
8 साल में ही पूरी करनी होगी 4 वर्षीय ग्रेजुएशन, फेल या गैप ईयर होने पर भी नहीं मिलेगी राहत
प्रो. राजेंद्र सिंह (रज्जू भय्या) राज्य विश्वविद्यालय और इससे संबद्ध मंडल के कॉलेजों में शैक्षिक सत्र 2024-25 से स्नातक की चार वर्षीय पढ़ाई होगी। राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी 2020) के तहत जहां यह बदलाव किया गया है, वहीं अधिकतम समयसीमा में छूट नहीं दी गई है। चार वर्षीय पाठ्यक्रम को अधिकतम आठ साल में ही छात्र-छात्राओं को पूरा करना होगा। फेल या गैप ईयर होने पर भी स्नातक करने के लिए महज आठ साल का ही वक्त मिलेगा। इससे पहले तीन साल के स्नातक के लिए आठ साल का ही वक्त मिलता था। तय समय के भीतर ही छात्र-छात्राओं को सर्टिफिकेट, डिप्लोमा, डिग्री व ऑनर्स प्रदान किया जाएगा।विश्वविद्यालय के सभी पाठ्यक्रमों में एनईपी-2020 लागू कर दिया गया है। इसके तहत प्रवेश लेने वाले छात्र-छात्राओं को मल्टीपल एंट्री और एक्जिट का विकल्प दिया गया है। इसी साल से स्नातक चार वर्षीय में प्रवेश लिए गए हैं। एक साल की पढ़ाई पूरी करने पर सर्टिफिकेट प्रदान किया जाएगा। उदाहरण के तौर पर यदि छात्र एक साल की पढ़ाई पूरी करने के बाद फेल होने अथवा पढ़ाई छोड़ने के बाद आगे की पढ़ाई करना चाहेगा तो उसे पंजीकृत तिथि (प्रवेश लेने वाले वर्ष) से आठ साल में ही चार वर्षीय स्नातक पूरा करने पर ही आनर्स की डिग्री प्रदान की जाएगी।प्रवेश के लिए अभिलेख सत्यापन तीन कोइलाहाबाद विश्वविद्यालय के गांधी विचार एवं शांति अध्ययन संस्थान में एमए में प्रवेश के लिए अभिलेखों का सत्यापन तीन सितंबर को होगा। संस्थान के निदेशक प्रो. राकेश सिंह ने बताया कि जिन छात्रों ने एमएम में ऑनलाइन प्रवेश लिया है उनके मूल अभिलेखों की जांच होगी। नव प्रवेशित विद्यार्थी शैक्षणिक प्रमाणपत्र, माइग्रेशन सर्टिफिकेट और आधारकार्ड सहित अन्य अभिलेखों के साथ तीन सितंबर को 11 बजे पंजीकरण करवा सकते हैं।
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