BTech : बीटेक पास करने को मिलेंगे अब 7 साल, पासिंग मार्क्स का नियम भी हुआ आसान

BTech : बीटेक पास करने को मिलेंगे अब 7 साल, पासिंग मार्क्स का नियम भी हुआ आसान

BTech Degreee : मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय प्रशासन ने बीटेक के छात्र-छात्राओं को बड़ी राहत दी है। अब यहां के विद्यार्थी अधिकतम फेल होने की दशा में सात साल में बीटेक पूरा कर सकेंगे। इसे लेकर एमएमएमयूटी नया अध्यादेश लाया है। इसके अंतर्गत पढ़ाई पूरी करने के लिए अधिक अवधि दी है तो उसे पास करना भी आसान बना दिया है। पाठ्यक्रम का दायरा थोड़ा सीमित किया गया है। नया अध्यादेश सत्र 2024-25 से ही लागू करने की तैयारी है। एमएमएमयूटी के नए अध्यादेश के मुताबिक अब बीटेक विद्यार्थियों के लिए चार वर्ष का कोर्स को पूरा करने के लिए सात साल तक समय दिया जाएगा। अभी तक यह अवधि छह वर्ष निर्धारित थी। विद्यार्थियों को यह अतिरिक्त अवसर पाठ्यक्रम के दौरान स्टार्टअप शुरू करने की इच्छा पूरी करने के लिए दिया जा रहा है। मल्टीपल एग्जिट और मल्टीपल एंट्रेस का फार्मूला भी विश्वविद्यालय इस सहूलियत के जरिए लागू कर सकेगा।बीटेक में विद्यार्थी आसानी से उत्तीर्ण हो सकें, इसके लिए ओवरऑल पासिंग की व्यवस्था की गई है। छात्रों को अब पास होने के लिए सेमेस्टर और आंतरिक मूल्यांकन में अलग-अलग 40 प्रतिशत अंक नहीं पाने होंगे, ओवरऑल 40 प्रतिशत अंक पाने पर भी उन्हें पास घोषित कर दिया जाएगा। हालांकि सेमेस्टर परीक्षा में उनके लिए न्यूनतम 30 प्रतिशत अंक हासिल करने की बाध्यता होगी। विद्यार्थियों का बोझ कम करने के लिए दो की जगह एक माइनर कोर्स लेने का नियम बनाया है।आउटस्टैंडिंग परफार्मेंस का पैरामीटर बदलेगा अब तक 90 प्रतिशत अंक पाने पर आउटस्टैंडिंग परफार्मेंस माना जाता था। कई बार कठिन प्रश्नपत्र आने पर इस दायरे में कोई छात्र नहीं आ पाता था। इसके लिए विश्वविद्यालय रिलेटिव ग्रेडिंग व्यवस्था करने जा रहा है। इसमें अधिकतम अंक पाने वाले विद्यार्थी के आधार पर उस प्रश्न पत्र के अन्य विद्यार्थियों की परफार्मेंस तय होगी।अगले सेमेस्टर में बदल सकेंगे ब्रांच अब बीटेक प्रथम वर्ष में प्रवेश लेने के बाद ब्रांच में बदलाव के लिए विद्यार्थी को साल भर इंतजार नहीं करना पड़ेगा। दूसरे सेमेस्टर में सीटों के आधार पर वे ब्रांच बदल सकेंगे। ब्रांच में बदलाव का आधार पर जेईई मेन्स का परसेंटाइल होगा। अब तक ब्रांच बदलने का आधार बीटेक प्रथम वर्ष का प्रदर्शन होता था।माइक्रो स्पेशलाइजेशन का भी अवसर विश्वविद्यालय बीटेक विद्यार्थियों को माइनर डिग्री के अलावा माइक्रो स्पेशलाइजेशन का अवसर भी देगा। माइनर डिग्री के आधे क्रेडिट पर अब विद्यार्थी संबंधित विषय में माइक्रो स्पेशलाइजेशन पा सकेंगे।परीक्षा में पारदर्शिता के लिए बनेगी कमेटीपरीक्षा को पारदर्शी बनाने के लिए कोर्स कोआर्डिनेशन कमेटी के गठन का निर्णय हुआ है। हर विषय के लिए अलग कमेटी बनेगी। कमेटी ही प्रश्न पत्र का प्रारूप व परीक्षक तय करेगी। अब तक यह कार्य किसी एक शिक्षक के जिम्मे होता था।बीटेक का नया अध्यादेश तैयार किया गया है। इसे विद्या परिषद से मंजूरी मिल गई है। नए अध्यादेश को और अधिक छात्र केंद्रित बनाने की कोशिश की गई है। - प्रो. जय प्रकाश सैनी, कुलपति, एमएमएमयूटी

2024-03-09 08:01:19

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