हिन्दी में MBBS की पढ़ाई का खाका तैयार, विद्यार्थी हिन्दी में पढ़ेंगे परिभाषा, अंग्रेजी में होंगे तकनीकी शब्द

हिन्दी में MBBS की पढ़ाई का खाका तैयार, विद्यार्थी हिन्दी में पढ़ेंगे परिभाषा, अंग्रेजी में होंगे तकनीकी शब्द

बिहार के मेडिकल कॉलेजों में हिन्दी में मेडिकल की पढ़ाई का खाका तैयार हो गया है। हिन्दी में मेडिकल की पढ़ाई इसी सत्र से शुरू होगी। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने एक समिति का गठन किया है। इसमें शामिल एसकेएमसीएच की प्राचार्य डॉ. आभा रानी सिन्हा ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि समिति ने तय किया गया है कि प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों को परिभाषाएं हिन्दी में सिखाई जाएंगी, लेकिन चिकित्सा विज्ञान से जुड़ी तकनीकी शब्दावली अंग्रेजी में बताई जाएगी। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि आंत को इंटेस्टाइन कहा जाएगा और इसका ब्योरा हिन्दी में दिया जाएगा। किताबों में भी ऐसे शब्द अंग्रेजी में ही लिखे होंगे।मध्य प्रदेश की तर्ज पर शुरू होगी हिन्दी में पढ़ाईडॉ. सिन्हा ने बताया कि बिहार के मेडिकल कॉलेजों में मध्य प्रदेश की तर्ज पर हिन्दी में पढ़ाई कराई जायेगी। मध्य प्रदेश में सबसे पहले हिन्दी में चिकित्सा विज्ञान की पढ़ाई शुरू हुई है। मध्यप्रदेश के मॉडल को जानने के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम भोपाल भी गई थी। भोपाल जाकर टीम ने वहां की पढ़ाई और किताबों का अध्ययन किया और सिलेबस के बारे में जानकारी ली। भोपाल से आकर टीम ने बिहार में हिन्दी में मेडिकल की पढ़ाई का खाका तैयार किया। उन्होंने बताया कि विभाग की तरफ से प्रथम वर्ष के छात्रों को हिन्दी में किताबें दी जाएंगी।शिक्षकों को नहीं होगी कोई परेशानीप्राचार्य का कहना है कि हिन्दी में मेडिकल की पढ़ाई कराने में शिक्षकों को कोई परेशानी नहीं होगी। उन्होंने बताया कि अब भी कक्षाओं में हिन्दी मिश्रित ही पढ़ाई कराई जाती है। जिन छात्रों को अंग्रेजी में समझने में परेशानी होती है, उन्हें कक्षा में शिक्षक हिन्दी में समझाते हैं। शिक्षकों ने बताया कि फर्क इतना होगा कि किताबें हिन्दी में भी होंगी।NEET : MBBS और BDS एडमिशन के नियम बदलें, अब इन छात्रों को भी मिलेगा कोटा, 381 सीटों पर होगा असरपरीक्षा हिन्दी या इंगलिश में देने का विकल्पमेडिकल कॉलेज में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को हिन्दी या अंग्रेजी या दोनों मिलाकर लिखने का विकल्प मिलेगा। प्राचार्य डॉ. सिन्हा ने बताया कि छात्रों को जिसमें सहूलियत होगी, वह उसमें उत्तर दे सकेंगे। हिन्दी में परीक्षा देने पर विद्यार्थियों को कोई नुकसान नहीं होगा।क्या है मध्यप्रदेश का मॉडलमध्यप्रदेश में मेडिकल की किताबों का हिन्दी में अनुवाद किया गया। सबसे पहले एनाटॉमी, बायोकेमेस्ट्री और फिजियोलॉजी की किताबें हिन्दी में तैयार की गईं। इसके लिए मध्य प्रदेश में वॉर रूम तैयार किया गया था। हिन्दी में पढ़ाई के लिए एक सेल का भी गठन किया गया था। बिहार में भी इसी तर्ज पर प्रथम वर्ष की किताबों के अनुवाद का काम चल रहा है।

2024-08-22 07:46:46

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