
Delhi University: यूजी, पीजी और PhD प्रोग्राम में सभी 1st ईयर के छात्रों के लिए फीस में हुई बढ़ोतरी
दिल्ली विश्वविद्यालय ने 2024-2025 शैक्षणिक सत्र से फर्स्ट ईयर के ग्रेजुएशन, पोस्ट ग्रेजुएशन और पीएचडी प्रोग्राम में नामांकित छात्रों के साथ-साथ प्रवेश चाहने वाले विदेशी छात्रों के लिए फीस में बढ़ोतरी की है। अगस्त में शुरू होने वाले शैक्षणिक कैलेंडर के लिए नए फीस स्ट्रक्टचर को जून में कुलपति योगेश सिंह ने मंजूरी दे दी थी। नए फीस स्ट्रक्टचर के अनुसार, बीटेक फर्स्ट ईयर के छात्रों के लिए कोर्स फीस 3.70 प्रतिशत यानी 2.16 लाख रुपये से बढ़ाकर 2.24 लाख रुपये कर दी गई है।फैक्लटी ऑफ टेक्नोलॉजी के एक सीनियर अधिकारी ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को बताया, ''वर्तमान में विश्वविद्यालय के दिशानिर्देशों के अनुसार बढ़ोतरी केवल प्रथम वर्ष के छात्रों के लिए प्रभावित हुई है।विश्वविद्यालय ने फीस स्ट्रक्टचर के कई घटकों में वृद्धि की है, जिसमें ट्यूशन फीस,स्टूडेंट वेलफेयर फीस, डेवलपमेंट फीस,सुविधाएं और सर्विस फीस शुल्क और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए सपोर्ट राशि शामिल है। दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (DUSU) के लिए योगदान हिस्सेदारी को विभाग की फीस स्ट्रक्चर से हटा दिया गया है। डीयूएसयू योगदान को एलएलबी और एमबीए फीस स्ट्रक्चर से भी हटा दिया गया है, जबकि बाकी यूजी और पीजी कोर्सेज के लिए योगदान 20 रुपये से बढ़ाकर 40 रुपये कर दिया गया है।इसी तरह, पांच साल के इंटीग्रेटेड लॉ प्रोग्राम की फीस में 5 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है, यानी 1.90 लाख रुपये से 1.99 लाख रुपये। फैकल्टी ऑफ एजुकेशन के तहत B.EL.ED की जगह लेने वाले चार साल के इंटीग्रेटेड टीचर्स एजुकेशन प्रोग्राम (ITEP) की फीस बढ़ाकर 57,400 रुपये कर दी गई है। पीएचडी कोर्सेज का फीस स्ट्रक्चर में 60.22 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और विद्वानों को आगामी सत्र से 4,450 रुपये की पिछली फीस की तुलना में 7,130 रुपये का भुगतान करना होगा। डीयू डीन एडमिशन हनीत गांधी ने पीटीआई से पुष्टि की कि विश्वविद्यालय के विभिन्न प्रोग्राम में प्रवेश चाहने वाले विदेशी छात्रों के लिए भी फीस बढ़ाया गया है।इस बीच, दिल्ली विश्वविद्यालय में MA हिंदू स्टडीज में प्रवेश पाने के इच्छुक विदेशी नागरिकों को कम सिलेबस फीस का भुगतान करना होगा। SAARC देशों के छात्रों के लिए फीस 1 लाख रुपये से घटाकर 50,000 रुपये और नॉन- SAARC देशों के छात्रों के लिए 2 लाख रुपये से घटाकर 1 लाख रुपये कर दी गई है। हालांकि, तिब्बती आवेदकों को विश्वविद्यालय रजिस्ट्रेशन फीस और विदेशी छात्रों के रूप में कॉलेजों और विभागों को एडमिशनल फीस का भुगतान करने से छूट दी जाएगी।
Disclaimer: This story is auto-aggregated by a computer program and has not been created or edited by Learningcity. Publisher: livehindustan