BSSC और BPSC निकालेंगे 15610 पदों पर भर्ती, पंचायत सचिव व LDC समेत ये होंगे पद

BSSC और BPSC निकालेंगे 15610 पदों पर भर्ती, पंचायत सचिव व LDC समेत ये होंगे पद

बिहार पंचायती राज विभाग में 15610 पदों पर भर्ती होगी।  पंचायती राज मंत्री केदार प्रसाद गुप्ता कहा कि 4351 पदों पर स्थायी नियुक्ति होनी है, जबकि 11259 पदों पर संविदा पर नियुक्ति होगी। लक्ष्य है कि नियुक्ति प्रक्रिया जल्द पूरी कर ली जाए। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के 10 लाख लोगों को रोजगार देने की घोषणा को पूरा करने में पंचायती राज विभाग की भी महत्वपूर्ण भूमिका होगी। पंचायती राज मंत्री शुक्रवार को विभागीय कार्यों की जानकारी प्रेस के साथ साझा कर रहे थे। उन्होंने बताया कि प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारियों और अंकेक्षकों की नियुक्ति बीपीएससी से होगी। पंचायत सचिव, निम्नवर्गीय लिपिक, कार्यपालक परिचारी और जिला परिषद में निम्नवर्गीय लिपिक की नियुक्ति बिहार कर्मचारी चयन आयोग के माध्यम से की जाएगी। विभाग में विभिन्न पदों पर नियुक्ति पूरी होने से गांवों के विकास कार्य में और तेजी आएगी। ये हैं स्थायी पद पंचायती राज पदाधिकारी- 112पंचायत सचिव -3525अंकेक्षक -28निम्नवर्गीय लिपिक -505कार्यालय परिचारी- 5जिला परिषद कनीय अभियंता -104जिला परिषद में निम्वर्गीय लिपिक -72अस्थायी पद लेखापाल सह आईटी सहायक -7070तकनीकी सहायक -556कार्यपालक सहायक या डाटा इंट्री ऑपरेटर -3ग्राम कचहरी सचिव -1400ग्राम कचहरी न्यायमित्र- 2230अगस्त 2025 तक पंचायतों के सभी वार्डों में सोलर लाइट लग जाएगीमंत्री ने बताया कि मुख्यमंत्री सोलर स्ट्रीट लाइट योजना के लिए वित्तीय वर्ष 2024-25 में 3090 करोड़ स्वीकृत किया गया है। अगस्त 2025 तक राज्य के 8053 पंचायतों के  एक लाख 9 हजार 321 वार्डों में 10-10 सोलर स्ट्रीट लाइट लगाने का काम पूरा हो जाएगा। पंचायती राज विभाग के अपर मुख्य सचिव मिहिर कुमार सिंह ने कहा कि अभी तक 4126 पंचायतों के 16397 वार्डों में कुल 1 लाख 65 हजार 903 सोलर स्ट्रीट लाइट लगा दिया गया है। सोलर लाइट लगाने के लिए कुल राशि में 75 प्रतिशत 15वीं वित्त आयोग की और 25 प्रतिशत षष्टम राज्य वित्त आयोग की है। मौके पर पंचायती राज निदेशक हिमांशु कुमार राय सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे। अविश्वास प्रस्ताव पर उपस्थित सदस्यों का बहुमत मान्य  अपर मुख्य सचिव मिहिर कुमार सिंह ने बताया कि प्रखंड प्रमुख, जिला परिषद अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के दौरान मौजूद सदस्यों के बहुमत से फैसला होगा। निर्वाचित सभी सदस्यों की उपस्थिति अनिवार्य नहीं है। उन्होंने बताया कि पटना हाइकोर्ट द्वारा इस संबंध में फैसला दिया गया है कि प्रमुख-उप प्रमुख और जिला परिषद अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को लेकर क्या प्रक्रिया अपनायी जायेगी। विभाग ने इस आदेश को जिलों को भेज दिया है। निर्वाचित प्रमुख-उप प्रमुख के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित करने के लिए बैठक में उपस्थित सदस्यों के बहुमत आवश्यक है। यही प्रक्रिया जिला परिषद अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के लिए भी अपनायी जायेगी। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि पटना हाइकोर्ट के निर्णय के खिलाफ सरकार सुप्रीम कोर्ट में अपील नहीं करेगी।  

2024-06-08 06:54:06

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