बनारस की हरिश्चंद्र यूनिवर्सिटी से गणित में ग्रेजुएशन किया था। गोविंद के पिता रिक्शा चलाकर अपने परिवार का पालन- पोषण करते थे। बचपन में ही उनकी मां का निधन ब्रेन हेमरेज के कारण हो गया था। उनकी मां का ईलाज कराने के लिए उनके पिता ने अपनी सारी जमा पूंजी लगा दी थी। उनके पिता ने गोविंद और उनकी बहनों को बड़े ही मुश्किलों से पालन- पोषण किया। बचपन में एक बार गोविंद अपने दोस्त के यहां खेलने गए थे। वहां जब उनके दोस्त के पिता को पता चला कि गोविंद के पिता रिक्शा चलाते हैं, तो उन्होंने गोविंद का बहुत अपमान किया। उन्होंने अपने बेटे को गोविंद साथ खेलने और दोस्ती रखने से भी मना कर दिया था। इसके बाद उन्होंने अपने टीचर से जाकर स्कूल में पूछा कि वे ऐसा क्या करें, कि समाज में लोग उनका सम्मान करें। उनके टीचर ने उन्हें कहा कि बड़े होकर एक बहुत बड़े बिजनेसमैन बन जाओ या फिर आईएएस अधिकारी। तभी से गोविंद ने ठान लिया था कि वे बड़े होकर आईएएस अधिकारी बनेंगे। यूपीएससी की तैयारी करने के लिए गोविंद दिल्ली आ गए थे। उनके पिता उन्हें हर महीने खर्च के लिए कुछ रुपये भेजते थे, उस समय उनके पिता के पैरों में सेप्टिक होने के बावजूद वे रिक्शा चलाते थे। गोविंद को पता था कि उनके पिता बहुत मेहनत कर रहे हैं, इसलिए उन्होंने अपनी तैयारी के साथ बच्चों को ट्यूशन भी पढ़ाया। कहते हैं ना ‘जहां चाह, वहां राह’ इसी कहानी को गोविंद जायसवाल ने सच कर दिखाया है। उन्होंने 2007 में अपने पहले ही प्रयास में यूपीएससी परीक्षा पास कर ली थी। उनकी ऑल इंडिया रैंक 48 आई थी। आपको बता दें कि गोविंद जायसवाल के जीवन के ऊपर एक फिल्म भी बनी है, जिसका नाम ‘अब दिल्ली और दूर नहीं’ है। यह फिल्म 2023 में रिलीज हुई थी। गोविंद जायसवाल की कहानी सभी के लिए प्रेरणा है, जो हालातों को अपनी जीत की राह के बीच की रुकावट नहीं बनने देते हैं।
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