आदेश! विश्वविद्यालयों के बैंक खातों से रोक हटेगी : पटना हाईकोर्ट

आदेश! विश्वविद्यालयों के बैंक खातों से रोक हटेगी : पटना हाईकोर्ट

पटना हाईकोर्ट ने विश्वविद्यालयों के बैंक खातों और अधिकारियों के वेतन पर शिक्षा विभाग की रोक को तत्काल प्रभाव से स्थगित करने का आदेश दिया है। साथ ही कोर्ट ने अगले आदेश तक सभी विश्वविद्यालय के अधिकारियों के खिलाफ किसी प्रकार की दंडात्मक कार्रवाई नहीं करने की हिदायत भी दी। मामले पर अगली सुनवाई की तारीख 17 मई तय की। इससे पहले सुनवाई के दौरान विश्वविद्यालयों के कुलपतियों ने शिक्षा विभाग की बैठक में शामिल होने पर अपनी सहमति दी। उनका कहना था कि बैठक सौहार्दपूर्ण माहौल में होनी चाहिए। किसी के साथ बदसलूकी न हो। इस बात पर शिक्षा विभाग की ओर से महाधिवक्ता पीके शाही ने कोर्ट को बताया कि पूरी बैठक की वीडियो रिकॉर्डिंग होगी और कोई भी अधिकारी किसी के साथ बदसलूकी नहीं करेंगे, लेकिन विश्वविद्यालयों के कुलपति और अन्य अधिकारी भी पूरा सहयोग करें। कोर्ट ने बैठक के लिए छह मई की तारीख तय की है। राज्य के विश्वविद्यालयों की ओर से दायर रिट याचिकाओं पर हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यामूर्ति अंजनी कुमार शरण की एकल पीठ ने शुक्रवार को एक-एककर सुनवाई की। हाईकोर्ट ने उम्मीद जताई कि विश्वविद्यालय अपने सेवानिवृत्त कर्मियों के बकाया राशि का भुगतान करेंगे और कर्मचारियों का वेतन जारी किया जाएगा।मतभेद मिटा सभी बैठक में शामिल हों कुलाधिपतिकुलाधिपति की ओर से वरीय अधिवक्ता डॉ केएन सिंह और राजीव रंजन कुमार पांडेय ने कोर्ट को बताया कि छात्रों के उज्ज्वल भविष्य को देखते हुए सभी को आपसी मतभेद मिटा कर बैठक में भाग लेना चाहिए। उनके ही सुझाव के बाद कोर्ट ने बैठक में भाग लेने की बात कही। जिस पर सभी पक्षों ने सहमति जताई और कोर्ट ने सरकार के खर्चे पर बैठक की तारीख, समय और स्थान तय किया। इस बैठक में सभी विश्वविद्यालयों के कुलपति, रजिस्ट्रार, परीक्षा नियंत्रक और वित्तिय सलाहकार को भाग लेने का आदेश दिया गया। वहीं शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों के साथ अपर मुख्य सचिव को भी बैठक में भाग लेने का आदेश दिया गया है। कोर्ट ने उम्मीद जताई कि अगर बिहार के मुख्य सचिव उस दिन व्यस्त नहीं रहेंगे तो उनकी अध्यक्षता में बैठक हो।थोड़ी कड़ाई पर सभी विचलित हो गए महाधिवक्ताराज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता ने कहा कि जितना पैसा विश्वविद्यालयों को दिया जा रहा हैं, उतना छात्रों को दे दिया जाये तो वे बेहतर शिक्षा ग्रहण कर लेंगे। राज्य सरकार लगभग 5 हजार करोड़ रुपयो हर साल देती है और शिक्षा का स्तर अन्य राज्यों के तुलना में काफी खराब है। शिक्षा की बदतर स्थिति के कारण छात्रों का पलायन जारी है। उनका कहना था कि विभाग ने थोड़ी कड़ाई क्या की, सभी बिचलित हो गये। छात्रों का भविष्य अंधकारमय है। उन्होंने बताया कि कोई भी विश्वविद्यालय समय पर परीक्षा नहीं ले रहा। परीक्षा समय पर लेने के लिए बैठक बुलाई गई तो कुलपति नहीं आए। कोर्ट में सभी कानून की बात कर रहे हैं लेकिन यह नहीं बता रहे हैं कि आखिर किस कानून के तहत विश्वविद्यालय पीएल खाते में पैसा रखते हैं। 

2024-05-04 09:00:33

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