फीस न जमा कर पाने वाले दलित छात्र को IIT में मिलेगा दाखिला, SC ने कहा- टैलेंट बर्बाद नहीं होने देंगे

फीस न जमा कर पाने वाले दलित छात्र को IIT में मिलेगा दाखिला, SC ने कहा- टैलेंट बर्बाद नहीं होने देंगे

तय समय पर फीस जमा न कर पाने की वजह से आईआईटी में दाखिला के लिए संघर्ष कर रहे छात्र को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिल गई है। देश की सर्वोच्च अदालत ने अपने आदेश में कहा कि हम प्रतिभा को बेकार नहीं होने दे सकते और आईआईटी धनबाद को दलित छात्र अतुल को दाखिला देने का फरमान सुनाया। खतौली थाना क्षेत्र के टिटौड़ा गांव निवासी अतुल की जेईई एडवांस परीक्षा पास करने के बाद आईआईटी में दाखिला लेने के लिए काउंसिलिंग हुई थी, जिसमें धनबाद में इलेक्ट्रिकल में उसका नंबर आया था। 24 जून को पांच बजे तक 17500 रुपये आईआईटी की फीस जमा करनी थी। घर में रुपये न होने पर उसने गांव के लोगों को मजबूरियां बताईं तो उन्होंने मदद की, लेकिन फीस जमा करने से पहले ही सर्वर बंद हो गया था। बताया जाता है कि आईआईटी की वेबसाइट चार मिनट चार सेकेंड पहले ही बंद हो गई थी। कॉलेज में दााखिला न होने पर छात्र ने पहले झारखंड कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और उसके बाद सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया।आपको बता दें कि स्टूडेंट्स की ओर से पेश वकील ने पीठ को बताया कि उम्मीदवार के पिता एक दिहाड़ी मजदूर थे, इसलिए उन्होंने एडमिशन फीस के लिए रुपये की व्यवस्था की। 17,500/- रुपए का इंतजाम करते-करते फीस जमा करने की डेडलाइन खत्म हो गई।आपको बता दें कि पोर्टल पर फीस जमा करने की आखिरी तारीख 24 जून थी। उम्मीदवार 24 जून को शाम 4.45 बजे तक पैसे की व्यवस्था करने में अतुल कामयाब तो हो गया लेकिन जब तक दस्तावेज अपलोड किए और ऑनलाइन भुगतान के लिए आगे बढ़ें, तब तक समय सीमा 5 पार हो चुकी थी। अतुल के पिता करते हैं मजदूरीअतुल अपने पिता राजेंद्र का सबसे छोटे बेटा है। अतुल का भाई मोहित कुमार एनआईटी हमीरपुर से एमटेक किया। रोहित कुमार ने आईआइटी खड़कपुर से बीटेक किया है, जबकि अतुल कुमार कालेज में पढ़ाई कर रहा है। बताया कि पिता मेरठ के एक कपड़ा फैक्ट्री में मजदूरी करते हैं। पिता को रोजाना की करीब 500 रुपये की मजदूरी पड़ जाती है। मां राजेश खेतों में काम करने के अलावा चारपाई बनाने का काम करती है।  

2024-09-30 16:41:51

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