
बिहार में सक्षमता परीक्षा पास 36000 शिक्षकों को त्रुटि सुधारने का मिलेगा मौका
बिहार में सक्षमता परीक्षा उत्तीर्ण 36 हजार नियोजित शिक्षकों को आधार नंबर और प्रमाणपत्रों आदि में हुई त्रुटि में सुधार का मौका मिलेगा। ये सभी वैसे शिक्षक हैं, जिनकी काउंसिलिंग विभिन्न कारणों से नहीं हो सकी है। इनमें वो शिक्षक भी हैं, जो काउंसिलिंग में उपस्थित नहीं हुए थे। इस बाबत शिक्षा विभाग और बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की अहम बैठक गुरुवार को हुई। इसमें शिक्षकों की समस्याओं के समाधान के लिए बोर्ड का पोर्टल खोलने या कोई अन्य तरीका अपनाने पर विचार-विमर्श हुआ। माध्यमिक शिक्षा निदेशक योगेंद्र सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस पर सहमति बनी कि किन-किन तरह की त्रुटियां और परेशानियां सामने आयी हैं, उसकी सूची बनेगी। विभागीय पदाधिकारी बताते हैं कि शिक्षकों को सुधार का मौका मिलेगा, यह निर्णय विभाग ने लिया है।इसको लेकर ही बिहार बोर्ड के पदाधिकारियों से विचार-विमर्श किया जा रहा है कि कैसे समाधान निकलेगा। चूकि बिहार बोर्ड के पोर्टल पर ही शिक्षकों के द्वारा सक्षमता परीक्षा के दौरान अपलोड किये गये आधार नंबर, प्रमाणपत्रों से मिलान किया जाना है। काउंसिलिंग के दौरान पोर्टल पर अपलोड प्रमाणपत्रों से शिक्षकों के द्वारा लाये गये प्रमाणपत्र का मिलान किया जा रहा था। मिलान नहीं होने की स्थिति में ही काउंसिलिंग अधूरी रह गयी है।विभाग का साफ फैसला है कि काउंसिलिंग पूरी होने के बाद ही नियोजित शिक्षकों को नये सिरे से पदस्थापित किया जाएगा। इसके बाद ही इन्हें सरकारी शिक्षक का दर्जा मिलेगा। सक्षमता परीक्षा उत्तीर्ण होने वाले शिक्षकों की संख्या एक लाख 87 हजार है। इनमें करीब 36 हजार की काउंसिलिंग पूरी नहीं हो सकी है। इसको लेकर बड़ी संख्या में शिक्षकों ने विभाग में आवेदन दिया है कि उनके आधार नंबर और प्रमाणपत्रों की त्रुटि में सुधार का मौका दिया जाये।
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