CUET UG 2024: आरएसएस से जुड़े संगठन ने गलत सीयूईटी-यूजी आंसर पर जताई आपत्ति, कहा-  लागू की जाए नई परीक्षा प्रणाली

CUET UG 2024: आरएसएस से जुड़े संगठन ने गलत सीयूईटी-यूजी आंसर पर जताई आपत्ति, कहा- लागू की जाए नई परीक्षा प्रणाली

CUET UG 2024 : राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े संगठन संस्कृति उत्थान न्यास ने मंगलवार को सीयूईटी-यूजी परीक्षा की प्रोविजनल आंसर-की 80 प्रतिशत गलत होने फर आपत्ति जताई है और कहा- कि देश में नई परीक्षा प्रणाली लागू की जाए। बता दें कि नेशनल टेस्ट एजेंसी(एनटीए) ने 7 जुलाई 2024 को सीयूईटी यूजी की आंसर-की रिलीज किया था और 9 जुलाई तक सीयूईटी यूजी आंसर की पर आपत्ति दर्ज करवाने का भी मौका दिया था। इस बार सीयूईटी-यूजी एग्जाम की उत्तर-कुंजी को ज्यादातर छात्र गलत बता रहे हैं।दीना नाथ बत्रा की अध्यक्षता वाले संगठन में यह टिपप्णी ऐसे समय पर आई है, जब एक दिन पहले ही जिन विद्यार्थियों ने कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेस टेस्ट फॉर अंडरग्रेजुएट ए़डमिशन(सीयूईटी-यूजी) ने एनटीए द्वारा जारी किए गए आंसर-की गलत होने का आरोप लगाया था। संगठन ने मंगलवार को सीयूईटी-यूजी को भारत के सभी यूनिवर्सिटीज में एडमिशन के लिए सिंगल विंडो बनाने पर चिंता व्यक्त की है। मंगलवार को जारी एक बयान में  शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के प्रतियोगी परीक्षा राष्ट्रीय संयोजक देवेंद्र सिंह ने कहा कि सीयूईटी-यूजी की आंसर-की में होने वाली गलतियां एक गंभीर मामला है, यह प्रतियोगी परीक्षाओं के स्ट्रक्चर की खामियों को उजागर करती हैं।उन्होंने आगे कहा -" सबसे पहले इस बारे में विचार करना आवश्यक है कि केंद्रीय विश्वविद्यालयों को छोड़कर देश के सभी राज्य और प्राइवेट यूनिवर्सिटीज को सीयूईटी-यूजी और पीजी परीक्षा में शामिल होना आवश्यक है या नहीं। सभी राज्यों की अपनी अलग-अलग परिस्थितियां होती हैं। वहां के छात्रों का भी अलग-अलग पाठ्यक्रम और कोर्स की उपलब्धता होती है। स्टेट यूनिवर्सिटीज और प्राइवेट यूनिवसर्सिटीज में संसाधन भी अलग-अलग होते हैं। देश की विविधता,बड़ी जनसंख्या, अंतर-विश्वविद्यालय में भिन्नता को ध्यान  में रखते हुए, देश के सभी विश्वविद्यालयों के लिए एक ही परीक्षा में शामिल होने का विकल्प चुनना एक सेंसिबल डिसीजन नहीं होगा।सीयूईटी-यूजी परीक्षा की आंसर-की खामियों को लेकर सिंह ने कहा कि परीक्षा आयोजित कराने वाले इंस्टीट्यूशन या एंजेसी को इस बात पर गंभीरता से ध्यान देना चाहिए कि संसाधनों की उपलब्धता के बावजूद वे 100-50 प्रश्नों के सही उत्तर क्यों नहीं दे पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि आंसर की में होने वाली गलतियां  यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन से लेकर राज्यों के स्टॉफ सेलेक्शन कमीशन तक में व्याप्त हैं।उन्होंने सुझाव दिया कि विद्वान और प्रतिष्ठित शिक्षाविदों और प्रोफेसर्स को एंट्रेस एग्जाम के प्रोसेस में सम्मिलित किया जाना चाहिए। उनके लिए भी प्रश्न-पत्र की तैयारी और इस प्रक्रिया में शामिल होना अनिवार्य किया जाना चाहिए। परीक्षा आयोजित कराने वाली एजेंसी को भी पुराने मानकों की समीक्षा करना चाहिए। क्वालिफाईड प्रोफेसरों, अन्य एक्सपर्ट्स और रिटायर्ड विद्वानों को भी ऑब्जेक्टिव क्वेश्चन बैंक बनाने के लिए पर्याप्त अवसर देना चाहिए। इसके साथ ही संगठन ने एग्जामिनेशन सिस्टम,प्रश्न-पत्र का मानक, परीक्षा के संचालन की कमियों और छात्रों की समस्याओं आदि में सुधार लाने की मांग की है और कहा कि टीचर्स, पेरेंट्स और स्टूडेंट्स से इस बारे में निरंतर फीडबैक लेने की एक प्रणाली लागू की जानी चाहिए। सिंह ने कहा कि समय-समय पर परीक्षा प्रणाली की गहरी समझ रखने वाले प्रतिष्ठित विद्वानों द्वारा एग्जाम सिस्टम की समीक्षा की जानी चाहिए।

2024-07-10 00:17:05

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