
डबल एमए के लिए पहले में 80 फीसदी से ज्यादा अंक जरूरी, विश्वविद्यालय के कुलपति की अनुमति भी जरूरी
इलाहाबाद विश्वविद्यालय एवं संबद्ध कॉलेजों के शैक्षिक सत्र 2024-25 में दूसरे विषय में परास्नातक में दाखिला लेने वालों की राह आसान नहीं होगी। दूसरे विषय से एमए (डबल एमए) करने वाले अभ्यर्थियों को परास्नातक (पहले विषय से एमए) में 80 फीसदी से ज्यादा अंक लाना यानी ग्रेड-9 प्वाइंट अनिवार्य होगा। इससे पहले 60 फीसदी अंक की बाध्यता होती थी। इसके बाद कुलपति की अनुमति भी अनिवार्य कर दी गई है।पीजी में अब अंकों की जगह ग्रेड प्रदान किए जाते हैं। नई व्यवस्था के तहत दोबारा पीजी करने के इच्छुक उन्हीं अभ्यर्थियों को मौका मिलेगा, जिन्होंने ग्रेड-9 प्राप्त किया है। ग्रेड-9 को अंकों में परिवर्तित करने पर 80 से 90 फीसदी अंक होते हैं। इसके अलावा अगर वे किसी संस्थान में कार्यरत हैं तो नियोक्ता प्रमाणपत्र देना होगा। डबल एमए करने वाले छात्रों के आवेदन को एक कमेटी स्क्रीन करेंगी। इसके बाद प्रवेश के लिए कुलपति के पास कमेटी भेजी। कुलपति से मंजूरी मिलने के बाद ही अभ्यर्थी प्रवेश ले सकेगा।विदित हो कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय एवं संबद्ध कॉलेजों के नए शैक्षिक सत्र में परास्नातक, इंस्टीट्यूट ऑफ प्रोफेशनल स्टडीज (आईपीएस के अंतर्गत संचालित होने वाले कोर्स), एलएलबी, एलएलएम, बीएड-एमएड, एमबीए, एमबीए-आरडी में दाखिले के लिए गुरुवार को प्रवेश परीक्षा पूरी हो गई है। जुलाई के तीसरे सप्ताह में रिजल्ट प्रस्तावित है। वहीं, अंतिम सप्ताह से प्रवेश लिए जाने की तैयारी है।
Disclaimer: This story is auto-aggregated by a computer program and has not been created or edited by Learningcity. Publisher: livehindustan