
DPharma: फार्मेसी काउंसिल में निबंधन और रिन्युअल बंद, छात्रों की परीक्षा बाधित
झारखंड स्टेट फार्मेसी काउंसिल का काम बीते 22 दिनों से ठप है। इस वजह से न तो नए फार्मासिस्टों का काउंसिल में निबंधन हो रहा है, ताकि वह अपना रोजगार और नौकरी का आवेदन कर सकें। वहीं, पुराने फार्मासिस्ट जिनके निबंधन की अवधि समाप्त हो चुकी है, उनके निबंधन का नवीकरण भी नहीं हो रहा है। यही नहीं, राज्य के विभिन्न फार्मेसी कॉलेजों में डिप्लोमा इन फार्मेसी की पढ़ाई करने वाले लगभग 5500 छात्रों की परीक्षा भी बाधित है। इसका कारण यह है कि बीते 21 दिनों से झारखंड स्टेट फार्मेसी काउंसिल के रजिस्ट्रार का पद रिक्त है।बता दें कि बीते पांच मई को झारखंड स्टेट फार्मेसी काउंसिल के रजिस्ट्रार कौशलेंद्र कुमार का हार्ट अटैक से निधन हो गया। कौशलेंद्र कुमार ही डिप्लोमा इन फार्मेसी परीक्षा समिति के मेंबर सेक्रेटरी भी थे। लेकिन, उनके निधन के बाद से इस पद पर किसी की नियुक्ति नहीं होने के कारण दोनों पद रिक्त पड़े हैं। हालांकि, फार्मेसी काउंसिल के अध्यक्ष अनिल कुमार सिंह ने बताया कि काउंसिल की ओर से इस बाबत स्वास्थ्य विभाग को पत्र लिखा है। इसमें रजिस्ट्रार और मेंबर सेक्रेटरी का पद रिक्त होने से हो रही परेशानियों का जिक्र करते हुए दिशा निर्देश मांगा है।बता दें कि काउंसिल में अध्यक्ष व सचिव समेत कुल 14 सदस्य हैं, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण सचिव का पद रिक्त होने से कार्य बाधित है।डी फार्मा के फर्स्ट और सेकेंड ईयर की होनी है परीक्षा: राज्य में फिलहाल एक मात्र सरकारी फार्मेसी कॉलेज है। जबकि, निजी स्तर पर 110 फार्मेसी इंस्टीच्यूट संचालित हैं, जो फार्मेसी काउंसिल से एप्रूव्ड हैं। इसमें से लगभग 85 संस्थानों में डिप्लोमा इन फार्मेसी की पढ़ाई कर रहे करीब 5500 छात्रों के फर्स्ट ईयर और सेकेंड ईयर की परीक्षा मई में होनी है। परीक्षा की जिम्मेवारी डिप्लोमा इन फार्मेसी परीक्षा समिति के पास है। लेकिन, परीक्षा समिति के मेंबर सेक्रेटरी का पद रिक्त होने के कारण परीक्षा का आयोजन नहीं हो रहा है।काउंसिल के रजिस्ट्रार की नियुक्ति का क्या है प्रावधानफार्मेसी काउंसिल के सदस्य प्रो. डॉ रंधीर कुमार गुप्ता ने बताया कि झारखंड स्टेट फार्मेसी काउंसिल के रजिस्ट्रार पद पर नियुक्ति के तीन प्रावधान हैं। इसमें सबसे पहला यह है कि चूंकि काउंसिल सरकार यानी स्वास्थ्य विभाग के अधीन संचालित है। इसलिए, स्वास्थ्य विभाग काउंसिल के अध्यक्ष को यह निर्देश दे सकता है कि सदस्यों की सहमति से रजिस्ट्रार का चयन करते हुए विभाग को सूचित किया जाए। दूसर विकल्प यह है कि स्वास्थ्य विभाग इस पद के लिए विज्ञापन निकाल सकता है, लेकिन इसके लिए नियमावली की जरूरत होगी जो अभी बनी ही नहीं है। इसके लिए सबसे पहले नियमावली बनानी होगी। वहीं, तीसरा विकल्प यह है कि स्वास्थ्य विभाग तात्कालिक व्यवस्था के तहत काउंसिल के रजिस्ट्रार पद का प्रभार किसी को दे सकता है, लेकिन यह व्यवस्था कुछ समय के लिए ही होगी।
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