CCSU : अब अधिकतम 6 साल में पूरा कर सकेंगे पीजी एनईपी कोर्स

CCSU : अब अधिकतम 6 साल में पूरा कर सकेंगे पीजी एनईपी कोर्स

चौधरी चरण सिंह विवि से संबद्ध कॉलेजों में सत्र 2024-24 से परास्नातक (पीजी) स्तर पर लागू हो रहे एनईपी में छात्र-छात्राओं को डिग्री पूरा करने को अधिकतम छह वर्ष मिलेंगे। स्नातक एनईपी के आधार पर पीजी एनईपी में प्रवेश लेने वाले छात्रों को एक वर्ष की पढ़ाई पूरी करने के बाद छोड़ने की भी सुविधा मिलेगी। पीजी का द्वितीय वर्ष नहीं करने के बावजूद ऐसे छात्र स्नातक (शोध सहित) की उपाधि पा सकेंगे। पीजी प्रथम वर्ष को छात्र अधिकतम तीन वर्ष में पूरा कर सकेंगे। एक वर्ष की पढ़ाई करने के बाद ड्रॉप करने पर छात्र कभी भी वापस द्वितीय वर्ष में प्रवेश ले सकेगा। इस स्थिति में भी छात्र को अधिकतम तीन वर्ष मिलेंगे। यानी पीजी के दो वर्षों को कुल छह वर्ष में पूरा करना होगा, लेकिन प्रत्येक वर्ष के लिए यह तीन वर्ष से ज्यादा नहीं होगा। अभी पीजी की अधिकतम अवधि चार वर्ष थी। विवि ने पीजी एनईपी में प्रवेश, परीक्षा और प्रोन्नति के नियम जारी कर दिए हैं। सौ अंकों का होगा प्रत्येक पेपर, सबमें पास जरुरीविवि के अनुसार पीजी में मुख्य एवं माइनर विषयों का प्रत्येक कोर्स सौ अंकों का होगा। छात्रों को पास होने के लिए न्यूनतम 36 अंक लाने जरूरी होंगे। सौ अंकों के प्रोजेक्ट में भी छात्रों के लिए न्यूनतम 36 अंक अनिवार्य होंगे। प्रत्येक विषय में 70 अंकों की बाह्य एवं 30 नंबर की आंतरिक परीक्षा होगी। विवि के अनुसार छात्रों को आंतरिक एवं बाह्य परीक्षा में अलग-अलग न्यूनतम अंक लाने होंगे। इसमें 70 अंक की बाह्य परीक्षा में 21 एवं 30 अंकों की आंतरिक परीक्षा में नौ नंबर जरूरी होंगे, लेकिन इन दोनों को मिलाकर 36 अंक हर हाल में चाहिए। यदि छात्र के आंतरिक परीक्षा में नौ और बाह्य परीक्षा में 21 नंबर है, लेकिन दोनों को मिलाकर 36 से कम अंक रहते हैं तो ऐसे छात्र फेल रहेंगे। यही नहीं, आंतरिक परीक्षा में पास होने पर ही छात्र बाह्य परीक्षा दे सकेंगे। प्रोजेक्ट में 80 से ज्यादा अंकों पर होगी शर्तविवि के अनुसार सौ नंबर का प्रोजेक्ट आठ क्रेडिट का होगा जो दो सेमेस्टर में पूरा करना होगा। पास होने के लिए छात्र को प्रोजेक्ट में भी न्यूनतम 36 अंक लाने होंगे। प्रोजेक्ट की जांच कुलपति द्वारा नामित बाह्य परीक्षक करेगा। विवि के अनुसार प्रोजेक्ट में छात्र को 80 से 90 अंक केवल शोध पत्र प्रकाशित होने पर मिलेंगे जिसमें शोध पत्र छपेगा वह यूजीसी केयर लिस्ट में होना चाहिए। 91 से ज्यादा अंक के लिए छात्र का रिसर्च पेपर स्कॉपस या वेब ऑफ साइंस में शामिल होना जरूरी होगा। विवि के अनुसार पीजी एनईपी में छात्रों को कोई ग्रेस मार्क्स नहीं मिलेंगे। साथ ही छात्रों को स्नातक (शोध सहित) अथवा पीजी की उपाधि के लिए न्यूनतम सीजीपीए-4.0 लाना होगा। ऐसे मिलेगा अगली कक्षा में प्रवेशविवि के अनुसार विषम सेमेस्टर से सम सेमेस्टर में छात्र सीधे प्रोन्नत हो सकेंगे चाहे विषम सेमेस्टर का रिजल्ट जो भी हो, लेकिन सम से विषम सेमेस्टर के लिए शर्त होंगी। विवि के अनुसार प्रथम वर्ष के प्रथम एवं द्वितीय सेमेस्टर के कुल क्रेडिट का 50 फीसदी क्रेडिट उत्तीर्ण करने पर ही द्वितीय वर्ष यानी तीसरे सेमेस्टर में प्रवेश मिलेगा। 50 फीसदी क्रेडिट में थ्योरी, प्रैक्टिकल, प्रोजेक्ट शामिल होंगे। यदि छात्र प्रथम वर्ष के दोनों सेमेस्टर में 50 फीसदी क्रेडिट पूरे नहीं कर पाता तो उसे द्वितीय वर्ष में प्रोन्नत नहीं किया जाएगा। बाह्य परीक्षा में अनेक बार दे सकेंगे बैक पेपरविवि के अनुसार पीजी एनईपी में बैक पेपर या इंप्रूवमेंट की सुविधा सम या विषम सेमेस्टर के साथ ही मिलेगी। यानी दूसरे सेमेस्टर के लिए चौथे एवं प्रथम के लिए तीसरे सेमेस्टर में बैक पेपर दे सकेंगे। छात्र किसी भी एक सेमेस्टर में मुख्य विषय के 12 क्रेडिट तक के ही थ्योरी एवं प्रैक्टिकल के पेपर ले सकेगा। एक-साथ दो पूर्ण सेमेस्टर के पेपर नहीं दिए जा सकेंगे। फेल होने पर छात्र किसी भी कोर्स में बाह्य परीक्षा कालबाधित न होते तक कितनी भी बार दे सकेगा। हालांकि, अंक सुधार के लिए पेपर केवल एक बार ही दिए जा सकेंगे। आंतरिक परीक्षा में बैक पेपर की सुविधा नहीं मिलेगी। बीएससी एजी का रिजल्ट जारीविवि ने बीएससी अष्टम सेमेस्टर में विभिन्न कॉलेजों का रिजल्ट जारी कर दिया है। छात्र आज से विवि वेबसाइट पर परिणाम देख सकते हैं। 

2024-06-08 08:55:42

Disclaimer: This story is auto-aggregated by a computer program and has not been created or edited by Learningcity. Publisher: livehindustan