CBSE : सीबीएसई कक्षा 9वीं 10वीं में दो और 11वीं 12वीं में एक ही भाषा होगी अनिवार्य

CBSE : सीबीएसई कक्षा 9वीं 10वीं में दो और 11वीं 12वीं में एक ही भाषा होगी अनिवार्य

सीबीएसई ने नए सत्र 2024-25 के लिए कक्षा नौ से 12वीं तक का करिक्युलम जारी कर दिया है। एनईपी में कक्षा नौ और दस में तीन भाषाएं व कक्षा कक्षा 11 और 12 में दो भाषाओं को अनिवार्य किया गया है। लेकिन, जब तक एनसीईआरटी किताबों का प्रकाशन पूर्ण नहीं कर लेती है, तब तक इस सत्र में पूर्व की योजना कक्षा नौ-दस में दो भाषाएं व कक्षा 11-12 में एक ही भाषा अनिवार्य रहेगी। पहली अप्रैल से सीबीएसई का नया सत्र शुरू हो जाएगा। उससे पहले बोर्ड ने छात्रों के लिए करिक्युलम जारी कर दिया है। सिटी कोआर्डीनेटर वीके मिश्रा ने बताया कि सभी स्कूल और छात्रों को बोर्ड के निर्देशों का ध्यान रखना होगा। बोर्ड ने साफ किया है कि कक्षा 11 और 12 में पढ़ाई जाने वाली दो भाषाओं में से एक हिंदी या अंग्रेजी होनी चाहिए। हिंदी और अंग्रेजी को एक साथ भी पढ़ाया जा सकता है। हिंदी और अंग्रेजी में छात्रों की अलग-अलग पृष्ठभूमि को ध्यान में रखते हुए कक्षा 11 और 12 के लिए दो पाठ्यक्रम प्रदान किए गए हैं। कोई भी छात्र हिंदी इलेक्टिव (कोड 002) या हिंदी कोर (कोड 302) या अंग्रेजी इलेक्टिव (कोड-001) या अंग्रेजी कोर (कोड-301) चुन सकता है। एक ही भाषा को कोर और इलेक्टिव दोनों स्तरों पर नहीं पढ़ाया जा सकता है। ऑनलाइन पंजीकरण प्रणाली/मार्कशीट में विषयों को भरने के क्रम में पहले पांच विषयों को मुख्य विषय माना जाता है। कोई उम्मीदवार अतिरिक्त ऐच्छिक विषय भी ले सकता है। ऐच्छिक स्तर पर कोई भाषा या कोई अन्य ऐच्छिक विषय भी हो सकता है। किसी भी विषय के साथ कौशल ऐच्छिक की पढ़ाई की जा सकती है। स्कूलों से अपेक्षा की जाती है कि वे बोर्ड के दिशा-निर्देशों के अनुसार इस क्षेत्र में अपने स्वयं के कार्यक्रम तैयार करें। इसी तरह सामान्य अध्ययन, स्वास्थ्य एवं शारीरिक शिक्षा में कार्यक्रमों की योजना भी बोर्ड के निर्देशों के अनुसार ही बनाई जाए।बोर्ड नहीं बताएगा छात्र का समग्र प्रतिशतसिटी कोआर्डीनेटर वीके मिश्रा ने बताया कि बोर्ड प्रत्येक विषय में प्राप्त अंकों को अलग-अलग दर्शाते हुए मार्कशीट सह प्रमाण पत्र जारी करता है। बोर्ड कोई समग्र स्कोर/प्रतिशत नहीं बताता है। जो उम्मीदवार छह-सात विषय लेते हैं और सभी विषयों में उत्तीर्ण होते हैं, उनका प्रतिशत उस कॉलेज/संस्थान के मानदंडों के अनुसार आंका जाएगा, जिसमें छात्र भविष्य में प्रवेश लेना चाहता है। यदि किसी छात्र ने छह विषय लिए हैं और वह पहले पांच विषयों में से किसी एक में अनुत्तीर्ण हो जाता है, तो उसे छठे विषय से प्रतिस्थापित किया जाएगा, बशर्ते कि उम्मीदवार अध्ययन की योजना को पूरा करता हो, अर्थात प्रतिस्थापन के बाद हिंदी या अंग्रेजी मुख्य पांच विषयों में से एक रहेगा।एक साथ नहीं हो सकेगी इनकी पढ़ाईबोर्ड ने साफ किया है कि बिजनेस स्टडीज (कोड 054) और बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (कोड 833) का संयोजन एक साथ नहीं हो सकता है। इसी तरह से सूचना विज्ञान अभ्यास (065), कंप्यूटर साइंस (कोड 083) और सूचना प्रौद्योगिकी (कोड 802) में से छात्र केवल एक विषय चुन सकता है। गणित (कोड 041) और अनुप्रयुक्त गणित (कोड 241) में से भी एक को ही चुना जा सकता है। 

2024-03-27 08:58:11

Disclaimer: This story is auto-aggregated by a computer program and has not been created or edited by Learningcity. Publisher: livehindustan